Trip To Heaven: चोपटा…वो नाम है, जहां पहुंच कर आपको ऐसा लग सकता है कि आप किसी तस्वीर के अंदर है। तस्वीर भी वो जिसमें बर्फ और हरियाली साथ में नजर आती है। जहां चारों तरफ फैली बर्फ की चादर आपको जन्नत सा एहसास भी करा सकती है। उत्तराखंड के दिल में बसी ये छोटी सी जगह केदारनाथ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का ही हिस्सा है। ये जगह तुंगनाथ तक ट्रेकिंग के लिए बेस भी है। इस जगह की खूबसूरती का अंदाजा ऐसे भी लगा सकते हैं कि इसकी ऊंचाई बहुत है और यहां लोगों की आवाजाही अभी कम ही है। और यही वजह है कि इस जगह की हवा बहुत ताजा और माहौल बहुत फ्रेश है। यहां आना ऐसा है मानो जन्नत पर कदम रख दिए हों। चोपटा से जुड़ी कई दूसरी बातें आइए जानें-

कैसे आएं-
यहां आने के लिए हवाई यात्रा करनी है तो चोपटा से 226 किलोमीटर दूर बने देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से यहां आया जा सकता है। इस हवाई अड्डा में नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से नियमित उड़ाने आती हैं। जबकि नजदीकी रेलवे स्टेशन की बात करें तो सबसे नजदीकी स्टेशन ऋषिकेश है। हरिद्वार, देहरादून और ऋषिकेश से बस यात्रा भी की जा सकती है।

कब आएं-
इस जगह आने का सही समय गर्मी और मॉनसून का है। सर्दी के मौसम में यहां आने से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि उस वक्त यहां काफी बर्फ गिरती है।
पर्वत मालाओं का नजारा-
चोपटा…वो सुंदर जगह है, जहां से आपको कई सारी पर्वत मालाओं के दर्शन भी आसानी से होंगे। यहां से आपको हिमालय भी नजर आएगा। साथ में तीन और पर्वत मालाएं जैसे चौखंबा नन्दा देवी और त्रिशूल की खूबसूरती भी आप देख सकेंगी।

मिनी स्विजरलैंड है चोपटा-
उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में बनी ये छोटी सी जगह 2680 मीटर की ऊंचाई पर है। मगर इसे मिनी स्विजरलैंड इस वजह से नहीं कहा जाता है बल्कि ऐसा कहे जाने की वजह घास के मैदान हैं, जिन्हें बुग्यल्स भी कहा जाता है। ये बिलकुल वैसे ही हैं, जैसे स्विजरलैंड में हुआ करते हैं।
सबसे ऊंचाई पर बना शिव मंदिर-
ये जगह तुंगनाथ मंदिर के लिए भी जानी जाती है। ये मंदिर पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बने शिव मंदिर के तौर पर जाना जाता है। तुंगनाथ माउंटेन रेंज में स्थित ये मंदिर समुद्र के स्तर से 3680 मीटर की ऊंचाई पर बना है। चोपटा से ये जगह सिर्फ 3.5 किलोमीटर दूर है। ये मंदिर हिंदुओं के लिए प्रमुख धार्मिक केंद्र पंच केदार में से एक है।

रावण के पाप-
पंच केदार की तरफ ट्रेक करने वालों के लिए आधार शिविर बनने वाले चोपटा के बारे में एक कहानी और प्रचलित है। हिंदू पुराणों की मानें तो रावण को जब लगा कि उन्होंने कई पाप किए हैं और अब उनका प्रायश्चित किया जाना चाहिए तो वो इसी मंदिर में आया था।
