20+ डलहौजी के ये हैं घूमने के लिए बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल
Famous Places in Dalhousie : डलहौजी में कई ऐसी खूबसूरत जगहें हैं, जहां आप कुछ प्यारे से समय बिता सकते हैं। आइए जानते हैं यहां घूमने के कुछ खूबसूरत से जगहों की लिस्ट-
Dalhousie Mein Ghumne ki Best Jagah: हिमाचल प्रदेश में स्थित डलहौजी काफी खूबसूरत जगह है। अगर आप प्राकृतिक नजारों का मजा लेना चाहते हैं, तो डलहौजी की यात्रा जरूर करें। यह काफी खूबसूरत और प्राकृतिक नजारों से भरा शहर है। यहां आप कई तरह की एक्टिविटीज जैसे- पैराग्लाइडिंग, रॉक क्लाइमिंग इत्यादि का मजा ले सकते हैं। आइए जानते हैं डलहौजी में घूमने के लिए बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल कौन से हैं?
डलहौजी में घूमने के लिए 20 खूबसूरत जगह – Famous Places in Dalhousie in Hindi
| जगह | किलोमीटर (शहर से दूरी) |
| पंचपुला (Panchpula) | 1 किलोमीटर |
| चामुंडा देवी मंदिर (Chamunda Devi Temple) | 14 किलोमीटर |
| सतधारा झरना (Satdhara Waterfalls) | 1 किलोमीटर |
| खजियार (Khajjiar) | 20 किलोमीटर |
| कालाटोप वाइल्ड सेंचुरी (Kalatop Wild Sanctuary) | 4 किलोमीटर |
| चमेरा लेक (Chamera Lake) | 10 किलोमीटर |
| गंजी पहाड़ी ट्रेक (Ganji Pahari Trek) | 2 किलोमीटर |
| पैराग्लाइडिंग (Paragliding) | 0 किलोमीटर |
| सुभाष बावली (Subhash Baoli) | 5 किलोमीटर |
| सच पास (Sach Pass) | 10 किलोमीटर |
| रिवर क्रॉसिंग एंड रिवर राफ्टिंग (River Crossing and River Rafting) | 1 किलोमीटर |
| इंडो तिब्बितन मार्केट (Indo-tibetan Market) | 1 किलोमीटर |
| चंबा (Chamba) | 14 किलोमीटर |
| रॉक गार्डन (Rock Garden) | 6 किलोमीटर |
| मॉल रोड (Mall Road) | 0 किलोमीटर |
| रॉक क्लाइमिंग (Rock Climbing) | 5 किलोमीटर |
| गरम सड़क (Garam Sadak) | 8 किलोमीटर |
| लक्ष्मी नारायण मंदिर (Laxmi narayan Temple) | 7 किलोमीटर |
| भूरी सिंह म्यूजियम (Bhuri Singh Museum) | 13 किलोमीटर |
| बकरोटा हिल्स (Bakrota Hills) | 1 किलोमीटर |
पंचपुला (Panchpula)

हिमाचल प्रदेश के डलहौजी शहर में स्थित पंचपुला काफी शांत और खूबसूरत स्थान है। यह डलहौजी में स्थित काफी ज्यादा लोकप्रिय पिकनिक स्थल है, जो डलहौजी के गांधी चौक से 3.5 किमी की दूरी पर स्थित है। अगर आप डलहौजी जा रहे हैं, तो यह जगह आपके लिए काफी खूबसूरत और शांत जगह हो सकती है। यहां की हरियाली और हरी-भरी हरियाली आपको अपनी ओर आकर्षित करती है।
प्रवेश शुल्क
डलहौजी के पंचपुला जाने के लिए आपको किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं देना पड़ेगा। आप किसी भी वक्त यहां जा सकते हैं।
चामुंडा देवी मंदिर (Chamunda Devi Temple)

डलहौजी में स्थित चामुंडा देवी का मंदिर, मां काली को समर्पित है। यह इस शहर का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर वहीं है, जहां देवी अंबिका ने मुंडा और चंदा का वध किया था। मंदिर में स्थित मां देवी की मूर्ति को लाल कपड़े में लपेटकर रखा जाता है। इसके साथ ही मंदिर के आसपास का दृश्य भी काफी खूबसूरत है।
प्रवेश शुल्क
चामुंडा देवी मंदिर जाने के लिए आपको किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप सुबह 5 बजे से रात के 10 बजे तक दर्शन के लिए जा सकते हैं।
बकरोटा हिल्स (Bakrota Hills)
बकरोटा हिल्स, जिसे कई लोग अपर बकरोटा के नाम से भी जानते हैं। डलहौजी में स्थित यह सबसे ऊंचा हिल्स है। यह हिल्स बकरोटा वॉक नामक रोड से घिरा हुआ है, जो खजियार की ओर जाती है। इस हिल्स पर आप कुछ समय व्यतीत कर सकते हैं, जो आपको आनंदित कर सकते हैं।

प्रवेश शुल्क
बकरोटा हिल्स जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सूर्यास्त से पहले और सुर्योदय के बाद घूम सकते हैं।
सतधारा झरना (Satdhara Waterfalls)
सतधारा झरना हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में स्थित है। यह चंबा घाटी से घिरा हुआ खूबसूरत झरना है। इसके चारों को बर्फ से ढकी घाटियां है, जो आपको कुछ देर के लिए काफी फ्रेश महसूस करा सकती हैं। साथ ही हरे-भरे देवदार के पेड़ झरना के आसपास के इलाकों को बेहद ही खूबसूरत बनाते हैं।

प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप किसी भी समय यहां जा सकते हैं।
खजियार (Khajjiar)

खजियार को ‘मिनी-स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है। खजियार डलहौजी के पास स्थित एक छोटा का शहर है। यहां आप एक दिन या रात भर का ट्रिप प्लान कर सकते हैं। खजियार अपने घास के मैदानों के लिए काफी ज्यादा जाना जाता है। घास के मैदान के बीच में खजियार झील है और कैंपिंग करके दृश्यों को देखने का आनंद मिल सकता है। इसके साथ ही आप यहां पैराग्लाइडिंग, ज़ोरबिंग और घुड़सवारी इत्यादि का भी आनंद ले सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
खजियार एक शहर है, इस शहर में जाने के लिए आपको किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां दिन या रात किसी भी समय जा सकते हैं।
कालाटोप वाइल्ड सेंचुरी (Kalatop Wildlife Sanctuary)

घने देवदार के पेड़, ढेर सारे वन्य जीव, बर्फ से ढके पहाड़, हरे घास के मैदानों के बीच स्थित यह वाइल्डलाइफ सेंचुरी प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसे कालाटोप खजियार अभयारण्य भी कहा जाता है, यह हिमाचल प्रदेश के सुरम्य पहाड़ी चंबा जिले में स्थित है। अगर आप डलहौजी जा रहे हैं, तो इसे देखना बिल्कुल भी न भूलें।
प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए आपको प्रत्येक व्यक्ति 250 रुपये देने होते हैं। आप यहां सुबह 7 बजे से शाम के 6 बजे तक जा सकते हैं।
चमेरा लेक (Chamera Lake)

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में डलहौजी के पास स्थित चमेरा झील, जिसे लोग चंबा झील के नाम से भी जानते हैं। चंबा बांध के लिए मानव निर्मित जलाशय है। यह एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल और वोटिंग स्थल भी है। आप यहां स्पीड बोट या रोबोट की मदद से वोटिंग कर सकते हैं। इसके साथ ही यहां कयाकिंग और कैनोइंग जैसी एक्टिविटीज भी होती हैं।
प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है। हालांकि, वोटिंग के लिए अलग-अलग शुल्क लिए जाते हैं।
गंजी पहाड़ी ट्रेक (Ganji Pahari Trek)

गंजी पहाड़ी डलहौजी के पास स्थित एक सुंदर पहाड़ी है। गंजी पहाड़ी तक पहुंचने के लिए आपको 1 से 2 घंटे की ट्रैकिंग करनी पड़ेगी। यह ट्रैकिंग पंचपुला (लगभग 3.5 किमी) से शुरू होती है। इस पड़ाही पर पेड़-पौधे बिल्कुल भी नहीं है, इसलिए इसे गंजी पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। सर्दियों में इसी पहाड़ी पर बर्फ की मोटी परत जम जाती है।
प्रवेश शुल्क
गंजी पड़ाही पर जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सूर्यास्त से पहले और सूर्योदय के बाद ट्रैकिंग कर सकते हैं।
पैराग्लाइडिंग (Paragliding)

डलहौजी जाकर अगर आप कुछ रोमांचक फील करना चाहते हैं, तो पैराग्लाइडिंग आपके लिए बेस्ट हो सकती है। यह काफी बेहतरीन एक्टिवी है। पैराग्लाइडिंग के लिए अनुकूल महीने सितंबर से नवंबर और जनवरी और जून का महीना माना जाता है। डलहौजी में पैराग्लाइडिंग की अधिकांश एक्टिविटी खजियार में आयोजित की जाती हैं। आप यहां एक बार पैराग्लाइडिंग का अनुभव जरूर लें।
प्रवेश शुल्क
पैराग्लाइडिंग करने के लिए हर व्यक्ति से अलग-अलग शुल्क लिए जाते हैं। आप दिन के समय पैराग्लाइडिंग कर सकते हैं।
सुभाष बावली (Subhash Baoli)

प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर, सुभाष बावली एक बारहमासी झरना है, जो औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे स्वतंत्रता सेनानी की खराब सेहत ठीक हो गई थी। डलहौजी में गांधी चौक से 1 किमी दूर स्थित, नेता को श्रद्धांजलि देने वाला यह स्थान पिकनिक और शाम की सैर के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है।
प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप किसी भी वक्त यहां जा सकते हैं।
सच पास (Sach Pass)
सच पास एक पहाड़ी दर्रा है, यह चंबा और पांगी घाटियों से जोड़ता है। डलहौजी से 150 किलोमीटर की दूरी पर, यह उत्तर भारत में पार करने के लिए सबसे कठिन दर्रों में से एक है। यह स्थानीय लोगों के लिए चंबा या पांगी घाटियों तक पहुंचने का एक पसंदीदा मार्ग है और डलहौजी से ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध स्थान है।

प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप किसी भी वक्त यहां जा सकते हैं।
रिवर क्रॉसिंग एंड रिवर राफ्टिंग (River Crossing and River Rafting)
डलहौजी में आप रिवर क्रासिंग और रिवर राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं। यह एक्टिविटी एक कुशल ट्रेनर की देखरेख में की जाती है। यह एक्टिविटी रावी या साल नदी के ऊपर की जाती है। चंबा में रिवर राफ्टिंग एक बढ़ती हुई पसंदीदा एक्विटी है, जो आमतौर पर रावी और साल नदियों पर भी की जाती है। प्राइवेट और सरकारी दोनों पर्यटन संगठन इन एक्टिविटीज का आयोजन कराते हैं।

प्रवेश शुल्क
यहां आपको अलग-अलग शुल्क देना पड़ता है। आप दिन के समय ही रिवर क्रॉसिंग या फिर राफ्टिंग कर सकते हैं।
इंडो तिब्बितन मार्केट (Indo-tibetan Market)

डलहौजी में आप अगर मार्केटिंग करने का प्लान कर रहे हैं, तो इंडो-तिब्बतियन मार्केट घूम सकते हैं। यहां आपको ट्रेडिशनल कश्मीरी शॉल, कढ़ाई, बैग, कालीन इत्यादि मिल जाएंगे। मोती टीबा में तिब्बती बाजार खरीदारी के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक माना जाता है। इनमें से प्रत्येक वस्तु की शुरुआती कीमत 300 रुपये है। इंडो तिब्बती बाजार गांधी चौक में है, जिसके पास में अन्य हथकरघा और हस्तशिल्प स्टोर भी हैं।
प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप सुबह 10 से शाम के 10 बजे तक यहां जा सकते हैं।
चंबा (Chamba)

चंबा हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित एक हिमालयी शहर है। यह प्राचीन मंदिरों, गुफाओं और भारतीय इतिहास के लिए जाना जाता है। चंबा चित्र-पोस्टकार्ड शहर की पृष्ठभूमि में पीर पंजाल, जांस्कर और धौलाधार के खूबसूरत दृश्यों के लिए जाना जाता है। यह हिमालयी शहर जम्मू-कश्मीर, लाहौल और कांगड़ा से घिरा रावी नदी के तट पर 996 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
प्रवेश शुल्क
चंबा शहर जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप किसी भी वक्त यहां जा सकते हैं।
रॉक गार्डन (Rock Garden)

रॉक गार्डन डलहौजी का काफी खूबसूरत उद्यान है। यह एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। पार्क में आराम करने और फ्रेश फील करने के लिए आप जा सकते हैं। इसके अलावा आप कुछ एक्टिविटीज जैसे- जिप लाइनिंग इत्यादि भी कर सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
पार्क में जाने के लिए किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां किसी भी वक्त जा सकते हैं।
मॉल रोड (Mall Road)

गांधी चौक या जीपीओ, डलहौजी की सबसे व्यस्त सड़क है। अन्य हिल स्टेशनों की तरह डलहौजी में कोई मॉल रोड नहीं है, इसलिए कई लोग गांधी चौक को ही डलहौजी का मॉल रोड कहते हैं।। डलहौजी में खरीदारी के लिए यह एक बेहतरीन जगह है। आप यहां ऊनी कपड़े और रोजमर्रा की चीजें खरीद सकते हैं। साथ ही अपने दोस्तों के लिए गिफ्ट ले जा सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
मॉल रोड जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप किसी भी समय खरीददारी कर सकते हैं।
रॉक क्लाइमिंग (Rock Climbing)

रॉक क्लाइंबिंग डलहौजी की एडबेंचर से भरी एक्टिविटी है, जो काफी ज्यादा लोकप्रिय है। यह डलहौजी के कई स्थानों, विशेषकर खजियार में की जा सकती है। रॉक क्लाइमिंग के लिए आपको किसी अच्छे पेशेवर पर्यवेक्षण की जरूरत होती है। कई लोग ग्रुप के साथ रॉक-क्लाइमिंग करना पसंद करते हैं, क्योंकि ग्रुप में कम खर्च और सही तरीके से रॉक क्लाइमिंग हो पाती है।
प्रवेश शुल्क
रॉक क्लाइमिंग सुबह के वक्त होती है। रॉक क्लाइमिंग के लिए आपको अलग-अलग शुल्क देना पड़ता है।
गरम सड़क (Garam Sadak)
गरम सड़क डलहौजी में गांधी चौक और सुभाष चौक को जोड़ने वाली एक सड़क है जो घाटी के सुंदर दृश्य के लिए जानी जाती है। यहां के ऊंचे पेड़ और हरी वनस्पतियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। डलहौजी में कुछ देर शांतिपूर्ण वॉक करने के लिए यह काफी अच्छी सड़क मानी जाती है। इस सड़क पर कई लोगों को वॉक करना काफी पसंद है। सड़क के किनारे दीवारों पर सजी खूबसूरत ‘तिब्बती रॉक पेंटिंग’ भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

प्रवेश शुल्क
इस मार्ग पर चलने के लिए आपको कई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप किसी भी समय जा सकते हैं।
लक्ष्मी नारायण मंदिर (Laxmi narayan Temple)
लक्ष्मी नारायण का यह मंदिर 920 और 940 ईस्वी के बीच निर्मित किया गया है। यह मंदिर चंबा क्षेत्र का एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर में भगवान विष्णु और शिव को समर्पित छह मंदिर हैं, जो शिखर शैली में निर्मित हैं। इस मंदिर में सुंदर मूर्तियां, गर्भ गृह और मंडप हैं। मुख्य देवता भगवान विष्णु की मूर्ति दुर्लभ संगमरमर से बनी हुई है। मंदिर के छत की डिजाइन इस तरह से की गई है, जो भारी बर्फबारी को रोक सके।

प्रवेश शुल्क
मंदिर में जाने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप सुबह 5 बजे से रात के 8 बजे तक दर्शन के लिए जा सकते हैं।
भूरी सिंह म्यूजियम (Bhuri Singh Museum)
चंबा के पूर्व शासक के नाम पर रखा गया, भूरी सिंह संग्रहालय अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए जाना जाता है। 1908 में स्थापित संग्रहालय चंबा के केंद्र में स्थित है, इस म्यूजियम में कला का विशाल संग्रह है। पुरातत्व, मानव विज्ञान, शिल्प और संस्कृति से संबंधित 8500 से अधिक प्राचीन वस्तुओं के लिए यह संग्रहालय जाना जाता है, जो चंबा के अतीत का एक स्पष्ट प्रमाण है।

प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 50 रुपये टिकट के रूप में देने पड़ते हैं। अगर आप कैमरा ले जा रहे हैं, तो प्रत्येक कैमरा 150 रुपये शुल्क देना पड़ेगा। आप यहां सुबह 10 से शाम के 5 बजे तक जा सकते हैं।
डलहौजी घूमने का सबसे सही समय कौन सा है?
डलहौजी में घूमने के लिए मार्च से जून का महीना सबसे सही माना जाता है। इस महीने में बर्फ पिघलने शुरू हो जाते हैं। हालांकि, अगर आपको बर्फ देखने का शौक है, तो आप अक्टूबर से जनवरी माह के बीच जा सकते हैं।
डलहौजी कैसे पहुंचे?
रेलवे मार्ग : डलहौजी जाने के लिए आप रेलवे मार्ग का चुनाव कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने शहर या फिर अपने पास के शहर से पठानकोट के लिए टिकट लें। यहां से उतरकर आप प्राइवेट गाड़ी की मदद से डलहौजी पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग : देश के कई शहरों से डलहौजी के लिए डायरेक्ट बस की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा प्राइवेट गाड़ी की मदद से भी आप डलहौजी पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग : हवाई मार्ग से डलहौजी पहुंचने के लिए आपको गगल हवाई अड्डे का एयर टिकट लेना पड़ेगा। यहां पहुंचने के बाद आप डलहौजी शहर घूम सकते हैं। यहां से सिर्फ 14 किलोमीटर की दूरी पर डलहौजी शहर स्थित है।
डलहौजी में ठहरने के लिए होटल
होटल हेवेन हिल्स
जीपीओ रोड, गुरु नानक पब्लिक स्कूल के सामने, मोती टीबा, डलहौजी
होटल हिमधारा, डलहौजी
चर्च बलून रोड, मोती टीबा, डलहौजी, हिमाचल प्रदेश
होटल शांगरी-ला, डलहौजी
मॉल रोड, मोती टीबा, डलहौजी, हिमाचल प्रदेश
FAQ | क्या आप जानते हैं
अगर आप एक पूरा बजट प्लान करके चलते हैं, तो 10 से 15 हजार के बीच में यहां घूम सकते हैं। हालांकि, यहां घूमने में कितना पैसा लगेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कैसा होटल और मार्ग का चुनाव कर रहे हैं।
डलहौजी घूमने का सबसे अच्छा मौसम मार्च से जून का माना जाता है। बर्फ देखने के लिए अक्टूबर से जनवरी का महीना बेस्ट होता है।
डलहौजी में आप किसी 5 स्टार या फिर 3 स्टार होटल में रुक सकते हैं। हालांकि, बुकिंग से पहले होटल की रेटिंग देखना बिल्कुल भी न भूलें।
रात के समय आप मॉल रोड, गरम सड़क, इंडो-तिब्बतियन मार्केट इत्यादि जा सकते हैं।
रात में आप मार्केटिंग, वॉकिंग जैसी चीजें यहां कर सकते हैं।
