दक्कन पठार के दिल में बसा तेलंगाना अपनी अद्वितीय जलवायु के लिए जाना जता है। साथ ही संपन्न वनस्पतियों और जीवों के लिए अनुकूल भी माना जाता है। लगभग यहां पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध वन्यजीव अभ्यारण्य हैं। जिसमें से कावल एक ऐसा घना जंगल क्षेत्र है, जहां लुप्तप्राय बाघों का घर है। तेलंगाना को यदि आप सही मायने में देखना समझना चाहते हैं तो आप यहां के प्राणी उद्यानों का रूख कर सकते हैं। जहां आप विभिन्न व दुलर्भ प्रजातियों के पक्षियों, स्तनधारियों, सांप और जीव-जंतु देख मंत्रमुग्ध हो जायेंगे।

केबीआर राष्ट्रीय उद्यान
साइबर सिटी हैदराबाद के ओर जहां शोर-शराबा है वहीं दूसरी तरफ एक जंगल है जो प्रकृतिक तौर पर आपको शांति का अनुभव देता है। केसु ब्रह्मानंद रेड्डी (केबीआर ) पार्क हैदराबाद के जुबली हिल्स क्षेत्र में स्थित है। इस महल के साथ आसपास के क्षेत्र को 1998 में नेशनल पार्क का दर्जा दे दिया गया। सुबह में अक्सर लोग यहां एक्सरसाइज करते है टहलते और जॉगिंग करने आते हैं। यहां आप मोर, जंगली बिल्ली और भारतीय बिलाव कस्तूरी को देख सकते हैं। पार्क में जगह-जगह पर छोटे-छोटे जलाशय बनवाए गए हैं, जहां जानवर और पक्षियां अपनी प्यास बुझाते हैं। वहीं पार्क में चिरन महल है, जिसका संबंध राजकुमार मुकर्रम जाह से है।पार्क की आसपास के पेड़ों और पौधों की करीब 600 प्रजातियां हैं।
कैसे पहुँचे –
केबीआर पार्क, बंजारा हिल्स- जुबली हिल्स के निकट हैदराबाद में स्थित है, जो शहर के केंद्र से लगभग 8 किमी दूर है और सड़क से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

महावीर हरिना वनस्थली राष्ट्रीय उद्यान
महावीर हरिना वनस्थली नेशनल पार्क हैदराबाद के निकट वनस्थली में स्थित है। एक समय में कभी यह जगह शिकार का मैदान हुआ करती थी। लेकिन आजादी के बाद इस जगह को नेशनल पार्क में दर्जा मिल गया।यहां कई चट्टानी खुलने वाली स्थलाकृति है जो दक्कन पठार की विशेषता है। इस वन्यजीव अभयारण्य में हिरन के अलावा यहां कृष्णमृग और साही और आपको विविध प्रजातियों की लोमड़िया, काले गर्दन वाले खरगोश, जंगली सूअर, साथ ही साथ इंडियन वाइपर यानि की नाग देखने को मिलेंगे। पानी के पक्षियों की बात करें तो इनमें बगुला, किंगफिशर, जलकौवा, भारतीय तालाबी बगुला और गरुड़ शामिल है। पार्क में जानवरों को देखने लिए यहां एक ऊंचा टावर भी बनाया गया है। साथ ही यहां जंगल सफारी भी है जिससे आप जानवरों को नजदीक से देखने का लुफ्त उठा सकते हैं।
कैसे पहुँचे –
राष्ट्रीय उद्यान हैदराबाद शहर से लगभग 18 किमी दूर स्थित है। यहां हैदराबाद से विजयवाड़ा राजमार्ग के जरिए असानी से पहुंचा जा सकता है।

मृगवनी राष्ट्रीय उद्यान
अपनी मनोरता के कारण मृगावानी राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के लिए हैदराबाद का सबसे पसंदीदा जगहों में से एक माना जाता है। भारत सरकार ने वर्ष 1994 में एक वन्यजीव अभ्यारण्य की घोषणा की थी। 3.5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली इस जगह में बड़ी संख्या में जीव-जंतु और पेड़-पौधे की लगभग 600 प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां कठफोड़वा, चित्तल, कोबरा,नाग का दिख जाना भी आम बात है। आप यहां रोमांचक अनुभव पाने के लिए रात के समय परिसर में टेंट लगा कर या बंगले किराए पर ले सकते हैं।
कैसे पहुँचे –
मृगावानी राष्ट्रीय उद्यान सड़क के द्वारा पहुंचा जा सकता है और हैदराबाद से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

प्राणहिता वन्यजीव अभ्यारण्य
यह वन्यजीव अभ्यारण्य तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में स्थित है, जो डेक्कन पठार के अत्यंत सुंदर परिदृश्य को दर्शाता है। प्राणहिता एक महत्वपूर्ण शुष्क पर्णपाती प्रकार का जंगल है। गोदावरी नदी की सहायक नदी प्राणहिता नदी, इस खूबसूरत अभयारण्य को एक रहस्यमयी स्पर्श देती है। यहां आपको दुर्लभ जीव-जंतुओं के आलवा पेड़-पौधे की मिली-जुली प्रजातियाँ भी देखने को मिलेगी। यहाँ तेंदुए, बाघ, लंगूर, हयना, आलसिया भालू आसानी से देखे जा सकते हैं। इस वन्यजीव अभ्यारण्य घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है।
कैसे पहुँचे –
यह अभ्यारण्य प्राणहिता नदी के तट पर स्थित है, जो मंचेरल शहर से लगभग 35 किमी दूर है और सड़क के द्वारा पहुंचा जा सकता है।
