गुलमोहर के पौधे की ख़ास बात
गुलमोहर का पेड़ न केवल अपनी सजावटी विशेषताओं के लिए जाना जाता है बल्कि यह पर्यावरण और मानव जीवन के लिए भी कई लाभ प्रदान करता है।
Gulmohar Flower: गुलमोहर का पौधा अपनी खूबसूरती और आकर्षक फूलों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसके पेड़ पर खिलने वाले लाल-नारंगी फूल गर्मियों के मौसम में प्रकृति को एक नई रंगत देते हैं। गुलमोहर का पेड़ न केवल अपनी सजावटी विशेषताओं के लिए जाना जाता है बल्कि यह पर्यावरण और मानव जीवन के लिए भी कई लाभ प्रदान करता है। जिसकी वजह से लोग इसे अपने घर अथवा बागवानी में लगाना पसंद करते हैं।
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गुलमोहर के फूलों की खास बातें

गुलमोहर के फूल चमकीले लाल-नारंगी रंग के होते हैं, जो गर्मियों के दौरान पूरे पेड़ को आग की तरह चमका देते हैं। यह पेड़ दूर से ही अपनी सुंदरता के लिए ध्यान आकर्षित करता है। गुलमोहर का पेड़ घनी छाया प्रदान करता है। इसके बड़े और फैले हुए पत्ते गर्मी के मौसम में ठंडी छांव का अनुभव कराते हैं। गुलमोहर का पेड़ मिट्टी को स्थिर करने और वायु को शुद्ध करने में मदद करता है। यह जलवायु संतुलन बनाए रखने में सहायक है। गुलमोहर के फूल मधुमक्खियों, तितलियों और पक्षियों को आकर्षित करते हैं, जिससे जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है। यह कई स्थानों पर सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इसे कई कविताओं और कहानियों में प्रेरणा का स्रोत माना गया है।
गुलमोहर लगाने का तरीका

गुलमोहर का पेड़ आमतौर पर बड़े बगीचों या सड़कों के किनारे लगाया जाता है, लेकिन इसे घर के गमले में भी उगाया जा सकता है। गुलमोहर का पौधा बीज से आसानी से उगाया जा सकता है। बीज को लगाने से पहले 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें। इससे बीज जल्दी अंकुरित होंगे। गुलमोहर का पौधा बड़े गमले में बेहतर तरीके से उगता है। गमले का आकार कम से कम 18-20 इंच का होना चाहिए ताकि जड़ें अच्छी तरह फैल सकें।
मिट्टी में 50% बगीचे की मिट्टी, 30% जैविक खाद, और 20% बालू मिलाएं। अच्छी जल निकासी के लिए गमले के नीचे छेद होना चाहिए। गमले में तैयार मिट्टी डालें और उसमें 1-2 इंच गहराई पर बीज बो दें। बीज के ऊपर हल्की मिट्टी डालें और पानी छिड़कें। गुलमोहर को पर्याप्त धूप चाहिए। इसे ऐसी जगह रखें जहां रोजाना 6-8 घंटे धूप मिले। पौधे को नियमित रूप से पानी दें, लेकिन जलभराव न होने दें। हर 2-3 महीने में जैविक खाद डालें। इससे पौधे को आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहेंगे। पौधे की नियमित छंटाई करें ताकि यह घना और स्वस्थ बना रहे। सूखी पत्तियों और शाखाओं को हटा दें।
गुलमोहर के पर्यावरणीय लाभ

यह पौधा हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को सोखकर ऑक्सीजन छोड़ता है। इसकी जड़ें मिट्टी के कटाव को रोकने में सहायक होती हैं। यह पेड़ पक्षियों और कीटों को आश्रय और भोजन प्रदान करता है। इस दौरान कुछ ख़ास बातों का भी ध्यान रखना जरुरी है। गुलमोहर का पौधा धीमी गति से बढ़ता है इसलिए धैर्य रखें। इसे ठंडी जलवायु में संरक्षित स्थान पर रखें क्योंकि यह गर्म मौसम में बेहतर बढ़ता है। नियमित रूप से गमले की मिट्टी को ढीला करें ताकि जड़ों को ऑक्सीजन मिल सके।
