Bharti Singh: अब जब देश में कई सारे स्टैंडअप कॉमेडियन हो गए हैं, जिनमें से कईयों को देश और विदेश में भी प्रसिद्धि मिल चुकी है, फिर भी भारती सिंह आज भी लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। महिलाओं में तो अब भी भारती सिंह नम्बर वन कॉमेडियन बनी हुई हैं। भारती सिंह ने कॉमेडियन की तरह देश में काम करना तब शुरू किया था जब स्टैंडअप कॉमेडियन का प्रोफेशन देश में चलन में था ही नहीं।
उस समय भारती सिंह ने रिस्क लेते हुए अपने विश्वास और सेंस ऑफ ह्यूमर से लोगों को हंसाना शुरू किया और सफलता हासिल की। साथ ही अन्य लोगों को भी एक नया प्रोफेशन का रास्ता दिखाया। इनकी कॉमेडी करने की कला पर फोर्ब्स की भी मुहर लग चुकी है। कहने का मतलब है कि 2016 में फ़ोर्ब्स ने टॉप 100 कॉमेडियंस की जो लिस्ट जारी की थी, उसमें भारती सिंह को 98वीं रैंक हासिल हुई थी। लेकिन बहुत कम ही लोगों को मालूम है कि लोगों को हंसाने वाली भारती बचपन से केवल रोते हुए ही बड़ी हुई हैं। आज भले ही वे अपने मोटापे को लेकर भी लोगों को हंसा देती हैं लेकिन एक वक्त ऐसा था कि वह इस मोटापे की वजह से रात-रात भर रोया करती थीं। वह अलग बात है कि आज वह अपनी सफलता का श्रेय आधा मां को आधा अपने मोटापे को देती हैं। आज हम जानते हैं कि किन वजहों से भारती का बचपन रोते-रोते बीता और किस तरह से सारं अंधेरों को पार करते हुए उन्होंने सफलता की किरणों को अपनी मुठ्ठी में बांधा।
2 वर्ष की उम्र में उठा पिता का साया
भारती सिंह का जन्म मीडिल क्लास फैमिली में हुआ था और वे लोग तीन भाई-बहन हैं।
पूरी दुनिया को हंसाने वाली भारती का बचपन रोते हुए बीता है। 2 साल की उम्र में जब पिता की उंगुली पकड़कर बच्चा चलना सीखते हैं उस उम्र में भारती सिंह के सिर से उसके पिता का साया उठ गया। यहीं से भारती के परिवार पर आर्थिक मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। भारती को अपने पिता का चेहरा तो याद नहीं लेकिन उन्हें अपनी मां का हर दिन का रोता हुआ चेहरा याद है जिन पर तीन बच्चों की जिम्मेदारी थी। लेकिन फिर भी मां ने दोबारा शादी नहीं कि और तीनों बच्चों को अकेले पालने का रास्ता चुना। इस कारण भारती का परिवार मीडिल क्लास से गरीब वर्ग में आ गया जिसके कारण भारती का बचपन कई सारी चीजों के बिना गुजरा। लेकिन उन्हें इन चीजों का कोई मलाल नहीं है। वह हमेशा अपने मां के पास रही और उनके साथ अब भी रह रही हैं यही उनके लिए उनकी असली खुशी और उनकी असली सफलता है ।

ओलंपिक में नहीं खेल सकने का गम
बहुत कम लोगों को पता है कि भारती सिंह एक अच्छी शूटर हैं। कॉलेज के दिनों में भारती ने राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडल भी जीता हुआ है। शूटिंग और तीरंदाजी भारती ने स्कूल के दिनों से ही शुरू कर दी थी और कॉलेज में आते तक उन्होंने इसमें करियर बनाने का भी मन बना लिया था। उनका सपना था कि वे ओलंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व करें, लेकिन उनका परिवार कोचिंग सहित अन्य खर्चे उठा पाने में असमर्थ था। जिसका गम उन्हें जिंदगी भर रहेगा। लेकिन इस शूटिंग की वजह से एक चीज अच्छी हुई की भारती की शिक्षा मुफ्त में हो गई। क्योंकि कॉलेज में आने तक उन्होंने शूटिंग में कई सारे मेडल जीत लिए थे जिसके कारण उनकी एजुकेशन फ्री हो गई। भारती सिंह ने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री में एमए किया।

शुरुआत में कॉमेडी का रिश्तेदारों ने बनाया था मजाक
परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण और पैसे की कमी को पूरा करने के लिए भारती ने एक्टिंग लाइन को चुना। इसके लिए वह करियर बनाने अमृतसर से मुंबई गईं जिस पर कई रिश्तेदारों ने आपत्ति जताई और उनकी मां को मना किया। लेकिन भारती मानने वालों में से नहीं थी और उनकी मां ने भी ज्यादा इस बात पर असहमति नहीं जताई क्योंकि उन्हें अपनी बेटी पर भरोसा था। उन्होंने कॉमेडियन के तौर पर एक्टिंग शुरू की जिसका रिश्तेदारों ने शुरुआत में काफी मजाक उड़ाया। लेकिन अब वे लोग ही अपने बच्चों को एक्टिंग में करियर बनाने के लिए भारती से सलाह लेते हैं।
‘ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ सीजन-4 से करियर आया पटरी पर
काफी साल तक मेहनत करने के बाद भारती सिंह का करियर टीवी शो ‘ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ सीजन-4 से थोड़ा पटरी पर आना शुरू हुआ। भारती इस शो की रनरअप रही थीं। पिर भारती ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई सारे स्टेज शो और कॉमेडी शो उन्हें करने को मिलने लगे। खतरों के खिलाडी सीजन-9 में भी भारती भाग ले चुकी हैं।
भारती के प्रमुख टीवी शो
भारती को ‘द कपिल शर्मा शो’ से घर-घर में जाना जाने लगा। इसके अलावा उन्होंने ‘कॉमेडी सर्कस, कॉमेडी नाइट्स बचाओ व कॉमेडी नाइट्स लाइव’ में भी काम कर चुकी हैं। इसके अलावा भारती सिंह ने खिलाड़ी 786 में अक्षय कुमार के साथ भी काम किया है। इसके अलावा भारती ने कई और फिल्मों में भी काम किया है।

2 साल छोटा है पति
कहा जाता है कि सफलता के बाद पूरी दुनिया आपके कदमों में होती है। शायद सच ही कहा गया है। किसी जमाने में भारती को उनके मोटापे की वजह से काफी ताने सुनने को मिलते थे। लोग कहते थे कि पतली हो जा, नहीं तो शादी करने में दिक्कत होगी। भारती भी अपने मोटापे से परेशान थीं और रात-रात भर रोया करती थीं। लेकिन आज वह जैसी हैं, खुश हैं। सच कहें तो भारती अपनी सफलता का आधा श्रेय अपने मोटापे को ही देती हैं। वे मानती हैं कि जिस दिन आप यह मान लेते हैं कि आप जैसे हैं वैसे ही परफेक्ट हैं तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। भारती के साथ भी ऐसा ही हुआ।
वर्तमान में भारती हैप्पिली मैरिड हैं और उनके पति उनसे दो साल छोटे हैं और पटकथा लेखक हैं।
