जमैका के ब्लैक एक्टिविस्ट और लीडर ने अपने देश की आजादी की लड़ाई के दौरान बार-बार कहा था- आत्मविश्वास है तो तुम शुरू करने से पहले ही जीत चुके हो।
यह एक लाइन पटना की Shradha Sharma पर बिल्कुल सटीक बैठती है। कॉलेज में जब वे अपनी बात या किस्से अपने दोस्तों को बताती तो उनके दोस्त उनसे दोबारा बोलने के लिए कहते। वह फिर से बोलती तो उनके दोस्त हंसने लगते। तब उन्हें समझ आया कि उनके दोस्त उनके बिहारी टोन पर हंस रहे हैं। लेकिन इसे श्रद्धा ने गलत तरीके से ना लेकर सकारात्मक तरीके से लिया और वहीं से हर किस्से को दोस्तों की मांग पर दोबारा सुनाने लगीं। यहीं से उनके किस्से-कहानियां सुनाने का शौक शुरू हुआ। लेकिन शुरुआत में यह केवल शौक था। फिर अचानक से ना जाने कहां से उन्हें यह कहानी सुनाने के शौक को करियर में बदलने का विचार आया और फिर वह चल पड़ी इस सफर में। काम मुश्किल था। या फिर यूं कहें कि नामूमकिन। क्योंकि पूरी दुनिया में हजारों साल से किस्से-कहानियां सुनाए जा रहे हैं और लोग मुफ्त में सुना रहे हैं। ऐसे में यह बिजनेस कैसे बन सकता था???
लेकिन श्रद्धा ने एक बार सोचा और फिर निकल पड़ी कहानी सुनाने के सफर में। आज इस लेख में हम श्रद्धा के कहानी सुनाने के सफर के बारे में ही जानेंगे कि कैसे इस नामुमकिन से दिखने वाले काम को श्रद्धा ने अपने विश्वास से पूरा किया और आज देश की सबसे सफल स्टोरीटेलर बन गईं।

13 साल पहले शुरु हुआ सफर
श्रद्धा के दिमाग में यह विचार आज से लगभग 13 साल पहले आया था। इस विचार पर उन्होंने थोड़ा सा सोचा और फिर अचानक से निर्णय लिया कि यही करना है। 13 साल पहले लिया गया यह निर्णय आज उन्हें देश की सफल महिला उद्यमी बना चुका है। उनके इस स्टोरीटेलिंग आइडिया ने उन्हें पूरी दुनिया में एक अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई है।
श्रद्धा ने अपने दृढ़निश्चय से 13 साल पहले 16 सितम्बर 2008 को ‘योर स्टोरी डाट काम’ की स्थापना की थी। शुरुआती संघर्ष के बाद यह वर्तमान में पूरी दुनिया में लोगों के संघर्षों की कहानी सुनाने का सबसे बड़ा मंच बन गया है। श्रद्धा स्टार्ट-अप न्यूज वेबसाइट ‘YourStory’ की चीफ एडिटर और फाउंडर है। आप इस वेबसाइट की सफलता का अनुमान इसी आंकड़े से लगा सकते हैं कि इस वेबसाइट पर हर महीने 1 करोड़ से ज्यादा लोग लेख पढ़ने के लिए आते हैं।
पटना निवासी हैं
श्रद्धा मूलतः पटना (बिहार) से हैं और यहीं से इन्होंने शुरुआती पढ़ाई पूरी की है। श्रद्धा बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी रही थीं जिसके कारण स्कूलिंग पूरी करने के बाद ही इनका एडमिशन देश के सबसे अच्छे कॉलेज दिल्ली के सेंट स्टीफेंस में हो गया। यहां से इन्होंने ग्रेजुएशन और मास्टर्स डिग्री हासिल की। फिर अहमदाबाद के मुद्रा इंस्टीटयूट आफ कम्युनिकेशंस (MICA) कॉलेज से एमबीए किया। पढ़ाई करने के बाद ही श्रद्धा की जॉब CNBC TV 18 में लग गई। इनकी काबीलियत को देखते हुए कंपनी ने इन्हें जल्द ही प्रमोट कर असिस्टेंट वाईस प्रेसिडेंट बना दिया। यह सबसे कम उम्र में असिस्टेंट वाईस प्रेसिडेंट बनी। इसके बाद ये टाइम्स ऑफ़ इंडिया से ब्रांड एडवाइजर के तौर पर जुड़ीं। इस काम को करने के दौरान ही श्रद्धा के मन में दूसरों की कहानियों की ब्रांडिंग करने का विचार मन में कौंधा। यह विचार थोड़ा अजीब था जिसपर शुरुआत में खुद श्रद्दा ने भी ज्यादा सोचा नहीं। लेकिन ब्रांडिंग का काम करने के दौरान यह विचार उनके मन में बार-बार आने लगा। जब उनके मन से यह विचार दूर नहीं हुआ तो उन्होंने सोच लिया कि इस विचार पर आगे बढ़ने का समय आ गया है। फिर क्या था, उन्होंने 16 सितम्बर 2008 को ‘योर स्टोरी डाट काम’ की स्थापना कर दी।
यह वह समय था जब Flipkart.com, Snapdeal.com जैसी भारतीय स्टार्टअप कम्पनियां मार्केट में कदम रख चुकी थीं और अमेज़न जैसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां भारत आने के लिए बेकरार थीं। इन सबके साथ कई अन्य छोटे-बड़े स्टार्टअप भी मार्केट में आने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इन सब चीजों के प्रति श्रद्धा का झुकाव होना लाज़मी था क्योंकि हर कंपनी मार्केट में जगह बनाने के लिए उस समय संघर्ष कर रही थी और हर संघर्ष के पीछे एक कहानी जरूर होती है। इसी कहानी को लोगों के सामने लाने का काम श्रद्दा ने सोचा हुआ था। इस दौरान श्रद्धा ऐसे कई लोगों से मिली जोकि Indian Startup जगत में अपनी किस्मत आजमाने के लिए आगे आए थे।

छोटे स्टार्टअप पर डाली नजर
मार्केट में आने वाले स्टार्टअप की हलचल से लोग एकदम अनजान तो नहीं थे। लेकिन समाचार और न्यूज़-चैनलों में केवल बड़े स्टार्टअप की ही खबरें रहती थीं। ऐसे में श्रद्धा ने छोटे स्टार्टअप पर नजर डालीं। ऐसी कंपनियों को निवेशकों, कंसलटेंट, सही बाज़ार और ग्राहकों के मध्य पहचान बनाने की सर्वाधिक आवश्यकता भी थी। तो इन लोगों ने भी श्रद्धा से मिलने में कोताही नहीं बरती और इस तरह से श्रद्धा छोटे स्टार्टअप के लिए वरदान साबित होने लगीं और छोटे स्टार्टअप श्रद्धा की पहली मंजिल बन गए।
शुरुआती दो साल रहे मुश्किल
किसी भी नए आइडिया को सफल बनाने में शुरुआती संघर्ष करना ही पड़ता है। श्रद्धा और Yourstory के भी शुरुआती 2 साल बेहद संघर्षपूर्ण रहे, पर श्रद्धा को अपनी सोच और सपने पर पूरा भरोसा था। वैसे भी सपने से जुड़ा जोश और विश्वास, किसी भी सपने को मरने नहीं देता।
दो साल के बाद धीरे-धीरे Yourstory सफल होने लगा और फिर वर्ष 2010 में इसे Villgro Journalist of the Year और Nasscom Ecosystem Evangelist Award से सम्मानित किया गया। वर्तमान में Yourstory.com भारतीय मार्केट में शुरू होने वाले सभी Startup के बारे में खबरें देने वाली सबसे पहली कंपनी है। News के बारे में जानकारी देने वाली वेबसाईट्स में Yourstory.com अग्रणी है।

इसकी सफलता को देखते हुए रतन टाटा और कलारी कैपिटल ने लगभग 5 मिलियन डॉलर का निवेश इसमें किया है। 1 मिलियन मतलब 10 लाख होते हैं। अर्थात केवल रतन टाटा और कलारी कैपिटल की तरफ से ही इस स्टोरीटेलिंग बेवसाइट को 50 लाख डॉलर का निवेश हासिल हुआ है। इस निवेश से आप इसकी विश्वसनीयता और सफलता का अंदाजा लगा सकरते हैं।
13 प्रमुख भाषा में है ये वेबसाइट
आप Yourstory.com वेबसाइट के समाचारों को अंग्रेजी के अलावा 13 प्रमुख भारतीय भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, मराठी, गुजराती, मलयालम, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, असमिया में भी पढ़ सकते है।
विदेशों में करना है विस्तार
श्रद्धा का अगला लक्ष्य जर्मनी, यूके और दुबई में इसके विस्तार करने की है। ऐसे में श्रद्धा का सफर हजारों लोगों को प्रेरित करने के लिए काफी है।
