Sawan Shivratri: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस माह में श्रद्धालु भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना कर महादेव का आशीर्वाद पा सकते हैं। शनिवार 15 जुलाई को सावन की शिवरात्रि मनाई जा रही है। सावन माह में जिस दिन अर्धरात्रि में चतुर्दशी हो उस दिन शिवरात्रि मनाई जाती है। इस साल 15 जुलाई यानी शनिवार को प्रदोष और शिवरात्रि का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसके साथ ही इस दिन मृगशिरा नक्षत्र, वृद्धि व ध्रुव का भी शुभ योग है।
सावन की शिवरात्रि का महत्व

वैसे तो पूरे सावन माह में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है लेकिन इस माह की शिवरात्रि बेहद लाभदायक होती है। इस दिन महादेव की विशेष पूजा होती है। कहा जाता है कि सावन में भगवान विष्णु योग निंदा में चले जाते हैं ऐसे में सृष्टि के सञ्चालन का जिम्मा महादेव संभालते हैं। वैसे तो हर माह शिवरात्रि आती है लेकिन भगवान शिव को समर्पित सावन माह में आने वाली इस मासिक शिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है। माना जाता है कि सावन माह में आने वाली शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से श्रद्धालु को अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। इस दिहन भगवान शिव पर बेलपत्र, धतूरा और भांग अर्पित करने का भी विशेष महत्व है।
शिवरात्रि पूजा सामग्री
फूल, पंच मेवा, पंच फल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल, जल, पंच मिष्ठान, चन्दन, शिव और माता पार्वती के शृंगार का सामान। सभी योग्य सामग्रियों को एकत्रित कर भगवान शिव पर अर्पित करें। आज के ही दिन कावड़ियों द्वारा लाया गया गंगाजल शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है।
शिवरात्रि पर पूजन मुहूर्त

इस दिन सुबह स्नान आदि से निवृत हो व्रत का संकल्प करना चाहिए। हिन्दू पंचाग के अनुसार, शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जा रही है। इसकी शुरुआत 15 जुली शनिवार को रात 8 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर 16 जुलाई रविवार रात 10 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं शिवरात्रि पर पूजन मुहूर्त 16 जुलाई को रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।