Summary: फोन छोड़ो, 31 घंटे सिर्फ बैठो, पंजाब गांव की डिजिटल‑डिटॉक्स पहल
पंजाब के मोगा में आयोजित किया गया ग्रेट सिटिंग चैलेंज, ताकि लोगों को मोबाइल‑लत से दूर लाया जा सके। इस ‘खाली बैठने’ प्रतियोगिता में कुल 55 लोग बड़े, छोटे, पुरुष, महिलाएं शामिल हुए। नियम बेहद सख्त थे। कोई फोन नहीं, न उठना‑बैठना, न सोना, न वॉशरूम जाना प्रतिभागियों को एक ही स्थान पर लगातार बैठना था।
Great Sitting Challenge Punjab: आजकल मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का बड़ा हिस्सा बन गया है। पढ़ाई, काम और टाइम पास सब कुछ मोबाइल से ही होता है, लेकिन मोबाइल का ज़्यादा इस्तेमाल अब एक बड़ी परेशानी बन रहा है। ज्यादात्तर लोगों की शिकायत होती है कि उनका बच्चा बिना मोबाइल पर गेम खेले या वीडियो देखे, खाना ही नहीं खाता। मोबाइल ने पहले हमें परिवार से दूर किया,बच्चे और बड़े, दोनों ही मोबाइल में इतने खो जाते हैं कि आसपास की दुनिया से दूर होने लगते हैं। इसी समस्या को कम करने के लिए पंजाब के एक गाँव ने एक अच्छी पहल शुरू की है। इसमें 31 घंटे मुकाबले में हिस्सा लेने वालों को बिना किसी एक्टिविटी किए खाली बैठे रहना था। इस दौरान वह किताब पढ़ सकते थे लेकिन फोन नहीं चला सकते थे।
पंजाब में मोबाइल की लत का टेस्ट
दरसअल, पंजाब के मोगा जिले के गांव घोलिया खुर्द में 30 नवंबर सुबह 11 बजे से एक कॉम्पिटीशन शुरू हुआ था। इसमें हिस्सा लेने वालों को न तो कोई काम करना था, न कोई टास्क पूरा करना था।

मतलब बस उन्हें खाली बैठे रहना था। इस प्रतियोगिता का मकसद लोगों को मोबाइल से दूर करके उन्हें सामाजिक और मानसिक रूप से एक्टिव बनाना था। इस प्रतियोगिता में 55 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें पति-पत्नी, दादा-दादी, युवा लड़के और लड़कियां सभी शामिल थे। यह मुकाबला 31 घंटे तक चला। अंत में 2 विजेता चुने गए। दोनों ने 31 घंटे 4 मिनट तक बिना मोबाइल के आराम से बैठकर यह चुनौती पूरी की।
कड़े नियमों वाली चुनौती
इस दौरान प्रतिभागी सो, उठ या वॉशरूम भी नहीं जा सकते थे। आज के समय में जब आंखों के सामने से फोन को हटाना मुश्किल हो जाता है, तो यह चुनौती किसी की सहनशक्ति जांचने की परीक्षा से कम नहीं थी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुकाबले के आयोजकों ने फोन की लत को एक बीमारी बताया। इस वजह से यह मुकाबला लोगों को उनके फोन से दूर रखने की एक अनोखी कोशिश के साथ-साथ बोल्ड कदम भी है।
इन लोगों ने जीती प्रतियोगिता
इस प्रतियोगिता में पहले नंबर पर नाथेके के रहने वाले सतबीर सिंह और लाभप्रीत सिंह निवासी रोली रहे। दोनों 31 घंटे 4 मिनट तक बिना खाए-पिए और मोबाइल से मुकाबले में अंत तक डटे रहे। ढूडिके के चानन सिंह तीसरे नंबर पर रहे। इन्होंने मुकाबले में 29 घंटे तक लगातार वेहले रहने का रिकॉर्ड बनाया। मुकाबला जीतने वाले सतबीर सिंह और लाभप्रीत सिंह को एक-एक साइकिल और 4500-4500 रुपये मिले. थर्ड रहने वाले को 1500 रुपये दिए गए।
क्यों जरूरी है ऐसी पहल?

ऐसी अनोखी पहल इसलिए जरुरी है क्योंकि आज काम हो या आराम दोनों ही चीजों के लिए लोग फोन से चिपके रहते हैं। वहीं ‘व्हेले बैन दा मुकाबला” यानी कि खाली बैठने के मुकाबले में लोगों को फोन चलाना तो क्या उठना और लेटना तक मना था। हालांकि इस मुकाबले में खाने-पीने का इंतजाम किया गया था और किताबें भी पढ़ी जा सकती थी। इस मुकाबले में हिस्सा लेने वाले कई प्रतिभागियों ने बताया कि वह दिमाग शांत रखने के लिए गुरबाणी का जप करते रहे। इस अनोखे मुकाबले में कुल 55 लोगों ने भाग लिया था।
