Pollen Allergies In Kids: मार्च और अप्रैल के महीने में लोगों को सर्दी, जुकाम और खांसी की समस्या अधिक परेशान करती है। इसका मुख्य कारण होता है पेड़, फूल, घास और खरपतवार से निकलने वाले महीने कण जिसे पराग या पोलन कहा जाता है। जिसके परिणामस्वरूप एलर्जी हो सकती है, जिसे पोलन एलर्जी कहते हैं। पोलन की वजह से कई लोगों को नकारात्मक प्रतिक्रिया हो सकती है। हाल के वर्षों में, बच्चों में पोलन या पराग की एलर्जी में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसे बड़ी संख्या में स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं।
इस तरह की एलर्जी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है, इसके कारणों की पहचान करना ताकि समझ सकें कि समस्या का मुकाबला कैसे किया जाए। मौसम में बदलाव और हवा में परिवर्तन से लेकर लाइफस्टाइल तक पोलन एलर्जी को बढ़ावा दे सकते हैं। तो चलिए जानते हैं पोलन एलर्जी के कारण और उपचार के बारे में।
बच्चों में पोलन एलर्जी के कारण

मौसम परिवर्तन की भूमिका
बच्चों में पोलन एलर्जी की वृद्धि में जलवायु परिवर्तन प्रमुख भूमिका निभा रहा है। बढ़ते तापमान के कारण पौधों से पोलन के उत्पादन में वृद्धि होती है। हवा में पोलन की उच्च मात्रा से बच्चों के इसके संपर्क में आने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। वातावरण में CO2 के स्तर में वृद्धि के साथ, पौधे तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे पोलन उत्पादन में तेजी आई है।
वायु प्रदूषण के प्रभाव
वायु प्रदूषण बच्चों में पोलन एलर्जी में वृद्धि करने वाला एक प्रमुख कारण है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और ओजोन जैसे प्रदूषक पोलन ग्रेन को बड़ा बना सकते हैं, जो सांस नली द्वारा बच्चों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिस वजह से उनकी एलर्जेनिक क्षमता में वृद्धि हो सकती है।
लाइफस्टाइल में बदलाव
पोलन एलर्जी को बढ़ावा देने में बच्चे की लाइफस्टाइल का भी अहम रोल होता है। जैसे कि, जो बच्चे हाई प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं, वे बैलेंस्ड डाइट खाने वालों की तुलना में एलर्जी का शिकार अधिक होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रोसेस्ड फूड में बहुत सारे एडिसिव्स और प्रिजरवेटिव होते हैं, जो एलर्जी रिएक्शन को ट्रिगर कर सकते हैं।
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बच्चों में पोलन एलर्जी के लक्षण

बच्चों में पोलन एलर्जी के लक्षण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सबसे आम लक्षणों में छींकना, नाक बहना, आंखों में जलन, खांसी और घबराहट शामिल हैं। कुछ बच्चों को स्किन पर चकत्ते और पित्ती के साथ-साथ सांस की तकलीफ भी महसूस हो सकती है। यदि ये लक्षण कुछ दिनों या लंबे समय तक बने रहते हैं तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
पोलन एलर्जी का उपचार
जब उपचार की बात आती है, तो बच्चों में पोलन एलर्जी से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका एंटीहिस्टामाइन और कॉर्टिकोस्टेराइड्स जैसी दवाओं का उपयोग करना है। ये दवाएं पोलन एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। कई बार बच्चों को एलर्जी शॉट्स भी दिया जाता है।
बच्चों में पोलन एलर्जी को कैसे रोकें

बच्चों में पोलन एलर्जी को रोकने के लिए, पेरेंट्स को सबसे पहले ये सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे बैलेंस्ड डाइट लें और नियमित फिजिकल एक्टिविटी में पार्टीसिपेट करें। पोलन की संख्या अधिक होने पर खिड़कियां और दरवाजों को बंद रखने से भी एलर्जी को रोका जा सकता है। इसके अलावा बच्चों को अधिक समय घर पर ही रहने दें ताकि पोलन डस्ट के संपर्क में आने से बचा जा सके। बच्चों को ज्यादा थकानभरे काम न करने दें इससे उनकी खांसी और सांस फूलने की समस्या अधिक बढ़ सकती है। गर्मी के मौसम में बच्चों को हाइड्रेट रखें ताकि स्किन की नमी को बरकरार रखा जा सके।
