समर्थ जल्दी सो जाओ बेटा कल सुबह स्कूल जाना है। मम्मी ने आवाज़ लगाई और समर्थ रोज़ की तरह मम्मी की बात को अनसुना करके टीवी देखता रहा। ये लड़का भी न रोज़ इतनी देर तक जगता है और सुबह जल्दी उठता ही नहीं है। सारे घर की लाइट ऑफ करते हुए विनीता ने अपने बेटे से जल्दी सोने के लिए बोला। अक्सर ऐसा देखा गया है कि बच्चे रात में देर तक जगते हैं। स्वस्थ्य बच्चे के लिए रात की नींद पूरी करना बहुत ज़रूरी होता है। बच्चों की ग्रोथ के लिए 10-12 घंटे की नींद ज़रूरी होती है। कई बार हम इस बात को नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि शायद ये एक आम बात है कि बच्चे पेरेंट्स के साथ देर तक जगते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि देर से सोने की वजह से बच्चों में कई समस्याएं भी हो सकती हैं।
- नींद पूरी न होने की वजह से बच्चे का ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता है। कई बार तो टीचर्स की ये शिकायत भी होती है की बच्चा पढ़ाई के समय क्लास में सो जाता है। जिससे बच्चा दूसरे बच्चों की तुलना में पीछे रह जाता है।
- समय पर सोना उतना ही ज़रूरी है जितना समय पर खाना, देर तक जगने की वजह से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से नहीं हो पाता है।
- समय से न सोने वाले और रात में देर तक जगने वाले बच्चों में डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
- ऐसे बच्चे जो कि देर से सोते हैं और 10-12 घंटे की नींद पूरी नहीं करते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य बच्चों की तुलना में कम होती है और वो जल्दी बीमार पड़ते हैं।
- जो बच्चे रात में देर से सोते हैं उनकी स्मरणशक्ति कम हो जाती है और एकाग्रता पर भी असर होता है।
- देर तक जगने वाले बच्चे दिनभर आलस्य से भरे रहते हैं और उनका पढ़ाई के साथ-साथ किसी और काम में भी मन नहीं लगता है।
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