A young child in a yellow jacket smiles as a black and white husky lovingly licks their face in an outdoor setting with greenery in the background.
Pure joy: A little girl shares a sweet moment with her dog.

Summary: फन से ज्यादा जिम्मेदारी है पेट पालना

बच्चों को पैट पालने का शौक तो होता है, लेकिन पेट पेरेंटिंग सिर्फ खेलने और प्यार करने तक सीमित नहीं होती। इसमें उनके रूटीन का ध्यान रखना, समय पर खाना, सफाई, ग्रूमिंग, हेल्थ चेकअप, और घर की हाइजीन जैसी जिम्मेदारियां भी शामिल हैं।

Pet Care: पेट्स को रखना सिर्फ अब सिर्फ बहुत पैसे वाले लोगों का शौक नहीं रहा, बहुत से अपर मिडिल क्लास और अपर मिडिल क्लास लोग अब सिर्फ पेट को रखने लगे हैं। पेट को रखने का शौक होना और पेट को अपने साथ रखने में बहुत फर्क होता है। अगर आपके बच्चे भी बेजुबान को रखने की जिद कर रहे हैं तो पेट को अपने घर में लाने से पहले उन्हें पेट पेरेटिंग के बारे में भी बताएं। ऐसा इसलिए क्योंकि पेट के साथ आप सिर्फ फन मोमेंट एंजॉय नहीं करते, वो अपने साथ घर में बहुत सी जिम्मेदारियों को भी लाता है।

उसका एक रुटीन है

चाहे डॉग हो या कैट हो या फिर बर्ड। हर किसी की अपना एक रुटीन होता है। अगर हम बर्ड्स की बात करें तो शाम ढलते ही बर्ड्स सोना पसंद करती हैं। लेकिन बहुत से घरों में देखा गया है कि उन्हें लाइट वाले कमरे में बहुत शोर में रखा जाता है। अब ऐसा भी नहीं है कि आप बर्ड के रुटीन के हिसाब से सोने और जागने लगेंगे। लेकिन उसके आराम का भी ख्याल रखना है। जैसे कि उनके पिंजरे को ऐसी जगह रखें जहां आपका शोर उन्हें बैचेन ना करे। यही चीज आपके दूसरे पेट पर भी लागू होती है।

जिम्मेदारी करें साझा

A small dog with long fur is being bathed, as a person gently sprays water on its head using a shower nozzle.
A cute little dog getting a refreshing bath.

बच्चों को बताएं कि पेट को सिर्फ खाना देना और उनके साथ खेलना ही उनकी जिम्मेदारी नहीं है। उन्हें समय समय पर क्लीन करना और उनके बालों को ट्रिम करना और उन्हें वॉक पर ले जाना भी उनके लिए जरुरी है। ऐसे में बच्चों को बताएं कि वे किस तरह अपने टाइम में उनके लिए टाइम निकाल पाएंगे। कई बार देखने में आता है कि टीनएजर शुरुआत में तो अपने पेट्स के साथ बहुत टाइम स्पेंड करते हैं लेकिन बाद में वो एक्साइटमेंट उतना बचता नहीं है और ऐसे में वो बेजुबान जानवर खुद को लोनली फील करता है।

वो सेंसेटिव है

आज भी हमारे इंडियन कल्चर में बहुत से लोग बेजुबान जानवरों को एक पालतू के तौर पर पसंद नहीं करते हैं। अब आप पूरी सोसाइटी को तो चेंज नहीं कर सकते। लेकिन हां अपने गेस्ट की पसंद का भी ख्याल रखें और इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी और की वजह से आपके पेट को भी बुरा ना लगे। हमें लगता है कि यह जानवर कुछ नहीं समझते लेकिन असल में यह बहुत सेंसेटिव होते हैं। ऐसे में अगर कोई ऐसा कोई मेहमान आपके घर में आए जिसे पेट पसंद ना हो तो कोशिश करें कि उन दोनों का एक दूसरे से आमना सामना ना हो।

बीमार भी होते हैं

आजकल डॉग्स और कैट्स को सुसू पॉटी ट्रेंड कर दिया जाता है। लेकिन हमारी तरह यह कई बार बीमार भी होते हैं। और बहुत बार इन्हें वॉमिट की शिकायत भी होती है। इन सभी फेजेज के लिए बच्चों को पहले ही तैयार कर लें। उन्हें बताएं कि इस तरह की सिचुएशन का भी एक पैट पेरेंट को सामना करना होता है।

मैनेज करना होगा

Two young girls gently petting a black cat lying on a blue blanket indoors.
Two little girls lovingly pet a calm black cat.

बच्चों को बताएं कि घर में पेट को रखने के साथ इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि घर में हाइजीन भी मेंटेन रहे। उनके रुएं सोफे पर और कई बार कपड़ों पर भी नजर आने लगते हैं। ऐसे में उन्हें खुद के साथ साथ घर को भी साफ रखना होगा। यहां तक कि उनके खाने के बर्तनों को भी रोजाना ही साफ करना होता है। वरना घर में एक अजीब सी स्मैल आने लगती है।
अगर बच्चे इतनी प्रैक्टिकल बातों को सुनने के बाद एक पालतू को घर लाएंगे तो ही वो उसे सही से रख पाएंगे। वरना अक्सर घरों में होता यह है कि इस तरह के सारे कामों को करने की जिम्मेदारी मां पर आ जाती है।