Pet for Children: घर में पालतू का होना अब सिर्फ रईसों का शौक नहीं रहा। पालतू को रखने का ट्रेंड इन दिनों बहुत है। बच्चे अब पालतू की फरमाईश बहुत ज्यादा करने लगे है। यहां तक कि उन घरों में भी इन्हें रखा जाने लगा है जहां कभी सोचा तक नहीं गया था। लेकिन बहुत से घरों में यह भी देखा गया है कि शुरुआत में तो बहुत एक्साइटमेंट के साथ पालतू को ले आते हैं लेकिन उसकी वह देखभाल नहीं कर पाते जिसकी उसे जरुरत होती है। ऐसे में जान लें कि अगर आप घर में पालतू को लाने का प्लान कर रहे हैं तो इन पांच बातों पर ध्यान देना जरुरी है।
अगर दूसरा असहज है तो

बहुत बार देखा गया है कि घरवाले तो अपने पालतू को अपने परिवार का एक हिस्सा मानते हैं लेकिन हर कोई पालतू के साथ सहज नहीं हो पाता। ऐसे में दूसरे के माइंड सैट का भी ध्यान रखना जरुरी है। आप अपने पालतू से दूर किसी ऐसे कोने में ले जाएं जहां वो भी सहज रहे और उसकी उपस्थिति मेहमान को भी असहज न करे। इसके अलावा अगर आपने डॉग को पाला हुआ है तो इसका विशेष ध्यान रखने की जरुरत है। बहुत बार डॉग अजनबी को काट लेते हैं। ऐसे में आपका यह बहाना कतई नहीं चलेगा कि पता नहीं आज कैसे कर लिया यह तो कभी ऐसा नहीं करता। इसके अलावा आप पलतू के वैक्सीनेशंस टाइम-टाइम पर करवाएं।
सिर्फ खेलने के लिए नहीं
बच्चे अक्सर पालतू के साथ खेलना पसंद करते है। लेकिन पालतू को लाने से पहले आपको बच्चों को इस बात को भी समझाना होगा कि साफ-सुथरे क्यूट से पालतू के पीछे कितनी मेहनत होती है। जिन घरों में पालतू के लिए हेल्पर नियुक्त होते हैं वहां बच्चों का और आपका काम पालतू के साथ क्वालिटी टाइप स्पेंड करना होता है। वहीं हम मिडिल क्लास लोगों को उनका हर काम अपने हाथ से करना होता है। अगर बच्चा पालतू लाने की जिद कर रहा है तो उसे बताएं हर पालतू कुछ न कुछ गंदगी करता है। ऐसे में आपको बच्चों के साथ सफाई की जिम्मेदारी बांटनी होगी। बच्चा वैक्यूम करने, जानवर के बिस्तर को झाड़ने और उसकी जगह को साफ करने का ध्यान रख सकते हैं। यहां तक कि जिन बर्तनों में उन्हें खाना दिया जाता है उस तक कि सफाई करनी होती है वरना एक बदबू घर में आती है।
उसकी डाइट से इधर-उधर नहीं

पालतू में आजकल पर्शियन कैट का अपना एक क्रेज चल रहा है। पर्शियन कैट के बारे में कहा जाता है कि क्वीन के साथ रहने वाली एक विलासता के जीवन की आदी होती है। इसे ठंडक में रखना होता है। यह दिन भर आराम करना पसंद करती है। इसका अपना एक कैट फूड होता है और इसका लिटर बॉक्स भी आता है जिसमें यह सूसू और पॉटी करते हैं। दूसरे किसी भी पालतू की तुलना में इसे रखना बेहद आसान है। लेकिन क्या आपको पता है कि अवेयरनेस की कमी के चलते बहुत बार उबला हुआ अंडा और चिकन भी इन्हें खिला देते हैं। ऐसा करने की गलती न करें। इससे इन्हें इंफैक्शन होता है। जानवर को अपने अनुसार ढालने की कोशिश न करें, पालतू के आने से पहले बच्चों को भी सिखाएं और समझाएं कि बदलाव हमें करना है। बच्चे का मन है उसे चॉकलेट खिलाने का तो उनकी अपनी चॉकलेट और बिस्कुट आते हैं वो दें। अपने में से प्यार में जब आप उसे थोड़ा सा देते हैं तो यह प्यार आपके पालतू पर बहुत भारी पड़ जाता है।
वो एक बच्चा है
आप पालतू को तभी अपने घर लाएं जब आपको लगे कि आप बच्चे की जिम्मेदारी उठाने को पूरी तरह तैयार हैं। आपको बच्चों को समझाना होगा कि आपको न केवल उसे टाइम देना होगा बल्कि उसकी बहुत छोटी से छोटी जरुरत का भी ध्यान रखना होगा। आप छोटी से छोटी बात यह सोचिए कि वो अपने नाखून तक ट्रिम करवाने के लिए आप पर निर्भर करता है। अगर बच्चे आपके साथ उसकी जिम्मेदारी ठीक से निभाएंगे तो वह इमोशनल और मेंटली बहुत स्टेबल होंगे। पालतू की जिम्मेदारी उन्हें आने वाले समय के लिए बहुत हद तक तैयार कर देगी।
दूसरे की सुरक्षा भी

यह पॉइंट हर इंसान के लिए अहम है। अगर आप अपने पालतू को लेकर बाहर जा रहे हैं तो इस बात पर ध्यान दें कि उसकी सुरक्षा के अलावा दूसरों को भी उससे किसी भी किस्म का नुकसान न होने पाए। कितनी बार ऐसा होता है कि सोसाइटी के अपार्टमेंट में बच्चों को लिफ्ट में पालतू काट लेते हैं। ऐसे में आपको चौकन्ना रहने की जरुरत है।