Parenting Advice: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा इंटेलिजेंट और सेल्फ-कॉन्फिडेंट बनें। जिसके लिए वह उसकी पढ़ाई और किताबी ज्ञान पर अधिक फोकस करते हैं। माना कि कॉम्पटेटिव वर्ल्ड में बच्चे का पढ़ाई में अव्वल होना जरूरी है लेकिन क्या सिर्फ किताबी ज्ञान से वह इंटेलिजेंट बन सकता है, शायद नहीं। ऐसे में बच्चे के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए जरूरी है कि वह खेल-कूद, कला और संवाद में भी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाए। 3 से 12 वर्ष तक कि उम्र में बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास होता है। इस उम्र में यदि आप अपने बच्चे को इंटेलिजेंट और कॉम्पटेटिव बनाना चाहते हैं उनकी इन गतिविधियों को भी बढ़ावा दें।
टीम वर्क कराएं

बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी है कि वह टीम वर्क में काम करें। इससे न केवल बच्चे के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है बल्कि उसकी सोचने की शक्ति और कार्य कुशलता को भी बढ़ावा मिलता है। इससे बच्चे का मानसिक विकास भी होता है।
फिजिकल एक्टिविटी
अधिकांश पेरेंट्स का मानना है कि उनका बच्चा बस पढ़ने में अच्छा होना चाहिए, बाकि चीजें तो अपने आप ही उसकी लाइफस्टाइल का हिस्सा बन जाती हैं लेकिन ऐसा नहीं है। बच्चे का सर्वांगीण विकास सिर्फ किताबी ज्ञान से नहीं बल्कि फिजिकल एक्टिविटी से भी होता है। बच्चे का जितना पढ़ना जरूरी है उतना ही उसका फिजिकली एक्टिव होना भी जरूरी है। खेल-कूद करने से बच्चे में आत्मविश्वास और टीम वर्क की भावना का विकास होता है। साथ ही उन्हें तनाव से भी मुक्ति मिल जाती है।
क्रिएटिविटी बढ़ाएं
बच्चे का किताबी ज्ञान और फिजिकली रूप से एक्टिव होना जरूरी है। लेकिन बच्चे की क्रिएटिविटी और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए उसे कला, संगीत, क्रिएटिव राइटिंग और पेंटिंग जैसी गतिविधियों में भी पार्टिसिपेट करना चाहिए। इससे बच्चे आत्मविश्वासी और रचनात्मक बनते हैं। बच्चे लीग से हटकर सोचते और अपनी क्रिएटिविटी को बढ़ाते हैं।
अपना काम करने दें
बच्चे को यदि आप इंटेलिजेंट बनाना चाहते हैं तो उसे अपना काम खुद करने दें। बच्चे को अपने आप खाना खाने दें, पढ़ने दें, बॉटल भरने दें या फिर टेबल सेट करने दें। इससे बच्चा आत्मनिर्भर बनता है और दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। पेरेंट्स बच्चे को छोटे-छोटे काम खुद से करने दें।
इंट्रेस्टिंग किताबें पढ़ाएं

बच्चे को यदि इंटेलिजेंट बनाना चाहते हैं तो उसे स्कूली किताबों के अलावा ज्ञानवर्धक किताबें भी पढ़ाएं। बच्चे को उसकी उम्र के हिसाब से किताबें लाकर दें। यदि आपके बच्चे को कहानी सुनने का शौक है तो उसे कहानी की किताबें दें, उपन्यास और कविताओं की किताबें दें। किताबें पढ़ने से बच्चा क्रिएटिव और स्मार्ट बन सकता है। साथ ही उसकी रीडिंग और लर्निंग स्किल भी डेवलप हो सकती है।
कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाएं
यदि आपका बच्चा शर्मीला है या किसी से बात नहीं करता है तो उसकी ये आदत उसकी पर्सनेलिटी को खराब कर सकती है। बच्चा भले ही पढ़ाई में होशियार हो लेकिन जब तक उसकी कम्यूनिकेशन स्किल डेवलप नहीं होगी तब तक लोग उसे बुद्धू ही समझेंगे। बच्चे को इंटेलिजेंट बनाने के लिए उससे कम्यूनिकेट करें। ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलवाएं। स्कूल डिबेट और क्विज कॉम्पटीशन में पार्टीसिपेट कराएं।
