Youth Children and Parents: जैसे-जैसे आपके बच्चे बड़े होते जाते हैं उनकी सोचने और समझने की शक्ति के साथ उनके बर्ताव में भी अक्सर काफी बदलाव आते हैं। ऐसे में मां-बाप को इस बात का ध्यान रखना होता है कि उनकी मानसिक स्थिति क्या चल रही है उसको समझना बेहद अवश्यक होता है। क्योंकि कई बार मां-बाप ऐसे समय में ही बच्चों पर ध्यान नहीं देते है जबकि बच्चों को एक दोस्त की जरूरत रहती है। आपको ध्यान रखना है कि अपने युवा बच्चों के आप स्वयं ही अच्छे दोस्त बन सकते है। जिससे उनकी मन की बात को आप जान पाएं और वह आपको अपनी बात को समझा सके।
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बातों को शेयर करें

यदि आप स्वयं अपनी बातों को बच्चों से शेयर करेंगे तो उनके मन के उतार-चढ़ाव को भी आप समझ सकेंगे। क्योंकि कई बार बच्चे काफी दुविधा में फंसे होते हैं उन्हे समझ नहीं आता वह क्या करें। और मां बाप जो अपनी चीजों में व्यस्त होते हैं उन्हें पता भी नहीं चलता कि बच्चा किस दिशा में जा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि जब बच्चा आपको कुछ बताए तो उसे एक दोस्त की तरह सुने और उसे सही सुझाव दें। इससे बच्चा अपनी बातें माता-पिता को बताते हुए झिझकता नहीं है। साथ उसे उम्मीद होती है कि उसके मम्मी-पापा उसको अच्छी तरह सपोर्ट करेंगे।
साथ में करें छोटी-छोटी पार्टी
आप अपने युवा बच्चों के साथ कहीं पार्टी करें। लेकिन इस पार्टी में आपके बच्चे और आप ही हो। क्योंकि बाहर के लोगों के साथ बच्चा उतना खुलकर एंजॉय नहीं कर पाएगा। इस पार्टी को आप खुद एक दोस्त की तरह उसके साथ एंजॉय करें। उसे ऐसा महसूस न हो कि इससे अच्छा वह अपने दोस्तों के साथ ही चला जाता। बच्चे को स्वयं से इस पार्टी की प्लानिंग करने दे। इससे बच्चे को जिम्मेदारी निभानी आती है। साथ ही उसे लगता है उसके मम्मी-पापा को वह प्लानिंग पसंद आएगी जो वो करेगा। साथ ही बच्चों के साथ खूब एंजॉय करें।
प्यार से समझाएं

कई बार मां-बाप गलती करते है कि पहले बच्चे को वो स्वयं समझते नहीं है। और उन्हें बात-बात पर डांटते रहते हैं, जिससे बच्चा उनसे दूर रहने लगता है। और ऐसे में मां बाप को जब अपनी गलती महसूस होती है तब तक बच्चा उनसे काफी दूर हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे को प्यार से समझाएं या यूं कहें कि उसे दोस्त बनकर समझाएं। समझाने के दौरान बच्चे को उदाहरण दें कि आप भी जब स्कूल या कॉलेज में थे तो अक्सर ऐसी गलतियां कर बैठते है। इससे बच्चा आपकी बातों से जिंदगी के सही पहलू को समझ पाएंगा। क्योंकि मां बाप ही बच्चे के लिए पहले मार्गदर्शन होते है ऐसे में सिर्फ डांट फटकार से ही आप किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाते है। युवा अवस्था एक ऐसी अवस्था है जिसमें बच्चा आपका दोस्त भी बन सकता है और आपसे काफी दूर भी हो सकता है। तो ऐसे में जरूरी है कि आप अपने युवा बच्चों के दोस्त बने।
