अगर आप घर से वर्क फ्रम होम कर रहे हैं तो बच्चों की छुट्टियों का सीज़न बहुत चैलेंजिंग समय होता है। छुट्टियों में बच्चे दिनभर घर पर होते हैं और वो अपने पेरेन्ट्स का सारा अटेंशन अपनी ओर चाहते हैं, लेकिन जो पेरेन्ट्स घर से ही ऑफिस के काम कर रहे हैं उनके लिए हर समय बच्चों के साथ बने रहना काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि अगर आप बच्चों की बातों पर फोकस करेंगे तो लैपटॉप पर कंसेन्ट्रेशन बनाए रखना मुश्किल होने लगता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए हम बता रहे हैं कुछ ऐसी एक्टिविटीज़ जिनसे आप बच्चों को आसानी से बिज़ी रख सकती हैं।

  1. आर्ट, कलरिंग के लिए करें एंकरेज– बच्चों को कला की दुनिया में रंगों से खेलने दें। छोटे बच्चों को क्रेऑन दे सकते हैं, जबकि बड़े बच्चों को तो आप आर्ट से जुड़ा कोई भी प्रोजेक्ट दे सकती हैं। कलरिंग, स्केचिंग, ड्रॉइंग ऐसी एक्टिविटी है जिसमें बच्चे घंटो व्यस्त रह सकते हैं।
  2. डायरी लिखना सिखाएं–  इंट्रोवर्ट बच्चों के लिए ये एक्टिविटी काफी सही है क्योंकि डायरी के खालवी पन्नों में वो बहुत सुकून के साथ अपनी दिनचर्या, अपनी चाहतों, सपनों आदी के बाके में लिखना एंजॉय करते हैं।
  3. किताबों से कराएं दोस्ती- बच्चों को पढ़ने की आदत लगाने के लिए जरूरी है कि शुरू में किताबें वो खुद चुनें। उन्हें अपनी पसंद से किताबें पढ़ने दें। साथ में आप अपनी पसंद की किताबें भी रखें। ये एक्टिविटी आठ साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए बेहतरीन है, लेकिन इससे कम उम्र के बच्चों के लिए भी कई शेप्स में किताब उपलब्ध है।
  4. वर्ड पैड, पॉवर पॉइंट यूज़ करना सिखाएं-आठ साल से बड़े बच्चों को वर्ड के बारे में स्कूल में काफी जानकारी दी जाती है। उन्हें वर्ड में लिखना और सभी टूल्स यूज़ करना सिखा सकते हैं। इसके अलावा इस उम्र के बच्चों को पावर पॉइंट के साथ प्रयोग करने दे सकते हैं।
  5. करने दें प्रिटेंड प्ले-एक समय था जब बच्चे घर की टेबल के नीचे तो बेड पर खुद ही सोच-सोच कर कुछ खेला करते थे। आजकल उनके लिए किचन स्टेशन, डॉक्टर सेट[A1] , घर से जुड़ी तमाम ऐसी चीज़ें उपलब्ध हैं जिनके बीच वो अपनी दुनिया बना सकते हैं। उन्हें ऐसे गेम्स खेलने दें।
  6. एजुकेशनल गेम्स, पजल्स-मार्केट में बच्चों के लिए कई तरह और हर उम्र के अनुसार एजुकेशनल गेम्स उपलब्ध हैं। जहां आप काम कर रहे हैं, वहां बच्चे इन गेम्स के साथ आराम से एक घंटे के लिए बिज़ी रह सकते हैं।
  7. पोडकास्ट या ऑडियोबुक्स-बच्चों के लिए कई ऐसे पॉडकास्ट हैं जहां बच्चे अच्छी कहानियां सुन सकते हैं। ये मनोरंजक और शिक्षा दोनों की दृष्टी से अच्छे हैं। और इनमें सक्रीन जैसा कुछ भी नहीं है। इसके अलावा ऑडिबल बुक्स भी बच्चों को सुनने के लिए एंकरेज कर सकते हैं।
  8. प्ले डेट-घर से काम करने वाले परेन्ट्स के लिए ये किसी वरदान की तरह है। एक ही उम्र और एक कक्षा में साथ पढ़ने वाले बच्चों को साथ लने देने में कोई हर्ज नहीं है। बस बच्चों को ये बता दीजिए कि उन्हें किन नियमों को फॉलो करना है, जैसे दरवाजें बंद न करना, खेवने के बाद सभी चीज़े समेटना आदी। हां, बच्चों के पेरेन्ट्स से अच्छी दोस्ती हो तो एक दिन आप अपने बच्चे उनके यहां भेज सकती हैं और एक दिन उनके बच्चों को अपने घर बुला सकती हैं।