लॉकडाउन की वजह से सारे स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं जिससे बच्चों को वायरस के संक्रमण से पूरी तरह से बचाया जा सके। बच्चे और पैरेंट्स सभी एक साथ समय बिता रहे हैं। ऐसे में ये एक अच्छा समय भी साबित हो सकता है क्योंकि इसी समय में बच्चों और पैरेंट्स के बीच की बॉन्डिंग को और ज्यादा स्ट्रांग किया जा सकता है। अक्सर ऐसा होता है कि जब दोनों पैरेंट्स वर्किंग होते हैं तब वो बच्चों को पूरा समय नहीं दे पाते हैं। यही वजह होती है कि बच्चों का अटैचमेंट पैरेंट्स से कम होने लगता है। अब जब कोरोना वायरस की वजह से बच्चों की छुट्टियां कर दी गई हैं तब बच्चे अपने पैरेंट्स के साथ मिलकर कई तरह की एक्टिविटीज तो सीख ही रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत कर रहे हैं। आइए आपको बताते हैं किन वजहों से ये लॉकडाउन का समय बच्चों का परिवार के साथ अटैचमेंट बढ़ा रहा है।
मॉरल सपोर्ट
कोरोना वायरस की वजह से बच्चे और बड़ों सभी के बीच एक डर की स्थिति पैदा हो रही है। सभी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं ऐसे में बच्चों को सबसे ज्यादा सपोर्ट अपनी फैमिली से ही मिल रहा है जिसकी वजह से बच्चों की फैमिली के साथ अच्छी बॉन्डिंग बन रही है। खासतौर पर किशोरावस्था के बच्चे जिनकी दुनिया सिर्फ अपने आपमें या अपने दोस्तों तक ही सीमित होती है वो भी अपने परिवार के बहुत करीब आते जा रहे हैं।
बुजुर्गों से जुड़ाव
जिन घरों में ग्रैंड पैरेंट्स भी हैं वहां बच्चों को उनसे बातें करने का मौका मिल रहा है। जिसकी वजह से बच्चों के मन में बुजुर्गों को समय देने और उनकी सेवा करने का भाव पैदा हो रहा है।
घर का खाना ही अच्छा
हमेशा बाहर के खाने को अहमियत देने वाले बच्चे जिनको बर्गर ,पिज़्ज़ा में ही स्वाद नज़र आता है वो सभी बच्चे घर का खाना खाने लगे हैं। जिसकी वजह से मम्मियां उनके लिए नई -नई डिशेज़ बना रही हैं और बच्चे इस वजह से अपने पैरेंट्स खासतौर पर अपनी मम्मियों के और ज्यादा करीब आ रहे हैं। बच्चों को अब इस बात का एहसास होने लगा है कि घर का खाना ही बेस्ट है।
