आमतौर पर देखा गया है कि पेरेंट्स अपने बच्चों को बहुत कम ही अकेला घर में छोडते हैं। पेरेंट्स के मन में बच्चे को लेकर एक ओवरप्रोटेक्शन की भावना होती है जिसकी वजह से वो अपने बच्चे को तब तक घर में अकेला छोड़कर नहीं जाते जब तक काम बहुत ज़रूरी न हो। वर्किंग पेरेंट्स भी बच्चों की देखभाल के लिए घर में किसी मेड या फिर किसी अन्य व्यक्ति को रखते हैं।लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपने बच्चे को घर में अकेला छोड़कर जा सकते हैं।
- बच्चे को मोबाइल ज़रूर देकर जाएं जिससे समय -समय पर वो अपनी गतिविधियों से अवगत कराता रहेगा। आप कितने भी व्यस्त क्यों न हों बच्चों की बीच-बीच में खबर लेते रहें।
- बच्चे को कुछ जरूरी इमरजेंसी नंबर देकर जाएं चाहे तो वो नंबर मोबाइल की जगह किसी पेपर पर लिख दें जिससे कि वो आपातकालीन परिस्थितियों में उन नम्बर्स पर संपर्क कर सके।
- बच्चे को घर के किसी एक कोने या कमरे में बंद न करें ताकि अनहोनी होने पर वो बाहर भाग सके।
- बच्चे को अपने सामने दरवाजा बंद करना और खोलना सिखाएं। उसे ये भी बताएं कि ऊपर की कुंडी लगाने की जगह वो नीचे की कुंडी लगाए ।
- बच्चे के खाने-पीने की चीजें ऐसी जगह पर रख कर जाएं जहाँ वो आसानी से पहुंच सके। हो सके तो खाने का सामान किचन से बहार रख दें। किचन में गैस से आग लगने का खतरा हमेशा बना रहता है इसलिए गैस सिलेंडर का नॉब नीचे से बंद कर दें।
- बच्चे को कोई क्रिएटिव काम जैसे उसकी पढ़ाई से संबंधित काम देकर जाएं ताकि वो उसी में व्यस्त रहे।
- घर में यदि बालकनी है तो उसको अंदर से लॉक कर दें। कई बार बच्चे बालकनी में चेयर व कुछ अन्य सामान रखकर खड़े होते हैं जो उनकी जान के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
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बच्चे को ये बात ठीक से सिखा दें कि किसी अंजान व्यक्ति के लिए दरवाज़ा बिल्कुल न खोलें।यदि आपके पड़ोसी से संबंध अच्छे हैं तो इस बात की जानकारी अपने पड़ोसी को देकर जाएं कि बच्चा घर में अकेला है।
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