केस 1:
TRAI Call Scam: हैदराबाद के एक व्यक्ति ने जनवरी 2024 में TRAI से कॉल प्राप्त की। कॉल में बताया गया कि उसकी मोबाइल नंबर से अवैध गतिविधियाँ चल रही हैं और उसे 2 घंटे के अंदर सस्पेंड कर दिया जाएगा। कॉल करने वाले ने उसे पुलिस के आदेश के बारे में बताया और उसे तुरंत 9 दबाकर और फिर वीडियो कॉल पर रहकर अपनी सफाई देने को कहा। बाद में, धोखेबाज ने उसे एक नकली पुलिस अधिकारी से जुड़वाया, जिसने उसे परेशान करते हुए सभी संवेदनशील जानकारी मांगी और आखिरकार 11 लाख रुपये की रकम हड़प ली। जब तक पीड़ित ने समझा कि वह धोखेबाजों के जाल में फंस चुका है, तब तक उसकी सारी रकम गायब हो चुकी थी।
केस 2:
एक 25 वर्षीय IIT बॉम्बे के छात्र ने एक दिन TRAI से कॉल लिया, जिसमें उसे बताया गया कि उसके मोबाइल नंबर से अवैध संदेश भेजे जा रहे हैं और उसे पुलिस द्वारा सस्पेंड किया जाएगा। कॉल करने वाले ने उसे बहुत विश्वास के साथ कहा कि अगर उसने 9 दबाकर आपत्ति जताई, तो उसका नंबर सस्पेंड होने से बच सकता है। जैसे ही छात्र ने “9” दबाया, उसे एक नकली सीबीआई अधिकारी से जुड़वाया गया, जिसने उसे वीडियो कॉल पर रहकर सभी जानकारियाँ देने को कहा। इसके बाद वह छात्र अपने बैंक अकाउंट की जानकारी और अन्य व्यक्तिगत जानकारी धोखेबाजों से साझा कर बैठा, जिसके परिणामस्वरूप 7 लाख रुपये की ठगी हो गई।
केस 3:
उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति ने एक दिन एक विदेशी नंबर से कॉल प्राप्त किया, जिसमें कहा गया कि उसका मोबाइल नंबर अवैध गतिविधियों में शामिल है और 2 घंटे में सस्पेंड कर दिया जाएगा। कॉल ने इतना डर पैदा किया कि उसने तुरंत 9 दबाया और एक “अधिकारी” से बात की, जिसने कहा कि उसे वीडियो कॉल पर अपनी सफाई देनी होगी। अधिकारी के बाद, एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में और एक वॉक टॉकी लेकर आया, जिसने दावा किया कि वह असली पुलिस अधिकारी है। इस पूरी प्रक्रिया में व्यक्ति ने अपनी बैंक जानकारी और कुछ पैसे भी भेज दिए, जिसके बाद उसने अपनी पूरी राशि गंवा दी। बाद में पता चला कि यह कॉल नेपाल से आई थी और पूरी घटना एक ठगी का हिस्सा थी।
यह स्कैम कैसे काम करता है?
इस स्कैम का तरीका अत्यधिक धोखाधड़ी वाला और वास्तविक प्रतीत होने वाला है, जिससे लोग आसानी से इसे पकड़ नहीं पाते। यह स्कैम कॉल्स आमतौर पर एक ऑटोमेटेड सिस्टम से आती हैं, जो TRAI या किसी सरकारी संस्था के नाम से शुरू होती है।
कॉल की शुरुआत`
कॉल में आपको बताया जाता है कि “प्रिय उपयोगकर्ता, आपके नंबर से अवैध गतिविधि रजिस्टर हुई है और आपका नंबर 2 घंटे के भीतर सस्पेंड किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए 9 दबाएं।”
धोखेबाज अधिकारी से बात करना
जब आप “9” दबाते हैं, तो आपको एक “अधिकारी” से जोड़ा जाता है जो बहुत ही विनम्रता से बात करता है। वह आपको बताएगा कि आपके नंबर से अनैतिक सामग्री भेजी गई है और इसलिए पुलिस ने TRAI को आपके नंबर को ब्लॉक करने का आदेश दिया है।
डिजिटल अरेस्ट का डर
आपको यह भी बताया जाता है कि अगर आपने जल्दी कार्रवाई नहीं की तो आपको “डिजिटल अरेस्ट” का सामना करना पड़ेगा। धोखेबाज यह कहते हैं कि आपको वीडियो कॉल पर रहकर पुलिस को रिपोर्ट करनी होगी और आपकी पूरी बातचीत रिकॉर्ड की जाएगी। इस दौरान वे आपसे संवेदनशील जानकारी जैसे कि ID प्रूफ और बैंक डिटेल्स मांगते हैं।

पुलिस का झांसा: इस पूरी प्रक्रिया में, धोखेबाज पुलिस वालों का रूप धारण कर लेते हैं। वे नकली पुलिस अधिकारी या न्यायाधीश के रूप में आपको डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं और आपको पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर करते हैं। यदि आप पैसे ट्रांसफर कर देते हैं, तो धोखेबाज तुरंत आपके बैंक अकाउंट को खाली कर देते हैं और फिर आपसे संपर्क करना बंद कर देते हैं।
कैसे खुद को सुरक्षित रखें?
TRAI कॉल्स पर विश्वास न करें
TRAI कभी भी आपको फोन करके आपकी व्यक्तिगत जानकारी या बैंक डिटेल्स नहीं मांगेगा। यदि आपको ऐसा कॉल आता है, तो उसे तुरंत काट दें और उस नंबर को ब्लॉक कर दें।
डिजिटल अरेस्ट का कोई अस्तित्व नहीं है
यह शब्द पूरी तरह से धोखाधड़ी है। पुलिस या कोई सरकारी अधिकारी आपको कभी डिजिटल अरेस्ट की धमकी नहीं देगा। यदि कोई आपको यह कहे, तो तुरंत कॉल काटें और पुलिस से संपर्क करें।
शक होने पर जांच करें
यदि आप अभी भी इस कॉल को लेकर संकोच कर रहे हैं, तो कॉल करने वाले से संबंधित जानकारी की जांच करें। हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आप किसी आधिकारिक संस्था से बात कर रहे हैं।
संवेदनशील जानकारी न शेयर करें
कभी भी अनजान कॉलर्स को अपनी बैंकिंग जानकारी, व्यक्तिगत पहचान या कोई और संवेदनशील जानकारी न दें।
अगर आप पहले ही ठगे जा चुके हैं तो क्या करें?
तुरंत पुलिस में रिपोर्ट करें
यदि आपने पैसे ट्रांसफर कर दिए हैं या अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा की है, तो तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराएं।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करें
अगर आपको लगता है कि आपने साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं, तो राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर तुरंत कॉल करें (1930)।
अपने बैंक से संपर्क करें
यदि आपने पैसे ट्रांसफर किए हैं, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और उन्हें इस बारे में सूचित करें। बैंक आपके खाते की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठा सकता है।
धोखेबाजों का यह तरीका बहुत ही चालाक है और आसानी से किसी को भी धोखा दे सकता है। TRAI या कोई सरकारी एजेंसी कभी भी फोन पर आपसे संवेदनशील जानकारी नहीं मांगती है, इसलिए इन कॉल्स पर बिल्कुल ध्यान न दें। यदि आप किसी धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं, तो तुरंत पुलिस और साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करें। सतर्क रहें और ऐसे स्कैम से बचें!
