इन जगहों पर जाकर आप साहसिक गतिविधियां कर सकते हैं
आप भी रोमांच के शौकीन हैं और आपको ऐसी जगहों की तलाश है जहां पर आप अपने दोस्तों के साथ एडवेंचर ट्रिप पर जा सकें, तो ये लिस्ट देखिए।
Best Adventure Places: साहसिक पर्यटन को लेकर लोगों का रुझान बढ़ा है। लोग नई नई जगहों पर जाना और वहाँ होने वाली साहसिक पर्यटन से सम्बंधित गतिविधियों को आज़माना चाहते हैं। ऐसे में यदि आप भी रोमांच के शौकीन हैं और इस तरह की गतिविधियों को आज़माना चाहते हैं और आपको ऐसी जगहों की तलाश है जहां पर आप अपने दोस्तों के साथ एडवेंचर ट्रिप पर जा सकें तो इस लेख को पूरा पढ़िए। इन रहस्यमय जगहों पर आपको तरह तरह के अनुभव होंगे जिनको आप कभी नहीं भूल पायेंगे। यह सभी जगहें काफ़ी जानी पहचानी और यात्रा के लिहाज़ से काफ़ी अनुकूल हैं। इन जगहों पर पहुँचकर आपको बहुत ही मज़ा आने वाला है, तो चलिए जानते हैं इन तमाम जगहों के बारे में।
कोली हिल्स रोड

तमिलनाडु के नामक्कल जिले में स्थित कोली हिल्स को माउंटेन ऑफ डेथ’ के नाम से भी जाना जाता है। इस जगह के बारे में अभी ज़्यादा लोगों को नहीं पता है जिसकी वजह से पर्यटन सम्बंधित गतिविधियों से यह अछूता है। जिसकी वजह से इस जगह का प्राकृतिक वातावरण अभी बरकरार है। इस जगह पर आकर आप कोल्ली हिल्स स्टेशन की प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ अर्पापलेश्वर मंदिर का भी भ्रमण कर सकते हैं। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है और इसके दर्शन के लिए देश के कोने कोने से लोग आते हैं। कोली हिल्स के शिखर पर घुमावदार सड़क से पहुँचना होता है, जो इस जगह की यात्रा को अधिक रोमांचक बना देता है। इस रोड को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से लोग आते हैं।
कुलधरा, राजस्थान

राजस्थान की गोल्डन सिटी जैसलमेर से महज़ बीस किमी की दूरी पर स्थित है कुलधरा गाँव एक बहुत ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जिसकी वजह से देश भर से लोग इस जगह पर आते हैं। इस गांव से जुड़ी एक बहुत ही दिलचस्प और मार्मिक कहानी है जिसकी वजह से इस गांव में रह रहे लोगों को रातों रात अपना घर छोड़ना पड़ गया था और महज़ एक रात में यह गांव पूरी तरह से ख़ाली हो गया था। तभी से यह गांव वीरान पड़ा है और इसे देखने के लिए हर दिन सैकड़ों लोग यहाँ पर आते हैं। रेगिस्तान से अलग यह जगह सैलानियों को एक अलग तरह की सांस्कृतिक यात्रा करने का मौक़ा देती है। लोग उस समय की बसावट को देखकर आज भी उस आदिम सभ्यता की पड़ताल करने लग जाते हैं। यह काफ़ी सुंदर और खूबसूरत है बावजूद इसके कुछ लोग कुलधरा गाँव को डरावना और भूतिया बताते हैं।
द्रास, जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर राज्य के कारगिल जिले स्थित द्रास को भारत का ऐसा सबसे ठंडा स्थल माना जाता है जहां पर लोग रहते हैं। इस नगर को लद्दाख का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है क्योंकि एक तरह से यहीं से हम लद्दाख़ के क्षेत्र में दाख़िल होते हैं। यदि आप प्रकृति की खूबसूरती का कुछ अलग और अनोखा रूप देखना चाहते हैं तो द्रास यात्रा का प्लान बना सकते हैं। समुद्र तल से 10,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित द्रास की ख़ूबसूरती देखते ही बनती है। सबसे ख़ास बात यह कि जो लोग श्रीनगर और सोनमर्ग घूमने आ रहे हैं उनके लिए द्रास पहुँचना बहुत ही आसान है। द्रास श्रीनगर से 140 किमी और सोनमर्ग से 63 किमी की दूरी पर स्थित है। इस जगह पर इतनी ठंड के बावजूद लोग आम शहरों की तरह से रहते हैं। यह वह खासियत है जो विश्व भर के प्रयटकों को यहां पर आने के लिए मजबूर करती है। सितंबर से अक्टूबर से मध्य यहां का तामपान 23 डिग्री के आसपास रहता है जोकि यात्रा के लिहाज़ से काफ़ी अनुकूल है। हालाँकि, सर्दियों के दौरान यहां का तापमान -20 डीग्री नीचे तक चला जाता है।
डुमास बीच, गुजरात

गुजरात में स्थित डुमास बीच अपनी प्राकृतिक सुंदरता की तुलना में अपनी डरावनी कहानियों के लिए अधिक लोकप्रिय है। डुमास बीच एक ऐसा बीच है जो सूरत से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। अरब सागर के किनारे स्थित इस बीच को अपनी काली और ग्रे रेत के लिए जाना जाता है। इस जगह पर कुछ असामान्य गतिविधियों के होने का दावा किया जाता है, आप यदि इस तरह की कहानियों में दिलचस्पी रखते हैं तो आपको बहुत ही ज़्यादा मज़ा आएगा। हालाँकि यह सिर्फ़ सुनी सुनाई कहानियों तक ही सीमित हैं, इनकी कोई प्रमाणिकता नहीं है। जिन यात्रियों ने इस जगह का दौरा किया है, वे केवल इसकी सुंदरता और वहां पर हुए अपने ख़ूबसूरत अनुभव किए गए आनंद के बारे में बात करते हैं। जो यात्री समुद्र तट पर गए वे शांत, सुरम्य, असली और रोमांचकारी जगह होने के कारण इसकी प्रशंसा करते हैं।
धनुषकोडी, रामेश्वरम

दक्षिण भारत में घूमने और देखने वाली जगहों की कोई कमी नहीं है पर कुछ ऐसी भी जगहें हैं जिनके बारे में लोग बहुत कम जानते हैं। धनुषकोडी भी एक ऐसी ही जगह है जिसे दक्षिण भारत का एक छिपा हुआ प्राकृतिक सौन्दर्य कहा जा सकता है। इस जगह की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के कारण हालाँकि इस जगह पर लोग नहीं रहते पर पर्यटन भरपूर है। लोग इस जगह पर समुद्र और इसके आसपास की ख़ूबसूरती को देखने के लिए आते हैं। यह जगह उन पर्यटकों और साहसिक प्रेमियों के लिए है जो धनुषकोडी की यात्रा करना चाहते हैं। पम्बन द्वीप के दक्षिण-पूर्वी सिरे पर स्थित धनुषकोडी 1964 में रामेश्वरम चक्रवात की चपेट में आने के बाद से ज्यादातर निर्जन है, यह वह चक्रवात था जिसने इस जगह को नष्ट कर दिया।
