बच्चे के कोमल मन को ठेस पहुँचाती हैं माता पिता की अनजाने में कही गयीं ये 3 बातेंमाता पिता बनने से ज्यादा खूबसूरत इस दुनिया में कुछ नहीं। हर माता पिता अपने बच्चे को हर तरह की सुख सुविधाएं देना चाहते हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए अपने बच्चे को एक अच्छी जिंदगी देने की। ऐसे में अक्सर हम कुछ गलतियां कर बैठते हैं। बच्चों को जरुरत से ज्यादा सुख सुविधाएं दे देना, उन्हें ज्यादा लाड प्यार देकर उनकी हर ज़िद पर हामी भर देना, या इतना ज्यादा सख्त व्यवहार करना की बच्चे हमसे अपनी मन की बात कहने में भी डरने और हिचकने लगें। हमें अपने बच्चों के लिए ये 3 चीज़ें कभी नहीं करनी चाहिए।
जाने अनजाने में माता पिता की कही गयी कुछ बातें बच्चों के मन में हीन भावना ला देतीं हैं। बच्चों के लिए माता पिता ही उनकी दुनिया होते हैं, उनके साथ रहकर वो सबसे ज्यादा सुरक्षित रहतें है और उनमें आत्मविश्वास भी बना रहता है। बच्चों को कुछ भी कहने से पहले अपने शब्दों और वाणी पर संयम रखें।
Parenting Tips: माता-पिता बनने से ज्यादा खूबसूरत इस दुनिया में कुछ नहीं। हर माता-पिता अपने बच्चे को हर तरह की सुख सुविधाएं देना चाहते हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए अपने बच्चे को एक अच्छी जिंदगी देने की। ऐसे में अक्सर कुछ गलतियां कर बैठते हैं। बच्चों को जरुरत से ज्यादा सुख सुविधाएं दे देना, उन्हें ज्यादा लाड प्यार देकर उनकी हर ज़िद पर हामी भर देना या इतना ज्यादा सख्त व्यवहार करना की बच्चे हमसे अपनी मन की बात कहने में भी डरने और हिचकने लगे।
हमें अपने बच्चों के लिए ये 3 चीज़ें कभी नहीं करनी चाहिए।
अमीर-गरीब जैसे शब्द ना दोहराएं

बचपन में शरारत और जिद करना हर बच्चे के लिए आम बात है। बच्चों को उनकी तरह ही डील करें। प्यार और संयम से उन्हें समझाएं। उनके साथ खेलें, थोड़ा समय बिताएं। कई बार बच्चों को हर तरह से समझा लेने के बाद भी वो अपनी जिद पर अड़े रहतें हैं। ऐसे में धैर्य से काम लें। अगर बच्चा कोई खिलौना लेने की जिद पर अड़ा है तो थोड़ी देर उसे अपने मन का करने दें उसपर नज़र रखें पर उसे एहसास ना होने दें। इस तरह के व्यवहार से बच्चा समझ जाएगा की उसके इतने नखरे के बाद भी माता पिता उसकी जिद पूरी नहीं करेंगे और वो कुछ समय बाद सामान्य व्यवहार करने लगेगा।
कुछ माता पिता बच्चे के सामने कहने लगते हैं तुमने पहले ही इतने खिलौने खरीद लिए हैं अब हमारे पास पैसे नहीं हैं, या इसी तरह की कोई और बात कह देते हैं। ध्यान रखें बच्चे के सामने अमीर गरीब या पैसे ना होने की बात का जिक्र भूल कर भी ना करें। ये बात बच्चे के मन में बैठ जाती है और वो आपके सामने अपने मन की बात रखना बंद कर देता है। बच्चा हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है।
गलत शब्दों का इस्तेमाल ना करें

बच्चों के कोमल मन में कुछ बातें बैठ जाती हैं। ऐसे में कोशिश करें सोच समझ कर शब्दों का इस्तेमाल करें। हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में व्यस्त होने की वजह से बच्चों की बातों को अनसुना कर देतें हैं। व्यस्त ज़िन्दगी में हम बच्चों के बार बार कुछ पूछने पर उनसे परेशान हो जाते हैं। अपना आपा खो कर हम उन्हें गुस्से में गलत शब्द बोल देते हैं। इस तरह के गलत शब्द या अपशब्द कह देने पर बच्चे के मन में कैसी भावना आती होगी। उसके लिए सबसे ज्यादा माता पिता ही मायने रखतें हैं, वो ही ऐसा व्यवहार करेंगे तो बच्चा किस पर विशवास कर पायेगा।
उनके खेल और सवालों को बेकार कहना

बच्चे हर तरह का खेल खेलते हैं और ना जाने कितने ही प्रश्न पूछते हैं। यही तो बच्चों की सबसे प्यारी बात है। कभी भी उनके खेल और बातों को बेकार ना कहें। उनके हर सवाल का जवाब दें ताकि उनके मन में चल रही उथल-पुथल शांत हो सके। बच्चे के हर खेल को प्रोत्साहित करें और समय मिलने पर उनके साथ जरूर खेलें।
