‘साड़ी ‘भारतीय नारी का सर्वाधिक मनपसंद पहनावा है। यह व्यक्तित्व को निखार के उसमें नजाकत ला देती है। भारतीय नारी संभवत: सबसे खूबसूरत भी साडी मे ही लगती है।  साडी हमारे लिए इतनी महत्वपूर्ण है तो इसकी देखभाल भी जरूरी है।

साडियाँ ज्यादा चले उसके लिए अपनाइए कुछ ये टिप्स –

कभी भी गन्दी साडी को वापिस वार्डरोब में ना रखे ।

साडी की प्रकृति के अनुसार उसे धो कर या ड्राईक्लीन करवा कर ही अन्दर रखें। 

साडी उतारकर ऐसे ही तह न करे। यदि वह धोनी भी है तो उसे हवा में सुखा दे ताकि पसीना सूख जाए।

जरी की या कढाई की गई साडियों को कभी भी ना धोएं। शिफान और जार्जट की साडियों को यदि धोना आवश्यक हो तो हाथ से ठंडे पानी में ही धोएं।

नाजुक लेस वाली साडियों को वाषिंग मशीन मे न धोएं ।

पूरी साडी को धोना नही चाहिए अन्यथा साडी खराब होने का डर रहता है। कपडे को साडी पर रखकर प्रेस करे

रेशम की साडी को एक ही बार पहनने के बाद न धोएं। इन्हें घर पर धोएं तो अच्छा रहेगा। रेशमी साडी को धोते वक्त पानी में नमक मिला ले व बाद में हल्के साबुन से धोएं। पानी से धोने के बाद इन साडियों को निचोडना नही चाहिए। नल पर ही डाल दे। पानी निकलने पर अच्छी तरह झाड कर सुखा दे।

सूती साडियों को अच्छी तरह धो कर कलफ लगाकर रखें। कलफ आप घर पर भी लगा सकती हेै। कलफ लगान से पुराने सूती साडी में भी जान सी आ जाती है और वह नई सी लगने लगती है।

यदि साडी पर कुछ गिर जाए तो तुरंत उस स्थान को साफ कर देना चाहिए ।

साडियों को सदा छाया में सुखाएं

जरी की साडियाँ वर्षा ऋतु में नमी के कारण काली पड जाती है इसीलिए उन्हें प्लास्टिक बैग्स में लपेट कर रखें।

भारी व कीमती गोटे की ,जरीदारी  साडियों को हमेषा उल्टी तह करके सूती कपडे में लपेट कर रखनी चाहिए । ध्यान रहे कि इनके बीच तेज खूषबू या कीटाणुनाशक दवा न रखें इससे जरी काली पड सकती है। इन साडियों को हमेशा ड्राईक्लीन ही करवाएं । समय -समय पर इनकी तह बदलते रहे।

आंरगेंजा,टिश्यू ,चंदेरी की साडियों की तह को दबाकर नही रखना चाहिए ,क्योंकि इससे वे मोडे हुए स्थान से कट जाती है। यदि साडी कहीं से फट गई है तो उसे रफू कराकर ही दुबारा पहनेे।
साडियों को हमेशा मध्यम ताप पर (मीडियम टेम्परेचर) पर प्रैस करे ।

पतले कपडे को साडी पर रखकर प्रेस करे।

सूखे तम्बाकू के पत्ते अलमारी में रखे ,कपडों में कीडा नही लगेगा।  सिलिका जेल के पाउच को अलमारी में साडियों से कुछ दूर रखे उनमें बदबू या सीलन नही आएगी। फिनायल की खुली हुई गोलियाँ कभी भी साडियों ऐसे ही न रखे।बरसात में उन से साडियों का रंग निकल सकता है।

अगर आप साडियों को लम्बे  समय तक नही पहनने वाली है तो उन्हें हैंगर मत लटकायें।

छोटे छोटे इन उपायों को आजमाकर आप अपनी चहेती ड्रेस को बना सकती है लान्गलास्टिंग….. ।