Khatu Shyam Temple
Khatu Shyam

Overview: घर में खाटू श्याम जी की मूर्ति क्यों स्थापित करें?

खाटू श्याम जी को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। इनका प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान में स्थित है। बहुत से श्रद्धालु बाबा श्याम की आराधना करने के लिए उनकी मूर्ति अपने घर में स्थापित करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Khatu Shyam Idol: भारतीय संस्कृति में अनेक देवी-देवताओं की पूजा होती है, लेकिन खाटू श्याम जी का स्थान भक्तों के हृदय में विशेष है। उन्हें ‘हारे का सहारा’ कहा जाता है, क्योंकि यह विश्वास है कि जो व्यक्ति जीवन में हर तरफ से हार चुका होता है, उसे भी बाबा श्याम की कृपा से नया संबल मिलता है। यही कारण है कि न केवल राजस्थान के खाटू नगरी में स्थित मंदिर में, बल्कि भारत के कोने-कोने में लोग उनके भक्त बनते जा रहे हैं और घरों में उनकी मूर्ति की स्थापना कर श्रद्धापूर्वक पूजन करते हैं।

खाटू श्याम कौन हैं और क्यों विशेष हैं?

Khatu Shyam Baba
Who is Khatu Shyam Baba

खाटू श्याम जी को भगवान श्रीकृष्ण का ही एक रूप माना जाता है। उनका असली नाम ‘बर्बरीक’ था, जो महाभारत के युद्ध में भीम के पुत्र घटोत्कच के बेटे के रूप में जाने जाते हैं। कथा के अनुसार, उन्होंने युद्ध में अपने बल से निर्णायक भूमिका निभाने का व्रत लिया था, लेकिन श्रीकृष्ण ने उनसे उनका शीश मांगा।

बर्बरीक ने बिना किसी संकोच के अपना शीश अर्पित कर दिया। उनकी इसी भक्ति और बलिदान से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में तुम्हें ‘श्याम’ नाम से पूजा जाएगा और जो तुम्हारा स्मरण करेगा, उसके कष्ट मिटेंगे।

घर में खाटू श्याम जी की मूर्ति क्यों स्थापित करें?

खाटू श्याम जी की मूर्ति को घर में स्थापित करना केवल एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास का प्रतीक होता है। जब कोई भक्त बाबा श्याम की प्रतिमा को अपने घर के पवित्र स्थान पर विधिपूर्वक स्थापित करता है, तो यह माना जाता है कि वह घर शुद्ध और ऊर्जा से भरपूर हो जाता है। इस मूर्ति से सकारात्मकता फैलती है और घर के वातावरण में शांति, समृद्धि और संतुलन आता है।

विशेष ध्यान देना चाहिए कि मूर्ति की स्थापना घर के ऐसे स्थान पर करें, जहां रोज़ साफ-सफाई और पूजा संभव हो। रसोईघर, शौचालय या बेडरूम में मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। पूजा का स्थान शुद्ध, शांत और श्रद्धा से भरा होना चाहिए।

मूर्ति स्थापना के लिए शुभ समय

यदि आप खाटू श्याम जी की मूर्ति अपने घर में लाना चाहते हैं, तो एकादशी का दिन इसके लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। एकादशी तिथि को आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली दिन कहा जाता है। इस दिन घर को अच्छे से साफ करें, पूजा स्थल को सजाएं और भजन-कीर्तन करते हुए बाबा श्याम की मूर्ति को स्थापना करें। साथ ही, नियमपूर्वक पूजन और व्रत का पालन करें, जिससे सकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में व्याप्त होती है।

रोजाना करें बाबा श्याम की पूजा

मूर्ति स्थापना के बाद बाबा श्याम की पूजा नियमित रूप से करना अनिवार्य होता है। रोज सुबह-संध्या समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और बाबा के समक्ष धूप, दीप, अगरबत्ती, इत्र, फूल और तुलसी अर्पित करें। विशेषकर एकादशी के दिन पूजा का विशेष महत्व है। उस दिन बाबा को विशेष भोग जैसे खीर, चूरमा और गाय के दूध से बनी मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं। साथ ही गुलाब जल और इत्र से अभिषेक कर, दीपक जलाकर आरती करें। मान्यता है कि ऐसा करने से बाबा जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं।

खाटू श्याम जी को भोग में क्या लगाएं ?

बाबा श्याम को गाय के दूध से बनी मिठाइयाँ, खीर, चूरमा, मावा, बूरा और बेसन के लड्डू अत्यंत प्रिय माने जाते हैं। पूजा के समय इन प्रसादों को साफ-सुथरे बर्तन में रखें और प्रेमपूर्वक अर्पित करें। भोजन की पवित्रता का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि खाटू श्याम जी को शुद्धता अत्यंत प्रिय है।

बाबा श्याम की कृपा से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन, निस्वार्थ भाव और श्रद्धा से खाटू श्याम की आराधना करता है, उसकी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। चाहे वह नौकरी से जुड़ी समस्या हो, पारिवारिक कलह, आर्थिक परेशानी या स्वास्थ्य संबंधी चिंता बाबा की कृपा से सभी कठिनाइयों का समाधान होता है। कई भक्तों के जीवन में बाबा श्याम के चमत्कारी अनुभवों की कहानियाँ आज भी प्रेरणा बनकर जीवित हैं।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...