Overview:जन्माष्टमी पर घर बने नंदलाल का आंगन — आसान सजावट के सुंदर आइडियाज़
जन्माष्टमी पर घर को नंदलाल का आंगन बनाने के लिए ज्यादा मेहनत या महंगे सामान की ज़रूरत नहीं। फेयरिलाइट्स, मोर पंख, दही-हांडी, रंगोली और फूल जैसे आसान सजावट के आइडियाज़ से हर कोना भक्ति और रौनक से भर जाएगा। ये तरीके सस्ते, सुंदर और घर में करने लायक हैं, जो आपके त्योहार को और भी खास और यादगार बना देंगे।
Janmashtami Decoration Ideas: जन्माष्टमी का नाम लेते ही मन में माखन चुराते नन्हे नंदलाल, मोर पंख, बांसुरी और झूले की झंकार गूंजने लगती है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भक्ति और प्रेम का सुंदर संगम है। इस दिन घर को ऐसे सजाना चाहिए कि हर कोना श्रीकृष्ण की लीला का आंगन लगे।
अगर आप सोच रहे हैं कि सजावट करना मुश्किल और समय लेने वाला काम है, तो चिंता छोड़ दीजिए। थोड़ी-सी रचनात्मकता और कुछ आसान तरीकों से आपका घर जन्माष्टमी पर नंदलाल के स्वागत के लिए तैयार हो सकता है। फेयरिलाइट्स की टिमटिमाहट, रंग-बिरंगे फूल, मोर पंख और दही-हांडी जैसे छोटे-छोटे आइटम घर को त्योहारी रंग में रंग देते हैं।
इस बार सजावट में ऐसे आइडियाज़ अपनाएँ जो देखने में सुंदर हों, बनाने में आसान हों और जेब पर भी भारी न पड़ें। आइए जानें कुछ आसान लेकिन मनमोहक सजावट के तरीके, जो आपके घर को जन्माष्टमी की रात असली नंदलाल का आंगन बना देंगे।
फेयरिलाइट्स से जगमगाए नंदलाल का आंगन

जन्माष्टमी की रात घर में फेयरिलाइट्स लगाने से पूरा माहौल जैसे किसी स्वप्नलोक में बदल जाता है। ये छोटी-छोटी लाइटें जब मंदिर, झूले, खिड़की या फोटो फ्रेम के चारों ओर सजती हैं, तो उनकी टिमटिमाहट से हर कोना दिव्य चमक से भर जाता है। आप चाहें तो सुनहरी, सफेद या मल्टीकलर लाइट का चुनाव कर सकते हैं। इन्हें पर्दों के पीछे या दीवार पर डिज़ाइन बनाकर लगाएँ, ताकि रोशनी का सुंदर पैटर्न बने। खास बात यह है कि ये महंगी नहीं होतीं और आसानी से बाजार या ऑनलाइन मिल जाती हैं।
पारंपरिक साज-सामान से बढ़े भक्ति का रंग

जन्माष्टमी पर पीतल के दीप, घंटी, धूपबत्ती और रंगीन कपड़ों से मंदिर को सजाना बहुत ही आसान और सुंदर तरीका है। एक साफ-सुथरा कपड़ा मंदिर के बैकग्राउन्ड में टाँगें, सामने एक पीतल का दीप जलाएँ और उसके पास छोटी-सी घंटी रखें। हर बार घंटी की मधुर आवाज़ मंदिर में भक्ति का रंग भर देगी। अगर चाहें तो रंग-बिरंगे फूलों की माला बनाकर मंदिर के चारों ओर टाँग सकते हैं। धूपबत्ती और अगरबत्ती की महक वातावरण को और भी पवित्र बना देती है। ये सब चीज़ें न सिर्फ खूबसूरत लगती हैं, बल्कि त्योहार की रौनक को भी दोगुना कर देती हैं।
दही-हांडी से आए नटखटपन का अंदाज़
दही-हांडी कृष्णजी की नटखट माखन चोरी की प्यारी याद दिलाती है। जन्माष्टमी पर छोटे-छोटे मिट्टी के मटकों को रंग-बिरंगे पेंट, चमकीले ग्लिटर और मोर पंख से सजाकर घर में टाँग दें। इन्हें दरवाजे, पूजा स्थान या झूले के पास लगाया जा सकता है। इसमें आप छोटे-छोटे फूल, मिठाई या चॉकलेट भी भर सकते हैं, ताकि बच्चे भी उत्साहित हों। इस सजावट से घर में एक playful और प्यारा माहौल बनता है, जो हर आने-जाने वाले के चेहरे पर मुस्कान ला देता है।
रंगोली में बसें मोर पंख और चरण चिन्ह
जन्माष्टमी पर रंगोली बनाना घर की सुंदरता को एकदम अलग स्तर पर ले जाता है। आप मुख्य दरवाजे या पूजा स्थान पर मोर पंख, बांसुरी, मुरली या श्रीकृष्ण के चरण चिन्ह का डिज़ाइन बना सकते हैं। रंगोली बनाने के लिए रंगीन पाउडर के साथ फूलों की पंखुड़ियाँ, हरे पत्ते और चावल का इस्तेमाल करें। रंगोली में नीला और पीला रंग जरूर रखें, क्योंकि ये कृष्णजी के प्रिय रंग हैं। मोर पंख का पैटर्न बनाने से रंगोली और भी आकर्षक लगती है। जब मेहमान घर आएंगे और प्रवेश पर इतनी सुंदर रंगोली देखेंगे, तो त्योहार की भावना उनके मन में तुरंत उतर जाएगी।
फूलों और मोर पंख से झूला बने आकर्षण का केंद्र
झूला जन्माष्टमी का सबसे खास हिस्सा है, क्योंकि इसमें नन्हे कान्हा को झुलाने का अपना ही आनंद है। झूले को पीले, नीले और हरे कपड़ों से ढकें, फिर ताजे फूलों की माला, मोर पंख और रंग-बिरंगे रिबन से सजाएँ। आप चाहें तो झूले के ऊपर छोटी-छोटी घंटियाँ टाँग सकते हैं, जिनकी मीठी आवाज़ वातावरण में मधुरता भर देगी। झूले के नीचे रंगीन चटाई बिछाएँ और उसके चारों ओर छोटे गमलों में पौधे रखें। अगर झूला लकड़ी का है, तो उस पर हल्का-सा सुनहरा पेंट या सजावटी स्टिकर भी चिपका सकते हैं। इस तरह सजा हुआ झूला न केवल पूजा का केंद्र बनेगा, बल्कि घर का सबसे प्यारा फोटो कॉर्नर भी बन जाएगा।
