Inspiring Women in India: आज के समय में महिलाएं भी पुरुषों के बराबर तरक्की कर रही हैं और देश का गौरव बढ़ा रही हैं। Women Empowerment और फेमिनिज्म जैसे विषयों को इस दशक में काफी प्रसिद्धि मिली है और बहुत से लोगों की सोच इन विषयों से जुड़े कैंपेन के कारण बदली हैं। बहुत सी महिलाओ ने यह साबित भी करके दिखाया है कि वह किसी से कम नहीं हैं। हालांकि अगर हम यह कहें कि इस दशक में महिलाएं ज्यादा आगे आई हैं और अपने काम के प्रति अधिक गंभीर हुई हैं तो यह कहना गलत होगा क्योंकि कल्पना चावला जैसी महिलाएं, महिलाएं क्या कर सकती हैं और क्या नहीं यह काफी पहले प्रमाणित कर दिया था। हालांकि अब पिछले कुछ सालों में महिलाओं का रोल देश की तरक्की में पहले के मुकाबले ज्यादा देखने को मिला है यह बात सच है। आइए जानते हैं ऐसी कुछ महिलाओं के बारे में जो सही में आपको कुछ बड़ा करने की प्रेरणा दे सकती हैं।
स्नेहा

तमिल नाडु के वल्लौर की रहने वाली 35 साल की स्नेहा पेशे से वकील हैं। वह धर्म और जाति से बढ़ कर इंसानियत को महत्त्व देती हैं। इसलिए ही उन्होंने 9 साल संघर्ष किया और उसके बाद नो कास्ट नो रिलीजन सर्टिफिकेट प्राप्त किया और यह सर्टिफिकेट पाने वाली देश की पहली महिला बन गई। अब इन्हें किसी भी जाति या धर्म के आधार पर नहीं बल्कि एक भारतीय इंसान के तौर पर जाना जाता है।
मिंटी अग्रवाल

यह बात 2019 की है जब पाकिस्तान का एक फाइटर जेट भारतीय सीमा में घुस गया था। उनको रोकने के लिए विंग कमांडर अभिनंदन पूरा प्रयास कर रहे थे और इस काम में उनकी मदद मिंटी अग्रवाल ने की थी। सोचने पर ही लगता है कि यह महिलाओं के लिए कितनी गर्व की बात है और वह कितनी साहसी हैं। इसके बाद इनको बिना डरे मुसीबत का सामना करने के लिए युद्ध सेवा मेडल मिला। बता दें कि यह मेडल युद्ध या फिर इमरजेंसी वाली स्थिति में विशेष योगदान देने वाले लोगों को मिलता है।
पद्मिनी प्रकाश

भारत में ट्रांस जेंडर लोग कितना संघर्ष भरा जीवन रहता है यह बात तो हमें बताने की जरूरत नहीं है। ऐसी ही कहानी पद्मिनी की रही हैं। वह शुरू में अपने घर में अपने हकों के लिए संघर्ष करती हैं और उसके बाद जब घर वालों से इज्जत नहीं मिलती है तो घर छोड़ देती हैं। इसके बाद वह आत्म हत्या करने की कोशिश करती हैं जोकि लोग उन्हें बचा लेते हैं। इसके बाद वह कुछ बड़ा करने की सोचती हैं और 2014 को 15 अगस्त की शाम पहली बार न्यूज रीड करती हैं। इसके बाद वह न्यूज एंकर के रूप में काम कर रही हैं। वह अधिकतर धारावाहिकों में भी आ चुकी हैं और आज के समय में ट्रांसजेंडर के हकों के लिए लड़ रही हैं।
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रूपा गुरुनाथ

महिलाएं अब केवल वर्किंग प्रोफेशनल के तौर पर ही नहीं बल्कि सत्ता में भी अपनी जगह बनाती जा रही हैं। ऐसा ही एक उदाहरण रूपा गुरु नाथ ने सेट किया है। इनको तमिल नाडु क्रिकेट एसोसिएशन ने अध्यक्ष के रूप में चुना है और इस एसोसिएशन की पहली महिला अध्यक्ष भी यही बनी थी।
चीनू काला

अब महिलाएं केवल जॉब ही नहीं कर रही हैं बल्कि वह बिजनेस भी खड़ा कर रही है। अगर अपनी कम उम्र में लड़कियां लीग से हट कर कुछ करने की सोचती हैं तो उन्हें काफी सारे ताने मिलते हैं और यहां तक की उनके घर वाले भी उनको सपोर्ट नहीं करते हैं। ऐसा ही कुछ चीनू काला के साथ भी हुआ। इस संघर्ष की वजह से उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और इस समय उनके पास केवल 300 रुपए थे और 2 जोड़ी कपड़े थे। शुरू में इन्होंने डोर टू डोर सेल्स का काम किया और 16 साल की उम्र में इनको पहला प्रमोशन मिला। इसके बाद वह अपनी खुद की कंपनी शुरू करने में लग गई और ऐसा किया भी। आज इनकी कंपनी का टर्न ओवर 7.t करोड़ का है।
ऐश्वर्या पिस्से

ऐश्वर्या ने 23 साल की उम्र में ही एफआईएम वर्ल्ड कप जीत कर यह खिताब अपने नाम कर लिया है। यह बंगलौर की रहने वाली हैं। वह 12वी कक्षा में फेल हो गई थी और इस वजह से उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया था। इसके बाद इन्होंने मोटर साइक्लिंग पर फोकस किया और यह टाइटल जीता। इनके जीवन में घर वालों के संघर्ष के साथ साथ समाज की पुरुषवादी सोच का भी सामना किया लेकिन यह मेहनत करती गई और आगे बढ़ती गई और शायद यही वजह है कि वह फेल नहीं हुई क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में यह निर्णय बनाने के बाद कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
मैरी कॉम

मैरी कॉम का नाम आज कौन नहीं जानता है। मुक्केबाजी में उन्होंने भारत का खूब नाम रोशन किया है। यह बॉक्सिंग में 5 बार चैंपियन रही हैं। इन जैसी महिलाएं प्रेरणा देती हैं कि मातृत्व के फर्ज पूरे करते हुए भी आप अपने करियर को आगे बढ़ा सकती हैं।
साइना नेहवाल

साइना ने 24 साल की उम्र में ही ओलंपिक मेडल जीत लिया था जो पूरे देश के लिए गर्व की बात है। साइना वर्ल्ड जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय महिला थी। इनसे सीख मिलती है कि लड़कियां अगर उन्हें सपोर्ट किया जाए तो देश दुनिया में अपने परिवार और देश का नाम रोशन कर सकती हैं।
प्रियंका चोपड़ा

शुरू में प्रियंका ने केवल 17 साल की उम्र में मिस वर्ल्ड का खिताब जीत लिया था और तभी से इनको ब्यूटी विद ब्रेन के नाम से जाना जाता है। इसके बाद इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत की और तब से आज तक इतिहास गवाह है। इन्होंने केवल बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि हॉलीवुड में भी अपनी अलग से और अपने दम पर एक पहचान बनाई है।
लता मंगेशकर

लता जी को आज कौन नहीं जानता। भारत में इन्हें सूर कोकिला के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इनकी जुबान पर स्वयं मां सरस्वती विराजमान थी। लाखों लोगों के दिल में इन्होंने अपनी मधुर आवाज के कारण जगह बना ली थी।
तो यह थी भारत की कुछ सफल महिलाओं के जीवन की कहानियां जिन्होंने शायद बाकी लड़कियों और महिलाओं को भी खूब प्रेरित किया होगा। इसके अलावा इनकी कहानियों से घर वालों को भी सीख मिली होगी कि आपकी बेटी जो करना चाहती है उन्हें वह करने दें और ऐसा करने से उन्हें न रोकें।
FAQ | क्या आप जानते हैं
भारत की अन्य प्रेरणा दायक महिलाओं के नाम क्या हैं?
प्रियंका चोपड़ा, सोनिया गांधी, मदर टेरेसा, लता मंगेशकर, आशा भोंसले, कल्पना चावला, साइना नेहवाल, इंदिरा गांधी।
महिला आईएएस और आईपीएस का नाम जो बिहार में दे रही है सेवायें?
इन महिलाओं को बिहार की लेडी सिंघम कहा जाता है। इनके नाम हैं- इनायत खान, उदिता सिंह, काम्या मिश्रा, प्रियदर्शनी अरवल।
ट्रांस वुमन जो आजकल है इनफ्लुएंसर?
अनु मालवीय ट्रांस वुमन मित्र ट्रस्ट प्रोजेक्ट चलाती हैं।
बिना दूसरे अटेम्प्ट के यूपीएससी एग्जाम निकालने वाली लड़की का नाम क्या है।
रूशाली कलेर ने पहले ही अटेम्प्ट में निकाला है यूपीएससी एग्जाम, वह भी बिना किसी कोचिंग के।
ठंड में अंटार्कटिका समुद्र में तैराकी का विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली महिला
भक्ति शर्मा ने अंटार्कटिका के समुद्र में जमा देने वाली ठंड में विश्व रिकॉर्ड बनाया।
कौन है अरुणिमा सिन्हा?
अरुणिमा सिन्हा ने एक दुर्घटना में अपने पैर खो दिए थे। इसके बावजूद उसने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया।
कौन है हर्षिनी कान्हेकर?
महिला फाइटर
पूजा ठाकुर कौन है?
पूजा ठाकुर इंटर सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला ऑफिसर हैं, जिसका निरीक्षण बराक ओबामा ने किया था।