Vastu for Pooja Room: घर के मंदिर को हर कोई अपने हिसाब से व्यवस्थित करता है। मंदिर की दीवारों के रंग से लेकर मूर्तियों के आकार तक, हर चीज अपने हिसाब से हम मंदिर में रखते हैं। इन सभी बातों के अलावा मंदिर बनाते वक्त् दिशाओं का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि घर का मंदिर कैसा होना चाहिए।
दिशा का रखें ख्याल
ईशान कोण, घर का मंदिर स्थापित करने का सबसे सर्वश्रेष्ठ स्थान माना गया है। ईशान कोण यानी उत्तरपूर्व , ऐसी मान्यता है कि इस दिशा में मंदिर होने से घर में शुभता का वास होता है। इसके अलावा आप पूर्व दिशा में भी मंदिर बना सकते हैं। इसके अलावा आप पूर्व या फिर पश्चिम दिशा की ओर मुख करके प्रार्थन करें। इन दोनों दिशाओं को वास्तु के हिसाब से शुभ माना जाता है। दीया हमेशा घर में दक्षिण दिशा की तरफ रखना चाहिए। मान्यता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

दीवारों के रंग का रखें ख्याल
घर में रंग करवाते वक्त हम अपने मन मुताबिक कमरों में इंटीरियर के हिसाब से रंग चुनते हैं। मगर मंदिर में अगर आप पेंट करवा रहे हैं, तो दीवरों पर पीला, हरा और हल्का गुलाबी रंग ही करवाएं। इसे अलावा आप मंदिर में सफेद रंग भी करवा सकते हैं, जो निर्मता और शुद्धता का प्रतीक है। इस बात का विशेष ख्याल रखें कि मंदिर की दीवार बाथरूम की दीवार के साथ न लगती हो। इसके अलावा ये भी जान लें कि अगर आप पहली या दूसरी मंजिल पर रह रहे हैं, तो आपके मंदिर के नीचे बाथरूम न बना हो। मंदिर को जमीन पर बनाने की बजाय थोड़ी उंचाई पर बनाएं। इसके अलावा मंदिर निर्माण के लिए लकड़ी या फिर संगमरमर का ही इस्तेमाल करें। लकड़ी का फ्रेम पूजा घर के लिए सबसे सटीक रहता है।
गंदगी न होने दें जमा
मंदिर को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए। मंदिर में जमा धूल मिट्टी को नियमित तौर पर रोज साफ करें। इसके अलावा वहां रखी अगरबत्तियों की राख और जले हुए अवशेष हटा देने चाहिए। इससे मंदिर की पवित्रता और स्वच्छता कायम रहती है। इसके अलावा मंदिर में बिछे कालीन या अन्य मैट्स को भी रोज साफ करें अन्यथा कीड़े मकौड़ों और चींटियों के आने का खतरा रहता है। मंदिर में रखें सभी सामान को रोजाना साफ करें और सप्ताह में एक बार मंदिर के खिड़की, दरवाजे और परदों को भी साफ करना न भूलें।
मूर्तियां रखते वक्त रहें सतर्क

घर के मंदिर में बहुत अधिक मूर्तियां नहीं होनी चाहिए। एक से दो मूर्ति के अलावा ज्यादा तस्वीरें या मूर्तियां मंदिर में नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा मंदिर में मृतकों और पूर्वजों की तस्वीरें न रखें। इससे घर में वास्तुदोष उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। ध्यान रखें कि मंदिर में खण्डित मूर्तियां भी न रखें। बार बार खण्डित मूर्तियों का पूजन करने से घर में दरिद्रता का वास होता है। मंदिर में तांबे की मूर्तियां रखना शुभ माना जाता है और याद रखें कि मूर्ति 10 इंच से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा मंदिर में महाभारतकालीन तस्वीरें और जानवरों की पेंटिंग्स लगाने से बचें।
