bottle gourd gardening tips

Summary: लौकी की बेल में फूल नहीं टिकते? जानें 5 रुपये की पोटाश का जादू

यह एक बेल पर उगने वाली सब्जी है जो सही देखभाल और पोषण मिलने पर भरपूर फल देती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पौधा तेजी से बढ़ता है, पत्ते भी खूब आते हैं, पर फूल झड़ जाते हैं या फल कम लगते हैं।

Lauki Plant Growth: लौकी न केवल सेहत के लिए फायदेमंद है बल्कि इसे घर की छत, बालकनी या आंगन में उगाना भी बेहद आसान है। आपको बता दूं कि यह एक बेल पर उगने वाली सब्जी है जो सही देखभाल और पोषण मिलने पर भरपूर फल देती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पौधा तेजी से बढ़ता है, पत्ते भी खूब आते हैं, पर फूल झड़ जाते हैं या फल कम लगते हैं। ऐसे में एक बेहद सस्ता और असरदार उपाय है 5 रुपये की ‘पोटाश’ जो लौकी की बेल को फलने-फूलने में जबरदस्त मदद करता है।

What is potash and how does it work?

पोटाश पौधों के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है जो मुख्य रूप से फूलों और फलों के विकास में मदद करता है। पोटाश पौधे की जड़ों को मजबूत बनाता है, पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और फल को आकार, रंग और स्वाद देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब लौकी के पौधे में पोटाश की सही मात्रा मिलती है तो फूलों की संख्या बढ़ती है। मादा फूल टिकते हैं और फल में बदलते हैं। बेल की ऊर्जा फल उत्पादन में लगती है, न कि सिर्फ पत्तों में, साथ ही बेल लंबे समय तक स्वस्थ और उत्पादक रहती है।

How to put potash in gourd vine?

पोटाश का प्रयोग बहुत आसान है और इसके लिए अधिक मात्रा की जरूरत नहीं होती। जब बेल 3–4 फीट लंबी हो जाए और पहले फूल दिखने लगें, तब पोटाश देना शुरू करें। लगभग एक चम्मच पोटाश लें। पोटाश को 1 लीटर पानी में घोल लें और इसे जड़ के पास मिट्टी में डालें। यह क्रिया हर 15 दिन में एक बार दोहराएं। ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में पोटाश डालना नुकसानदायक हो सकता है इसलिए सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करें।

पोटाश के अलावा कुछ और बातों का ख्याल रखने से लौकी की बेल अधिक फल दे सकती है। लौकी को दिन में कम से कम 6–7 घंटे की सीधी धूप चाहिए। मिट्टी में नमी बनाए रखें लेकिन पानी जमा न होने दें। लौकी में नर और मादा फूल होते हैं। सुबह के समय ब्रश या हाथ से मादा फूलों में पराग डालने से फल बनने की संभावना बढ़ जाती है। महीने में एक बार गोबर की खाद या घर में बना कंपोस्ट ज़रूर दें। नीचे के पुराने या पीले पत्तों को समय-समय पर काटते रहें ताकि पौधे की ऊर्जा फल पर केंद्रित हो।

लौकी की बेल को फलने-फूलने के लिए बहुत ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ 5 रुपये की पोटाश से आप उसकी पैदावार में चमत्कारी बदलाव ला सकते हैं। यह छोटा-सा उपाय आपके किचन गार्डन को भरपूर सब्ज़ियों से लदा-फदा बना सकता है। तो अगली बार जब आप लौकी की बेल लगाएं तो इसकी जड़ में पोटाश डालना न भूलें। इससे आपकी बेल न केवल हरी-भरी दिखेगी बल्कि ताज़ी, स्वादिष्ट और सेहतमंद लौकी से भी भर जाएगी।

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...