Screen Sharing Fraud: “तू डाल-डाल मैं पात-पात” ये मुहावरा सिद्ध होता है आजकल के ठगों पर, क्योंकि डिजिटल दुनिया में लोगों के लिए जितनी सहूलियत है उतना उनके साथ धोखाधड़ी होने का खतरा बना रहता है। अगर सावधानी बरती तो जाए तो ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है। लेकिन अब जालसाजों ने ठगी का ऐसा तारीख ढूंढ लिया है, जिससे आप आसानी से धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। और ये तरीका है स्क्रीन शेयरिंग का, जिसे Screen Sharing Fraud कहा जाता है।
स्क्रीन शेयरिंग फ्रॉड में ठग आपके साथ स्क्रीन साझा कर धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं। और अधिकतर ऐसे लोग इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार बनते हैं, जो मोबाइल बैंकिंग सेवा का इस्तेमाल करते हैं। स्क्रीन शेयरिंग फ्रॉड में ठग आपकी व्यक्तिगत और ऑनलाइन बैंकिंग से जुड़ी जानकारी चोरी कर लेते हैं। और जानकारी उनके पास पहुंचते ही आपका बैंक अकाउंट चुटकियों में खाली हो जाता है।
कैसे ठगी करते हैं जालसाज?

ठगी करने वाला सबसे पहले आपके मोबाइल फोन पर ऐप इनस्टॉल करने को कहेगा। ये ऐप इनस्टॉल होते ही आपके मोबाइल की स्क्रीन ठग के साथ शेयर हो जाएगी और आपको इसकी भनक भी नहीं लगेगी। इसके लिए वो आपको मेल, फेसबुक या मैसेज के जरिए स्क्रीन शेयरिंग ऐप का लिंक भेजा जा सकता है ताकि उस पर क्लिक कर के इंस्टाल करें।
संदिग्ध ऐप को इंस्टाल करते ही आपकी सभी जानकारी जालसाजों के पास पहुंच जाती है। फिर वो चाहें आपके बैंक या क्रेडिट कार्ड या निजी जानकारी क्यों ना हो। ऐप इंस्टाल करने के बाद जैसे ही आप कोई भी ट्रांजेक्शन, लॉगिन या पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं, सभी जानकारी उस तक पहुंच जाती है।
इतना ही नहीं वह आपको फोन भी कर सकता है कि बैंक की तरफ से कॉल कर रहा हूं। इस दौरान वह आपको ऐसी गोपनीय जानकारी देगा कि आप उस पर भरोसा कर लेंगे। चूंकि उसके पास आपकी गोपनीय जानकारी होती है। इसके बाद वह आपसे कुछ ऐसे काम करवाएगा जो आपके साथ ठगी का कारण बन जाएगा।
क्या ना करें?

- कभी भी किसी अनजान एप्लीकेशन को अपने फोन या लैपटॉप में डाउनलोड ना करें।
- मैसेज, मेल और फेसबुक के जरिए आए एप्लीकेशन डाउनलोड के लिंक को क्लिक ना करें।
- किसी भी अनजान व्यक्ति के द्वारा भेजे गए स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन को डाउनलोड करने से बचे।
- किसी भी स्क्रीन शेयरिंग APP के द्वारा जरनेट कोड को अनजान सख्स के साथ शेयर ना करें।
क्या करें?
- अपने फोन में हमेशा एंटीवायरस या स्पैम ब्लॉकिंग सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करके रखें ताकि आपको फ्रॉड कॉल के बारे में पता चल सके।
- किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी आधिकारिक वेबसाइट के बारे में जांच करें।
- अगर आप किसी भी तरह से स्क्रीन शेयरिंग फ्रॉड का शिकार हो गए हैं तो अपने नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ पर सूचित करें।
