Mul Mantra Jina isi ka Naam
जिंदगी के उतार चढ़ावों के बीच एक ऐसी शख्सियत जिसे तीन साल की उम्र में पोलियो ने अपने गिरफ्त में ले लिया, लेकिन फिर भी वो रुकी नहीं, थकी नहीं, बल्कि अपने पैरों पर खड़े होकर कई असहाय लोगों का सहारा बनीं। आभा खेत्रपाल एक ऐसी महिला हैं जिन्होने जिंदादिली की मिसाल पेश की है।
मूल मंत्र और उपलब्धियां
1-वे मानती हैं कि शारीरिक अक्षमता के साथ भी खुलकर जिएं, दूसरों से तुलना ना करें। उन्हें समाज से सहानुभूति नहीं समानुभूति चाहिए।
2-यही नहीं उनका मानना है कि परिस्थितियों से सही तालमेल रखें, कभी भी घबराएं नहीं, कमजोरी को ताकत में बदलें।
3-उन्होंने शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए फ्री कांउसलिंग सेवा शुरू की जिसके जरिए वो लोगों को आत्मविश्वास से लबरेज करती हैं। फिलहाल वे क्रॉस द हर्डल्स की प्रेसिडेंट के रूप में कार्य कर रही हैं।क्रॉस द हर्डल्स नाम का एक मोबाइल एप्लीकेशन भी बनाया गया है। जो नि:शक्त व्यक्तियों के लिए एक सूचना स्रोत है और भारत का पहला ऐसा मोबाइल एप्लीकेशन है।
4-आभा ने तीन किताबें लिखी हैं। कीपिंग यू अब्रेस्ट जिसमें निशक्त महिलाओं को स्तन कैंसर के खतरे और आने वाली परेशानियों से अवगत कराया गया है, ‘गोइंग विथ द फ्लो‘ नामक किताब में उन्होंने जीवन की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रक्रिया होने के बावजूद मासिक धर्म की कठिनाई को बयां किया है। टैक्स एक्सेमपशंस- कन्सेशन फॉर पी डब्लू डीस, सरकार द्वारा नि:शक्त व्यक्तियों के लिए विभिन्न प्रकार के करों में छूट को इस पुस्तक में संकलित करने का प्रयास किया गया है।