Happiness Workout: हेल्दी और फिट बॉडी के लिए जिस तरह हम रोज वर्कआउट करते हैं, ठीक वैसे ही अपने दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए भी हमें वर्कआउट की जरूरत है। जी हां, ये बात आपको सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन दुनियाभर के मनोवैज्ञानिक इस बात को मानते हैं कि बॉडी की ही तरह हम ब्रेन वर्कआउट कर सकते हैं और अपने दिमाग को अच्छा सोचने की आदत डाल सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे संभव है ये चमत्कार।
कुछ कदम बढ़ाएं खुशियों की ओर

जब हम अपने दिमाग से सारी नेगेटिविटी हटाकर पॉजिटिव सोचने लगेंगे तो हमारी जिंदगी की कई परेशानियां खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी। हम खुश रहने लगेंगे। ब्रिटिश माइंडफुल एक्सपर्ट इव लुई प्रिटो का कहना है कि खुश रहना इंसान के खुद के हाथ में होता है। हमारी सोच का हमारे दिमाग और खुशियों पर गहरा असर पड़ता है। जब हम चीजों को देखने का दृष्टिकोण बदलते हैं तो हमारे जीवन में बदलाव भी अपने आप होने लगते हैं। इसलिए पॉजिटिव सोच का असर हमेशा अच्छा होगा। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है कि हम अपने दिगाम को पॉजिटिव सोचने की ट्रेनिंग दें। इव के अनुसार कुछ स्टेप्स को फॉलो कर ऐसा करना संभव है।
किसी से उम्मीद न लगाएं

उम्मीदें रखना और फिर उनका पूरा न होना हमारे दुख का बड़ा कारण है। भौतिकवाद के इस समय में किसी से ज्यादा अपेक्षाएं न रखें। हमेशा अंधी दौड़ का हिस्सा बनकर आगे निकलने की दौड़ में शामिल न हों। कई बार रुकें और सोचें कि आपके पास जो है वो बहुत है।
आपके पास जो है, दूसरों के पास वो भी नहीं

आप ये सोचें कि आपके पास जो है, कुछ लोगों के पास वो भी नहीं है। आप रोज ऐसी दो बातों को याद करें। ऐसा करने से आपको न सिर्फ अच्छा लगेगा, बल्कि ये भी महसूस होगा कि आपके पास खुश रहने के लिए काफी कुछ है।
दूसरों की मदद करें

दूसरों की मदद करने की कोशिश करें। जब आप किसी की छोटी-छोटी मदद करेंंगे तो आपको अलग ही सुकून मिलेगा, जिससे आप में सकारात्मकता बढ़ेगी। आप खुश रहेंगे।
अपनी सोच में करें परिवर्तन
आपकी सोच आपकी खुशियों की चाबी है। नेशनल साइंस फाउंडेशन के अनुसार एक शख्स को दिनभर में करीब 12,000 से 7,000 तक विचार आते हैं, लेकिन इसमें से करीब 80% नेगेटिव होते हैं। ये विचार धीरे-धीरे हमारी सोच पर असर डालते हैं। इसलिए आप चीजों को नए सकारात्मक दृष्टिकोण से देखें।
एक अच्छा फ्रेंड सर्कल बनाएं

आप हमेशा एक अच्छा फ्रेंड सर्कल बनाने की कोशिश करें। शोध बताते हैं कि अकेले रहने का मतलब है करीब 15 सिगरेट पीने जितना नुकसान। इसलिए आप ऐसे लोगों के साथ रहें, जिनके साथ आप खुश रहते हैं, जो पॉजिटिव बातें करते हों।
जीवन के सार को समझें
खुश रहने के लिए जीवन के सार को समझना जरूरी है। जीवन में हमेशा खुशियां नहीं रहती हैं तो हमेशा दुख भी नहीं रहते हैं। उतार-चढ़ाव ही जीवन का सार है। हर स्थिति को सही तरीके से हैंडल करने के लिए अपने दिमाग को ट्रेंड करें। कभी भी पूर्वाग्रहों से प्रभावित न हों।
