Gift Astrology: विवाह के दौरान कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं। शादी-विवाह में हर माता-पिता अपनी बेटी को उपहार स्वरूप कुछ ना कुछ चीजें जरूर देकर विदा करते हैं। उपहार एक तरह से आशीर्वाद के रूप में परिवार का प्यार होता है, जिसमें बेटी की पसंद से जुड़ी हर ऐसी चीज होती है जोकि ससुराल में उसके काम आती है। शादी के बाद बेटी को दिए जाने वाले ये उपहार न सिर्फ रस्म बल्कि खुशी और प्रेम का भी प्रतीक माने जाते हैं। लेकिन जाने-अनजाने में दिया गलत उपहार कभी-कभी बेटी की परेशानी बढ़ा सकता है या वैवाहिक जीवन में समस्याओं को उत्पन्न करने का कारण सकता है। इसलिए ज्योतिष में कई ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जोकि विवाह के बाद या विदाई के दौरान बेटी को मायके वालों की ओर से कभी नहीं देने चाहिए। आइये जानते हैं ये चीजें कौन सी हैं।
काले और सफेद वस्त्र

बेटी अपने मायके वालों के लिए बहुत ही खास होती है और हर माता-पिता उसके खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना करते हैं। परिजन बिटिया को यह आशीर्वाद देते हैं कि वह जीवनभर अखंड सौभाग्यवती रहे और उसके भी वैवाहिक जीवन पर किसी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव न पड़े, इसलिए बेटी को विदाई के समय कभी भी सफेद या काले रंग की वस्त्र भूल कर भी नहीं देना चाहिए। कोशिश करें कि आप सफेद या काले रंग से जुड़ा कोई तोहफे भी विवाहित बेटी को ना दें। इससे उसके गृहस्थ जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि ज्योतिष में सफेद रंग को मृत्यु और शोक से जोड़ा जाता है। वहीं काला रंग नकारात्मकता को दर्शाता है। इसलिए इन रंगों की चीज या वस्त्र बेटी को विदाई के समय देने से बचना चाहिए।
झाड़ू देना भी होता है अपशकुन

शादी-विवाह के दौरान बेटी को बर्तन, जेवर, बिस्तर, कंबल, कपड़े और कई जरूरी चीजें दी जाती हैं, जोकि ससुराल में उसके काम आती है। लेकिन विदाई में बेटी को कभी भी झाडू नहीं देना चाहिए। भले ही झाड़ू का संबंध मां लक्ष्मी से होता है, लेकिन विदाई के समय बेटी को झाड़ू देना आर्थिक समस्या का कारण बन सकता है। साथ हिंदू धर्म में इसे अपशगुन भी माना जाता है।
अचार, छलनी, नमक और तवा क्यों नहीं दिए जाते

कहा जाता है कि विवाहिता बेटी को मायके से कभी भी नमक, तवा, छलनी या नमक जैसी चीजें भी नहीं लानी चाहिए। इसका कारण यह है कि विदाई में बेटी को नमक के बजाय मीठी चीजें दी जाती है, जिससे की उसके रिश्ते में भी मिठास बनी रही। आटे की छलनी, चाय की छलनी या किसी तरह का जालीदार बर्तन नहीं देना चाहिए। माना जाता है कि इसका असर बेटी के सुखी वैवाहिक जीवन पर पड़ता है। शादी के बाद बेटी के नए जीवन की शुरुआत होती है और अचार नए जीवन की मिठास में खटास का काम करता है, क्योंकि अचार की प्रकृति खट्टी होती है। यही कारण है कि विदाई में बेटी को अचार नहीं दी जाती है।
