Cyber Fraud News
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Cyber Fraud News: बेंगलुरु की एक शांत सुबह, एक व्हाट्सऐप कॉल और एक अनजान आवाज़-“सर, आपके नाम पर क्रेडिट कार्ड जारी हुआ है। इसे एक्टिवेट करने के लिए आपको नया सिम और फोन चाहिए।” आवाज़ में इतनी तसल्ली कि 60 साल के टेक कर्मचारी को ज़रा भी शक नहीं हुआ।

कुछ ही दिनों बाद, उनके दरवाजे पर एक चमचमाता रेडमी फोन और एयरटेल का सिम कार्ड पहुंचा। जैसे ही उन्होंने नया फोन सेटअप किया और सिम कार्ड लगाया, उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती ने दस्तक दी। “आपके अकाउंट से 2.8 करोड़ रुपये कट गए हैं,” का नोटिफिकेशन उनकी स्क्रीन पर चमका।

नवंबर 2024 में शुरू हुई इस धोखाधड़ी में ठगों ने खुद को ‘सिटीबैंक’ का प्रतिनिधि बताकर कर्मचारी को जाल में फंसाया। उन्होंने बताया कि क्रेडिट कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए एक नया सिम इस्तेमाल करना होगा। ठगों ने इस प्रक्रिया को भरोसेमंद बनाने के लिए 10,000 रुपये का रेडमी फोन और सिम कार्ड कर्मचारी के पते पर भेज दिया।

फोन और सिम चालू करते ही, उनके बैंक खाते की जानकारी ठगों तक पहुंच गई। ठगों ने पहले से मालवेयर से लैस फोन भेजा था, जिससे बैंकिंग जानकारी सीधे उनके सर्वर पर चली गई।

  • कभी भी अनजान नंबर से आए कॉल्स या मैसेज पर विश्वास न करें, खासकर जब वे फ्री ऑफर्स या नए क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं देने का दावा करें। बैंक या अन्य संस्थाएं सोशल मीडिया या व्हाट्सऐप के माध्यम से संवेदनशील जानकारी नहीं मांगतीं।
  • अपनी ओटीपी, पासवर्ड, अकाउंट नंबर या अन्य बैंकिंग जानकारी किसी को भी न बताएं। याद रखें, बैंक कर्मचारी कभी भी आपकी गोपनीय जानकारी नहीं मांगते।
  • केवल विश्वसनीय स्रोतों से खरीदे गए मोबाइल और डिवाइस का उपयोग करें। अगर कोई नया फोन या सिम कार्ड ऑफर करता है, तो उसे स्वीकार न करें।
  • अगर कोई आपको अनजान लिंक भेजता है, तो उस पर क्लिक न करें। फिशिंग स्कैम से बचने के लिए लिंक को हमेशा जांचें।
  • सिम कार्ड को अपने नाम से जारी रखें और इसकी गोपनीयता बनाए रखें। नया सिम लेने से पहले सुनिश्चित करें कि आप इसे आधिकारिक स्टोर से ही प्राप्त कर रहे हैं।
  • अपने फोन और कंप्यूटर में एंटी-वायरस और एंटी-मालवेयर सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें। अपने बैंकिंग ऐप्स और डिवाइस को नियमित रूप से अपडेट करें।
  • यदि कोई ऑफर बहुत अच्छा लगता है, तो यह अक्सर एक जाल हो सकता है। किसी भी लेन-देन की जानकारी तुरंत अपने बैंक से सत्यापित करें।
  • अगर आपको लगता है कि आपकी जानकारी से छेड़छाड़ की गई है, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें और खाता फ्रीज़ कराएं। साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराएं।

बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से सतर्क रहने के तरीके सिखाएं।खुद को और अपने परिवार को साइबर फ्रॉड के नए तरीकों के बारे में शिक्षित करें।

  • साइबर ठगी का शिकार होना बेहद तनावपूर्ण हो सकता है, लेकिन घबराने के बजाय तुरंत सही कदम उठाना महत्वपूर्ण है। यहां दिए गए उपाय आपको नुकसान कम करने और कार्रवाई में मदद करेंगे:
  • तुरंत बैंक को सूचित करें
  • जैसे ही आपको ठगी का पता चले, तुरंत अपने बैंक की कस्टमर केयर पर कॉल करें। अपने खाते को फ्रीज़ करने या अनधिकृत लेन-देन को रोकने का अनुरोध करें। ट्रांजैक्शन की डिटेल्स साझा करें और उनसे मदद मांगें।
  • साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करें
    अपनी शिकायत में सभी संबंधित जानकारी, जैसे कॉल रिकॉर्ड, मैसेज, ईमेल, और ट्रांजैक्शन की डिटेल्स शामिल करें।
  • स्थानीय पुलिस स्टेशन जाएं
    नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर FIR दर्ज कराएं। सुनिश्चित करें कि आप ठगी से जुड़े सभी साक्ष्य जैसे स्क्रीनशॉट, मैसेज और बैंक स्टेटमेंट लेकर जाएं।

    अपने मोबाइल और ईमेल की सुरक्षा जांचें
    यदि आपने ठगों को अपने फोन या ईमेल की जानकारी दी है, तो तुरंत सभी पासवर्ड बदलें। अपने बैंकिंग ऐप्स और ईमेल पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें।

    सिम कार्ड और डिवाइस को सुरक्षित करें
    अगर ठगी में नया सिम कार्ड या मोबाइल शामिल है, तो वह सिम बंद करा दें। अपने फोन को फैक्टरी रीसेट करें और किसी साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ की मदद लें।

    क्रेडिट ब्यूरो को अलर्ट करें
    CIBIL या अन्य क्रेडिट ब्यूरो को सूचित करें ताकि आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर ध्यान दिया जा सके और कोई अनधिकृत क्रेडिट कार्ड या लोन आपके नाम पर न लिया जाए।

    सभी कम्यूनिकेशन को रिकॉर्ड रखें
    ठगी से संबंधित सभी कॉल, मैसेज और ईमेल का रिकॉर्ड रखें। यह रिकॉर्ड पुलिस और साइबर क्राइम सेल में कार्रवाई के लिए उपयोगी होगा।

    भविष्य के लिए सतर्कता बरतें
    ठगी का अनुभव सीखने का अवसर बनाएं। अपने और अपने परिवार को डिजिटल सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक बनाएं।

यह घटना हमें याद दिलाती है कि डिजिटल युग में एक फोन कॉल या संदेश भी लाखों का नुकसान कर सकता है। सावधानी से रहें और हर कदम सोच-समझकर उठाएं।

सोनल शर्मा एक अनुभवी कंटेंट राइटर और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल मीडिया, प्रिंट और पीआर में 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने दैनिक भास्कर, पत्रिका, नईदुनिया-जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया और द हितवाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया...