Indian Restaurant with 3 Michelin Stars: भारतीय व्यंजन आज दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहे हैं, लेकिन दुबई का ट्रेसिंड स्टूडियो ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह भारतीय खानपान के इतिहास में मील का पत्थर है। हाल ही में, मिशेलिन गाइड ने ट्रेसिंड स्टूडियो को तीन मिशेलिन स्टार्स से सम्मानित किया, जिससे यह रेस्टोरेंट न केवल भारत का बल्कि पूरी दुनिया का पहला भारतीय रेस्टोरेंट बन गया है जिसे यह प्रतिष्ठित दर्जा प्राप्त हुआ है।

इतना ही नहीं, ट्रेसिंड स्टूडियो पश्चिम एशिया के किसी भी रेस्टोरेंट में पहला है जिसे यह तीन स्टार्स मिले हैं, वह भी तब जब वहां यूरोपीय शेफ्स के महंगे और भव्य रेस्टोरेंट्स की भरमार है। मिशेलिन गाइड का यह निर्णय इस बात का प्रमाण है कि क्वॉलिटी, इनोवेशन से बनाए गए व्यंजन किसी भी सीमाओं में बंधे नहीं रहते।

मिशेलिन स्टार्स को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पाक कला पुरस्कारों में गिना जाता है। एक स्टार का मतलब होता है कि रेस्टोरेंट अपने कैटेगरी में बहुत अच्छा है। दो स्टार्स उस रेस्टोरेंट को दिए जाते हैं जो क्षेत्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ हो। तीन स्टार्स केवल उन चुनिंदा रेस्टोरेंट्स को मिलते हैं जिन्हें दुनिया के सबसे शानदार और उत्कृष्ट स्थानों में गिना जाता है।

इन स्टार्स को पाना आसान नहीं होता  मिशेलिन इंस्पेक्टर्स कई बार गुप्त रूप से रेस्टोरेंट का दौरा करते हैं और स्वाद, प्रस्तुति, नवाचार, स्थिरता और समग्र अनुभव को आंकते हैं।

इस सफलता के पीछे हैं शेफ हिमांशु सैनी, जो मात्र 36 वर्ष के हैं। उन्होंने भारतीय व्यंजनों को नए रूप में प्रस्तुत करते हुए दुनिया को दिखा दिया कि ‘कढ़ी-चावल’ से लेकर ‘ढोकला’ तक, सब कुछ फाइन डाइनिंग का हिस्सा बन सकता है  अगर उसे रचनात्मकता और समर्पण से पेश किया जाए।

हिमांशु का मानना है कि भारतीय व्यंजन सिर्फ मसालों की कहानी नहीं हैं, बल्कि संस्कृति, यादों और भावनाओं का मेल हैं। उन्होंने पारंपरिक व्यंजनों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ते हुए ऐसा अनुभव दिया जो न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि कला की तरह पेश किया गया है।

इस सम्मान के साथ न सिर्फ ट्रेसिंड स्टूडियो बल्कि पूरे भारतीय खानपान जगत की प्रतिष्ठा भी ऊँचाई पर पहुंची है। यह उपलब्धि उन सभी युवा शेफ्स के लिए प्रेरणा है जो भारतीय व्यंजनों को वैश्विक मंच पर पहुंचाने का सपना देखते हैं।

ट्रेसिंड स्टूडियो की यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर सोच अलग हो, मेहनत सच्ची हो और अपने रूट्स से लगाव हो  तो भारतीय स्वाद भी दुनिया के सबसे बड़े मंच पर खड़ा हो सकता है, सम्मान पा सकता है और दिल जीत सकता है।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...