दीपावली का नाम सुनते ही पटाखों का धूम-धड़ाका, दीपों की लंबी कतार से सजे घर तथा विभिन्न किस्मों की मिठाइयों के मनभावन स्वाद का ध्यान हो आता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस शानदार और जानदार तरीके से हम लोग दीपावली मनाते हैं, उसी शान के साथ अनेक देशों के लोग भी अपने-अपने देश में ज्योति पर्व मनाते हैं। बस, इसे मनाने का तरीका अवश्य हमसे कुछ भिन्न है।
आइए, जानें भारत के अलावा किन देशों में रहती है दीपावली की धूम-
श्रीलंका– श्रीलंका दीपावली को एक राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाता है। वहां पर दीप पर्व का नाम दीपावली ही है। इस पर्व की रात्रि को वहां प्रत्येक घर छोटे-छोटे दीपकों से सजाए जाते हैं तथा आतिशबाजी छोड़ते हैं। श्रीलंका में इस मौके पर खांड से निर्मित विभिन्न पशु-पक्षियों तथा मानव आकृति में मिठाइयां निर्मित की जाती हैं। वहां भी यह दिन राष्ट्रीय अवकाश का होता है।
म्यांमार-म्यांमार के लोग इस त्योहार को ‘तैगीजू’ नाम से नवम्बर मास में मनाते हैं। म्यांमार वासियों में यह मान्यता प्रचलित है कि भगवान बुद्ध ने ज्ञान का प्रकाश पाने के बाद इसी दिन भूमि पर अवतरण किया था। प्रत्येक घर को इस दिन रोशनी से खूब सजाया जाता है और लोग इस दिन नए वस्त्र पहनना शुभ मानते हैं। इस दिन मंदिरों में भक्तों की बड़ी भीड़ होती है।

चीन-चीनी लोग प्रकाश पर्व को ‘नई महुआ’ नाम से जानते हैं। चीन में इस दिन की तैयारी के लिए बहुत पहले से ही मकान साफ कर लिए जाते हैं और विभिन्न रंगों के कागजों से मकान सजाए जाते हैं। चीनी व्यापारी भारत की भांति इसी दिन नए बही-खाते प्रारंभ करते हैं। नई महुआ नामक इस त्योहार के दिन चीन में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। राज्य सरकार की ओर से इस दिन खेल प्रतियोगिताएं तथा सांस्कृतिक आयोजन किए जाते है।
जापान-जापानी लोग दीपावली जैसा ही त्योहार ‘तोरोनगाशी’ नाम से मनाते हैं। यहां के लोगों का अटूट विश्वास है कि इस शुभ दिन उनके पूर्वज उन्हें आशीर्वाद देने उनके घर आते हैं। इसलिए वे लोग पूर्वजों के आगमन की प्रसन्नता में सारे घर को प्रकाशित करते हैं। वहां इस त्योहार का त्रिदिवसीय आयोजन किया जाता है। इस पर्व को यहां सुख-समृद्धि देने वाला त्योहार माना जाता है और लोग तीन दिन घरों में झाडू नहीं लगाते। घर की सफाई जल से धोकर अथवा वस्त्र से पोंछकर की जाती है।
थाईलैंड-थाईलैंड के कुछ इलाकों में भी दीपावली से मिलता-जुलता त्योहार ‘क्राथोंग’ नाम से मनाया जाता है। इस दिन स्थानीय निवासी केले के पत्तों के छोटे-छोटे खंड बनाकर जल में प्रवाहित करते हैं। केले के पत्तों के इन खंडों को वहां क्राथोंग नाम से पुकारा जाता है। प्रत्येक खंड में एक जलती हुई बाती, एक मुद्रा तथा धूप होती है। इसके अलावा वे लोग अपने घरों को प्रकाश से सजाते हैं।

ब्रिटेन-ब्रिटेन में रहने वाले हिन्दू, जैन और सिख समुदाय के लोग अत्यंत हर्षोल्लास के साथ दीपावली मनाते हैं एवं मिठाइयां बांटते हैं। लोग समूहों में पार्क आदि स्थानों पर एकत्र होकर आतिशबाजी भी जलाते हैं। ब्रिटेन की राजधानी लंदन को दीपावली के अवसर पर दुलहन की तरह सजाया जाता है। स्वदेशी और विदेशी दोनों ही इस त्योहार का जमकर आनंद लेते हैं।
मलेशिया-मलेशिया में प्रकाश पर्व राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। वहां के लोग इस त्योहार को बिल्कुल भारतीय रीति रिवाजों से बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस मौके पर मलेशिया के लोग आतिशबाजी में काफी रुचि दिखाते हैं।
नेपाल-पड़ोसी देश नेपाल में ज्योति पर्व भारत की दीपावली के समान ही होती है। यहां पर पांच दिवसीय आयोजन होता है। लोग अपने घरों और सार्वजनिक भवनों को वंदनवार आदि से सजाते हैं। रात को पटाखे छोड़कर खुशी प्रकट की जाती है। रात में भगवती लक्ष्मी की पूजा-अर्चना भी पूरी श्रद्धा से होती है।

जावा-जावा और सुमात्रा में दीप पर्व मनाया जाता है। यहां यह त्योहार सुख समृद्धि देने तथा बाधाओं के निवारण हेतु मनाया जाता है। राजमार्ग एवं सार्वजनिक भवनों पर प्रकाश किया जाता है। इष्टदेव की आराधना की जाती है। यहां यह त्योहार भारत के समान अक्टूबर या नवम्बर में मनाया जाता है।
इसके अलावा अनेक देशों में प्रकाश पर्व मनाए जाने की परंपरा है। इस्लामी देशों का प्रमुख पर्व शबेरात दीपावली के समान है। दुबई में एक बड़ी आबादी भारतीयों की है, इस कारण यहां आतिशबाजी व सजावट होती है। यहां दीपावली पर सबसे ऊंची आतिशबाजी होती है, जिसे देखने काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। स्वीडन में इसे लूसिया दिवस के नाम से मनाया जाता है। यूनान में सर्दियों के प्रारंभ में तथा ईरान में मार्च में दीपावली जैसे ही आलोक पर्व बहुत समय से मनाए जा रहे हैं। मारीशस में तो इसे दिवाली के नाम से ही मनाया जाता है। पूर्वी इंडो-चाइना में चतुर्भुज विष्णु और कमलासन लक्ष्मी की अर्चना पुरातन काल से मौजूद है। मलाया के फानो पर्वत पर आज भी दीपावली मनाई जाती है। अमेरिका के गुयाना में दीपावली का त्योहार राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। 1976 में गुयाना ने डाक टिकटों की एक शृंखला जारी की थी, जिसमें दीपक और लक्ष्मी के चित्र अंकित थे। वास्तव में यह जानना आनंददायक है कि दीपावली के प्रतिरूप संसार में भी ऐसे ही पर्व मनाए जाते हैं।
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