Summary: EMI ट्रैप से कैसे बचें: समझदारी से लें कर्ज और बनाएं मजबूत फाइनेंशियल प्लान
आज के समय में आसान EMI विकल्प जहां सुविधाजनक हैं, वहीं यह आर्थिक जाल में भी फंसा सकते हैं। जरूरत, क्षमता और सही योजना से कर्ज लेने पर ही आप वित्तीय रूप से सुरक्षित रह सकते हैं।
EMI Trap Avoidance: आज के समय में जब हर चीज़ किश्तों में उपलब्ध है—मकान, गाड़ी, यहां तक कि फ्रिज, टीवी, मोबाइल, फर्नीचर हर कुछ ईएमआई पर उपलब्ध है। हालांकि, आसान लोन और EMI विकल्प सुविधाजनक तो हैं, लेकिन कई बार लोग इसकी लत में बुरी तरह से फंस जाते हैं और धीरे-धीरे एक आर्थिक दलदल में उतर जाते हैं जिसे “EMI ट्रैप” कहा जाता है। EMI ट्रैप में फंसना आसान है लेकिन उससे निकलना मुश्किल। अगर आप भी लोन या ईएमआई की आदत से परेशान हैं तो चलिए आपको बताते हैं इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, और कैसे एक समझदार वित्तीय योजना आपको आर्थिक रूप से सुरक्षित रख सकती है।
EMI ट्रैप क्या है?
जब आपकी मासिक आय का बड़ा हिस्सा विभिन्न लोन की EMI चुकाने में चला जाता है और आप नई जरूरतों के लिए फिर से कर्ज लेने को मजबूर हो जाते हैं, तो समझिए आप EMI ट्रैप में फंस चुके हैं। इस स्थिति में व्यक्ति न केवल मानसिक तनाव में होता है, बल्कि उसकी क्रेडिट स्कोर, बचत और भविष्य की वित्तीय योजनाएं भी प्रभावित होती हैं।
EMI ट्रैप से बचने के स्मार्ट तरीके
सिर्फ जरूरत के अनुसार कर्ज लें
कभी भी ‘ऑफर’ और ‘छूट’ के चक्कर में आकर कर्ज न लें। लोन केवल तभी लें जब वह आपकी आवश्यकता और क्षमता दोनों के अनुकूल हो।
EMI का अनुपात सीमित रखें
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के अनुसार आपकी कुल मासिक आय का अधिकतम 30-40% हिस्सा ही EMI पर खर्च होना चाहिए। इससे ज्यादा EMI होने पर आपकी बचत, निवेश और रोजमर्रा की जरूरतें प्रभावित होंगी।
क्रेडिट कार्ड का उपयोग सावधानी से करें
क्रेडिट कार्ड कई बार जरूरत के समय में बहुत उपयोगी साबित होता है। लेकिन इससे निकाली गई राशि पर ब्याज दर बहुत ज्यादा होती है। इसलिए केवल उतना ही खर्च करें जितना आप समय पर चुका सकते हैं।
लोन को समय से चुकाएं
लोन की किश्तों में देरी करने से न केवल ब्याज बढ़ता है, बल्कि आपके क्रेडिट स्कोर पर भी बुरा असर पड़ता है। हमेशा EMI के लिए ऑटो-डेबिट सुविधा का प्रयोग करें ताकि समय पर भुगतान हो सके।
एक साथ कई लोन न लें
यदि आप पहले से ही किसी होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की EMI चुका रहे हैं, तो एक और लोन लेने से पहले सोचें। हर अतिरिक्त लोन आपकी मासिक बोझ को बढ़ा देता है।
डेब्ट कंसोलिडेशन: एक स्मार्ट समाधान

यदि आपके ऊपर कई अलग-अलग लोन हैं, तो डेब्ट कंसोलिडेशन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके तहत आप एक सिंगल लोन लेकर सभी पुराने लोन चुका सकते हैं और एक ही EMI में भुगतान कर सकते हैं। इससे ब्याज दरें कम हो सकती हैं और मानसिक दबाव भी घटता है।
आपातकालीन फंड बनाएं
EMI ट्रैप से बचने के लिए जरूरी है कि आपके पास कम से कम 6 महीनों का आपातकालीन फंड हो। किसी नौकरी छूटने या आकस्मिक खर्च में यह आपको कर्ज में फंसने से बचा सकता है।
निवेश और बचत को प्राथमिकता दें
कर्ज लेने से पहले सोचें कि क्या आप उसी राशि को कुछ महीनों तक बचाकर खरीद सकते हैं? अगर हां, तो EMI में फंसने की बजाय बचत करना बेहतर है। साथ ही SIP, PPF, FD जैसे निवेश विकल्पों में भी पैसा लगाएं।
तो, अब से आप कर्ज को जरूरत, क्षमता और दीर्घकालीन योजना के अनुसार ही लें।
