Ghee, chyawanprash, samosas.
indian food

Summary: विदेशों में बैन भारतीय खाने: वजहें जानकर आप चौंक जाएंगे

भारत में जो चीज़ें रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा हैं, वही कुछ विदेशी देशों में बैन हैं। जैसे घी, जो हमारे यहां सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, अमेरिका में इसे नुकसानदायक बताकर कई जगहों पर बंद कर दिया गया है।

Indian Food Ban in Abroad: भारत को अगर “फूड लवर्स का देश” कहा जाए, तो ये बिल्कुल गलत नहीं होगा। यहां हर गली-मोहल्ले, नुक्कड़ और चौराहे पर आपको कोई न कोई स्वादिष्ट व्यंजन जरूर मिलेगा। हमारे यहां खाने-पीने की वैरायटी इतनी जबरदस्त है कि शायद ही कोई दूसरा देश इसकी बराबरी कर सके। भारत में न केवल घरों में, बल्कि मार्केट्स, फूड स्ट्रीट्स और लोकल मेलों में भी अलग-अलग तरह के व्यंजन देखने और चखने को मिलते हैं।

यहां खाने के शौकीन लोग सिर्फ खाने के लिए अलग-अलग राज्यों तक घूम आते हैं। खास बात यह है कि भारत में खाने को लेकर कोई खास बंदिश नहीं है – आप वेज से लेकर नॉन-वेज तक, देसी से लेकर इंटरनेशनल फूड तक, सबकुछ आसानी से खा सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे यहां की कुछ बेहद आम और पसंदीदा चीजें ऐसे भी देश हैं, जहां इन्हें खाने की अनुमति नहीं है?

आइए जानते हैं ऐसे भारतीय खाद्य पदार्थों के बारे में जो भारत में बेहद लोकप्रिय हैं, लेकिन कुछ विदेशी देशों में पूरी तरह बैन हैं:

Bowl of ghee with a spoon.
Indian Food Ban in Abroad-Ghee

भारत में घी सिर्फ खाना पकाने का माध्यम नहीं बल्कि एक परंपरा है। दादी-नानी के नुस्खों से लेकर त्योहारों तक, घी का इस्तेमाल हर जगह होता है। इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है और इसे सुपरफूड भी कहा जाता है। लेकिन अमेरिका में घी को हानिकारक मानते हुए इसे कई जगहों पर प्रतिबंधित किया गया है। वहां की हेल्थ एजेंसियों का मानना है कि घी में सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जो हाई ब्लड प्रेशर और ओबेसिटी जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे सकती है।

भारत में पिज्जा, बर्गर या फ्रेंच फ्राइज के साथ कैचअप न हो तो मजा अधूरा लगता है। मगर फ्रांस में टमाटर के कैचअप को स्कूलों में पूरी तरह बैन कर दिया गया है। वहां की सरकार चाहती है कि बच्चे फ्रांस की पारंपरिक डिशेज और हेल्दी फूड्स ही खाएं। यही वजह है कि कैचअप को स्कूल कैंटीन से पूरी तरह हटा दिया गया है। हालांकि रेस्टोरेंट और कैफे में इसकी अनुमति है, लेकिन लिमिटेड मात्रा में ही।

Samosas on a plate.
Samosa

भारतीय चाय का साथी, हर मौके का स्नैक समोसा को शायद ही कोई नापसंद करता हो। लेकिन सोमालिया में इस क्रिस्पी स्नैक पर बैन है। इसका कारण भी थोड़ा अजीब है। दरअसल, वहां के कट्टरपंथी संगठन ‘अल-शबाब’ को समोसे की त्रिकोणीय आकृति ईसाई धर्म से जुड़ी प्रतीकात्मक लगती है। इसी वजह से वहां इस पर रोक लगा दी गई।

भारत में च्यवनप्राश को एक हेल्थ सप्लीमेंट की तरह देखा जाता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई इसे इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लेता है। मगर कनाडा ने साल 2005 में च्यवनप्राश पर बैन लगा दिया था। वहां की जांच एजेंसियों ने दावा किया कि इसमें लेड (सीसा) और मरकरी की मात्रा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। हालांकि भारत में इसे आयुर्वेदिक औषधि के रूप में लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है।

Bowl of chyawanprash with herbs and spices.
Chyavanprash

भारतीय रसोई में सरसों का तेल एक आम बात है। खासकर उत्तर भारत और बंगाल की किचन में तो यह प्रमुख रूप से इस्तेमाल होता है। मगर अमेरिका और यूरोप के कई हिस्सों में इसे पूरी तरह बैन कर दिया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सरसों के तेल में मौजूद यूरिक एसिड की अधिक मात्रा शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है, जिससे हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

भारत में बच्चे जैली को बड़े चाव से खाते हैं, रंग-बिरंगी, स्वादिष्ट और मुलायम टेक्सचर वाली यह मिठाई बच्चों की फेवरेट होती है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया में जैली पर बैन है। वहां की सरकार ने इसे बच्चों के लिए खतरा माना है, क्योंकि इसका टेक्सचर गले में फंसने का कारण बन सकता है और दम घुटने का खतरा होता है।

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