Early School Timing Effects
Early school timing is harmful for children's

जल्दी स्कूल जाना बच्चों की मानसिक स्वास्थ के लिए है हानिकारक

अधिकांश स्कूल सुबह जल्दी शुरू हो जाते हैं, ऐसे में बच्‍चे पर्याप्‍त नींद नहीं ले पाते हैं, जिसका असर उनकी मानसिक सेहत पर पड़ता है और उन्हें कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं भी पैदा हो जाती हैं।

Early School Timing Effects: बीते कुछ सालों में लोगों की लाइफस्‍टाइल काफी ज्यादा बदल गई है, खासकर बड़े शहरों में। अधिकांश पेरेंट्स वर्किंग हो गए हैं और जिसमें से ज्यादातर पेरेंट्स देर रात में घर आते हैं या फिर नाइट शिफ्ट में काम करते हैं। पेरेंट्स की इस लाइफस्‍टाइल का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है, क्योंकि उन्हें सुबह जल्‍दी उठकर स्‍कूल जाने के लिए तैयार होना पड़ता है। वैसे भी अधिकांश स्कूल सुबह जल्दी शुरू हो जाते हैं, ऐसे में बच्‍चे पर्याप्‍त नींद नहीं ले पाते हैं, जिसका असर उनकी मानसिक सेहत पर पड़ता है और उन्हें कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं भी पैदा हो जाती हैं।

Early School Timing Effects
Early school timing affects children’s sleep

आपको यह बात थोड़ी अजीब लग सकती है, लेकिन स्कूल के समय का भी बच्चों की नींद पर असर पड़ता है। अगर बच्चे का स्कूल सुबह 7 बजे का है तो बच्चे को भी सुबह 5 बजे उठना पड़ता है और इतनी सुबह उठकर फ्रेश होकर नाश्ता करके स्कूल के लिए तैयार होकर समय से बस स्टॉप पर पहुंचना पड़ता है। बच्चे कितनी भी जल्दी सोए लेकिन सुबह 5 बजे पेरेंट्स को उन्हें उठाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है और बच्चे भी रोते हुए उठते हैं, जिसकी वजह से पूरे दिन उदासी महसूस करते हैं और दुखी रहते हैं।

Mental health
Mental health is harmed

देशभर में अधिकांश सार्वजनिक और सरकारी सभी स्कूल सुबह 7 बजे से शुरू हो जाते हैं। दिल्ली के डॉक्टर्स के अनुसार सुबह जल्दी स्कूल जाने के कारण 80-90 प्रतिशत स्कूली बच्चों की नींद पूरी नहीं होती है। अधिकांश बच्चों में ADHD के लक्षण नहीं होने के बाद भी वे ADHD बच्चों की तरह व्यवहार करना शुरू कर देते हैं। दरअसल बच्चे नींद पूरी नहीं होने के कारण ऐसा करते हैं, जिसके बारे में पेरेंट्स अनजान होते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की मानें तो सभी स्कूलों को सुबह 8:30 के बाद शुरू होना चाहिए, क्योंकि बच्चों की नींद नहीं पूरी होने के कारण वे कई तरह की मानसिक परेशानियों से गुजरते हैं। आपको यह बात पता नहीं होगी लेकिन फिनलैंड में सभी स्कूल सुबह 9 बजे के बाद शुरू होते हैं और यहाँ का स्कूलिंग सिस्टम वर्ल्ड के बेस्ट स्कूलिंग सिस्टम में से एक है।

school timings
Why should school timings be changed?

हेल्थ एक्‍सपर्ट्स की मानें तो अगर स्‍कूली बच्‍चे पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो उन्‍हें कई तरह की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं कम उम्र में ही शुरू हो सकती हैं। वे डायबिटीज, बीपी और दूसरी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। शरीर को 7-8 घंटे की पर्याप्‍त नींद की जरूरत होती है। अगर पर्याप्त नींद नहीं म‍िलती है तो शरीर तरोताजा महसूस नहीं करता है। भारत में भी स्कूलों को बच्चों की मानसिक सेहत के बारे में सोचना चाहिए और सभी स्कूलों को अपने समय में बदलाव करना चाहिए, ताकि वे भविष्य के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ नागरिक तैयार कर सकें।

ए अंकिता को मीडिया इंडस्ट्री में 9 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और खास तौर पर लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट बीट में रुचि रखती हैं। लेखन के अलावा वेब सीरीज़ देखना, घूमना, संगीत सुनना और फोटोग्राफी...