Process of dream and its predictions
Process of dream and its predictions

Dream interpretation: हिंदू धर्म शास्त्रों-अथर्ववेद, योगसूत्र, पुराण, उपनिषदों इत्यादि में स्वपनों का आध्यात्मिक विश्लेषण मिलता है, जिसके अनुसार स्वपन की क्रिया मनुष्य की आत्मा से जुड़ी है और आत्मा-परमात्मा से। मन की कल्पना शक्ति असीम है। महर्षि वेदव्यास ‘ब्रह्मïसूत्र’ में बताते हैं कि मस्तिष्क में पिछले जन्मों का ज्ञान सुषुप्त अवस्था में रहता है। शुद्ध आचरण वाले धार्मिक और शांत चित्त व्यक्ति के सपने, दैविक संदेशवाहक होने के कारण सत्य होते हैं। परन्तु चिंताग्रस्त या रोगी व्यक्ति का मन अशांत होने के कारण उसके स्वपन निष्फल होते हैं। स्वपन भावी जीवन यात्रा से जुड़े शुभ और अशुभ प्रसंग यहां तक कि विपत्ति, बीमारी और मृत्यु की पूर्व सूचना देते हैं।

गौतम बुद्ध के जन्म से कुछ दिन पहले उनकी माता रानी माया ने स्वपन में एक सूर्य सा चमकीला, 6 दांतों वाला सफेद हाथी देखा था, जिसका अर्थ राज्य के मनीषियों ने एक उच्च कोटि के जगत प्रसिद्ध राजकुमार के जन्म का सूचक बताया, जो सत्य हुआ। पाश्चात्य देशों में स्वपन पर शोध कार्य
सर्वप्रथम शारीरिक और फिर मानसिक स्तर पर किया गया। उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में चिकित्सकों के मतानुसार अप्रिय स्वपनों का कारण अस्वस्थता, सोते समय सांस लेने
में कठिनाई और मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी होना था। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार तलाक, नौकरी छूटना, व्यापार में घाटा या परिवार में किसी सदस्य की अचानक मृत्यु के कारण उत्ह्रश्वान्न मानसिक तनाव बार-बार आने वाले स्वपनों में परिलक्षित होते हैं।
पाश्चात्य शोध के अनुसार जाग्रत अवस्था में सांसारिक वस्तुओं और घटनाओं का मानव मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है, जिससे अनेक विचारों और इच्छाओं का जन्म होता है। जो प्रसंग मन में अपूर्ण रहते हैं, वे निद्रा की अवस्था में, व्यवस्थित या
अव्यवस्थित रूप में, अभिव्यक्त होते हैं। प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक सिगमंड फ्रॉयड ने अपनी पुस्तक ‘थ्योरी ऑफ ड्रीम्स’ में बताया कि मनुष्य की इच्छाएं (मुख्यत: काम वासनाएं) जो समाज के भय से जाग्रत अवस्था में पूर्ण नहीं हो पातीं, वे स्वपन में चरितार्थ होकर व्यक्ति को मानसिक तृप्ति देती हैं और उसको तनावमुक्त और संतुलित रहने में सहायता करती हैं। परंतु यह सिद्धांत अंधे व्यक्ति द्वारा देखे गए स्वह्रश्वनों को समझाने में असमर्थ था। कुछ समय बाद फ्रॉयड ने अपने विचारों में परिवर्तन किया।
‘ड्रीम टेलीपैथी’ के लेखक डॉ. स्टैनली के अनुसार स्वपनों की पुनरावृत्ति का संबंध वर्तमान में होने वाली समस्याओं और घबराहट से ही नहीं, अपितु अतीत से भी हो सकता है। बचपन में घटी कोई भयानक घटना का मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ने से उससे संबंधित स्वह्रश्वन अधिक दिखाई देते हैं।

आम का वृक्ष – संतान प्राप्ति
अपमान – चिंताएं दूर होना
अपनी मृत्यु – आयु वृद्धि
खड़ी फसल – धन प्राप्ति
अर्थी देखना – रोग मुक्ति
इमारत बनना – धन लाभ, उन्नति
हाथी, गाय, मोर – धन लाभ, समृद्धि
मधुमक्खी देखना – लाभ
ऊंचाई पर चढ़ना – उन्नति
कब्रिस्तान – प्रतिष्ठा में वृद्धि
काला नाग – राज्य से सम्मान
गंगा दर्शन – सुखी जीवन
किला देखना – तरक्की होगी
घोड़े पर चढ़ना – पदोन्नति
छिपकली देखना – अचानक धन लाभ
डर कर भागना – कष्ट से छुटकारा
डोली देखना – इच्छा पूरी होना
तारे देखना – मनोरथ पूरा होना
तलवार देखना – शत्रु पर विजय
देवी-देवता – खुशी की प्राप्ति
धन एवं रत्न – संतान सुख
नाखून काटना – रोग तथा दुख मुक्ति
न्यायालय – झगड़े में सफलता
मिठाई खाना – मान-सम्मान
हरा-भरा जंगल – खुशी मिलेगी
परीक्षा में असफल – सफलता
पत्र आना – शुभ सूचक

लहराता झंडा – विजय की प्राप्ति
भोजनयुक्त थाल-शुभ सूचक
तांबे का
सिक्का मिलना – धनदायक
भोजन पकाना – शुभ समाचार
माला जपना – भाग्योदय
सीधी सड़क
पर चलना सफलता
खुला दरवाजा – नया काम करना
कौआ उड़ाना – मुसीबत से छुटकारा

स्वपन की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए डॉ. स्टैनली ने बताया कि मनुष्य का मस्तिष्क छोटी-छोटी घटनाओं एवं जानकारियों को संगठित रूप दे कर एक ऐसे निष्कर्ष (स्वपन) पर पहुंचता है, जो कभी-कभी बहुत सही होता है। रोम के सम्राट जूलियस सीजर की पत्नी ने उनकी हत्या की पिछली रात सपने में देखा था कि वह अपने बाल बिखेरे पति का लहू लुहान शरीर उठाये फिर रही है। उसने सीजर को सीनेट जाने से मना किया, पर वह नहीं माना और सीनेट पहुंचने पर ब्रूटस ने उसकी हत्या कर दी। इसी प्रकार अमेरिका राष्टपति अब्राहम लिंकन ने अपनी हत्या को कुछ दिन पहले
स्वपन में देखा था।

Dream interpretation
Process of dream and its predictions

पाश्चात्य शोधकर्ता अब भारतीय विचारधारा से सहमत हो रहे हैं। फ्रॉयड ने नये अनुभवों
के आधार पर अगली पुस्तक ‘इंटरप्रटेशन ऑफ ड्रीम्ïस में स्वीकार किया कि स्वपन
कभी-कभी मनुष्य की दबी इच्छाओं और मन की उड़ान से बहुत आगे की सूचना देने में सक्षम होते हैं। डॉ. हैवलॉक एलाईस अपनी पुस्तक ‘दि वर्ल्ड ऑफ ड्रीम्स’ में मानते हैं कि स्वपन में सुषुह्रश्वत मस्तिष्क और ‘एक्स्ट्रा सेंसरी परसेह्रश्वशन’ की बड़ी भूमिका होती है।

स्वपन विषय – अशुभ फल
अग्नि देखना – पित्त संबंधी रोग
अग्नि उठाना – परेशानी होगी
अपनी शादी – संकट आना
अतिथि आना – आकस्मिक विपत्ति
अंधेरा देखना – दुख मिलेगा
आंधी-तूफान – मुसीबत में फंसना
उल्लू देखना रोग-शोक होना
उल्टा लटकना – अपमान होना
कटा सिर देखना -चिंता, परेशानी
कुत्ते का काटना – शत्रु भय

घोड़े से गिरना – परेशानी
चोर देखना – धन हानि
जेब कटना – धन हानि
झाड़ू देखना – नुकसान होना
डूबते देखना – अनिष्ट सूचक
दीवार गिरना – धन हानि
नल देखना – चिंता
नंगा देखना – कष्ट प्राप्ति
ऊंचाई से गिरना – हानि होना
बंदूक देखना – संकट आना
बिल्ली देखना – लड़ाई होना
भाषण देना – वाद-विवाद
कौआ दर्शन – अशुभ सूचक

Owl
Owl

‘बुच सोसाईटी फॉर साईकिक रिसर्च’ हॉलैंड, के शोध कार्य ने यह प्रमाणित किया है कि कुछ स्वपन भविष्य की घटनाओं की सही-सही पूर्व सूचना देते हैं। प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ. हैफनर मोर्स के अनुसार सतत प्रयत्न द्वारा सुषुप्त मस्तिष्क को जगा कर सपनों द्वारा ‘दिव्य दृष्टि प्राप्त की जा
सकती है।

अत्यंत वृद्ध और काले शरीर वाली स्त्री का नाच देखना अथवा नंगधडं़ग फकीर को नाचते, हंसते, अपनी ओर क्रूर दृष्टिपात करते देखना, काले वस्त्र पहने, हाथ में लौह का डंडा लिए किसी को देखना मृत्यु के सूचक होते हैं।