Rama Ekadashi 2025
Rama Ekadashi 2025

Overview: रमा एकादशी पर करें लक्ष्मी नारायण की पूजा

17 अक्टूबर 2025 को रमा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा से धन, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Rama Ekadashi 2025 Date: हिंदू धर्म के सबसे पवित्र महीने कार्तिक माह की शुरुआत बुधवार 8 अक्टूबर 2025 से हो चुकी है। हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में दो एकादशी तिथि पड़ती है। इसी तरह कार्तिक महीने में भी दो एकादशी व्रत रखे जाएंगे। कार्तिक महीने की पहली एकादशी कार्तिक शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को होगी, जिसे रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। रमा एकादशी के 15 दिन बाद कार्तिक शुक्ल की एकादशी को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

बात करें रमा एकादशी की तो, इस एकादशी का नाम भगवान विष्णु की अर्धांगिनी देवी लक्ष्मी के स्वरूप रमा के नाम पर पड़ा है। मां लक्ष्मी जोकि धन-धान्य, सौभाग्य, सुख और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। मान्यता है कि जो साधक रमा एकादशी के दिन व्रत रखकर श्रद्धा भाव और विधि विधान से पूजा करते हैं उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और सुख समृद्धि, वैभव की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में तो यह भी कहा गया है कि रमा एकादशी का व्रत रखने वाले को ठीक उसी तरह का पुण्य प्राप्त होता है जोकि हजारों वर्ष की तपस्या करने पर मिलता है। आइए जानते हैं दिवाली से पहले आने वाली रमा एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा। साथ ही जानते हैं रमा एकादशी की पूजा विधि, मंत्र और महत्व आदि के बारे में।

रमा एकादशी 2025 तिथि

Rama Ekadashi 2025 Puja
Rama Ekadashi 2025 Date

हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की रमा एकादशी का व्रत 17 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा। इसका कारण यह है कि एकादशी तिथि की शुरुआत 16 अक्टूबर को सुबह 10:34 से होगी और इसका समापन 17 अक्टूबर को सुबह 11:12 पर होगा। उदया तिथि 17 अक्टूबर को मानी जाएगी, इसीलिए इसी तिथि पर लोग व्रत रखेंगे। वहीं व्रत का पारण 18 अक्टूबर को किया जाएगा।

रमा एकादशी पूजन विधि

Rama Ekadashi 2025 Puja Vidhi
Rama Ekadashi 2025 Puja Vidhi

रमा एकादशी पर सुबह उठकर स्नान आदि करें और व्रत रखने का संकल्प लें। इसके बाद एक चौकी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की एक साथ वाली तस्वीर या मूर्ति स्थापित कर पूजा पाठ करें। प्रतिमा के सामने दीप जलाएं, पीले फूल, तुलसी पत्र, फल, नैवेद्य आदि अर्पित कर पूजा करें। इसके बाद व्रत कथा का पाठ करें और आरती के साथ पूजा का समापन करें। पूरे दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु का ध्यान व मंत्रों का जाप करें और अगले दिन पूजा पाठ और दान के बाद व्रत खोलें।

रमा एकादशी की पूजा में इन मंत्रों का करें जाप

Rama Ekadashi 2025 Puja Mantra
Rama Ekadashi 2025 Puja Mantra

ॐ नमो नारायणाय

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रमा देवि नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

ॐ विष्णवे नम:

ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि ।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो , मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि ।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि ।

अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।
प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।

ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||

मेरा नाम पलक सिंह है। मैं एक महिला पत्रकार हूं। मैं पिछले पांच सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैं लाइव इंडिया और सिर्फ न्यूज जैसे संस्थानों में लेखन का काम कर चुकी हूं और वर्तमान में गृहलक्ष्मी से जुड़ी हुई हूं। मुझे...