नरक चतुर्दशी के दिन भूल से भी न करें ये गलतियां: Narak Chaturdashi Mistakes
पांच दिनों तक चलने वाले दीपावली पर्व के इस दूसरे दिन के पर्व को रूप चतुर्दशी और छोटी दीवाली भी कहा जाता है।
Narak Chaturdashi Mistakes: हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दीपावली से एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद यानी कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले दीपावली पर्व के इस दूसरे दिन के पर्व को रूप चतुर्दशी और छोटी दीवाली भी कहा जाता है। इस दिन साफ सफाई का आखिरी दिन होता है और घर के बुजुर्गों की लंबी उम्र के लिए यम दीपक भी जलाया जाता है। इस दिन कुछ ऐसी चीज भी है जिन्हें करने की सख्त मनाही है। चलिए जानते हैं उन चीजों के बारे में।
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नरक चतुर्दशी की पूजा

कहते हैं कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध कर उसके कैद से करीब 16 हजार महिलाओं को मुक्त कराया था इसलिए नरक चतुर्दशी पर खासकर भगवान श्रीकृष्ण, माता महालक्ष्मी और मृत्यु के देवता यम की पूजा होती है। हालांकि, नरक चतुर्दशी को ज्यादातर यम देवता के लिए ही दीपक जलाकर परिवार की कुशलता की कामना की जाती है। नरक चतुर्दशी पर घरों में यमराज की पूजा के परिणाम से सौंदर्य की प्राप्ति होती है और अकाल मृत्यु या नरक का भय नहीं रहता है।
नरक चतुर्दशी पर न करे ये गलतियां

- छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली के दिन देर से सोकर न उठें। इन 5 दिनों में माता लक्ष्मी के आगमन की तैयारियां की जाती हैं और देर तक सोना दरिद्रता की निशानी है।
- इस दिन किसी से भी झगड़ा नहीं करना चाहिए और किसी को भी अपशब्द कहने से बचना चाहिए। नहीं तो मां लक्ष्मी नाराज होती है।
- नरक चतुर्दशी से लेकर दिवाली तक अपने घर को खाली छोड़कर नहीं जाना चाहिए। इस दिन घर में ताला न लगाएं। इसे शुभ नहीं माना जाता है। इससे परिवार की सुख समृद्धि प्रभावित होती है।
- दिवाली के इन दो दिनों में किसी को भी पैसा न उधार दें और न ही किसी से पैसा उधार लें। पैसे की लेन देन दीपावली के दिन करना दरिद्रता की निशानी होती है।
- नरक चतुर्दशी से पहले घर के सभी कबाड़ सामान को निकाल दें। दिवाली वाले दिन घर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाएं और फूलों व रंगों से सजाएं, तब लक्ष्मी माता का स्वागत करें।
- झाड़ू को लक्ष्मी का स्वरूप कहा गया है, क्योंकि ये घर की गंदगी को दूर करती है और गंदगी को दरिद्रता से संबन्धित माना गया है इसलिए इस दिन झाड़ू में पैर न लगाएं।
- दिवाली के मौके पर नॉनवेज को खाने से बचना चाहिए और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- दिवाली के दोनों दिनों में तेल का दान नहीं करना चाहिए। इस दिन तेल का दीपक जलाया जाता है।
- नरक चतुर्दशी के दिन दक्षिण दिशा में गंदगी न डालें। ये दिशा यमराज और पितरों की दिशा मानी गई है। लंबी उम्र के लिए इस दिशा में ही दीपक जलाया जाता है।
