भगवान हनुमान के मंदिरों का अनोखापन आपने बहुत सुना होगा। भगवान की अनोखी मूर्तियां भी आपने खूब देखी होंगी। कभी बहुत बड़ी तो बहुत छोटी। लेकिन इलाहाबाद में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां हनुमान जी की देश की अकेली लेटी हुई मूर्ति है। इस मूर्ति को देखने और आराधना करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। भक्तों की संख्या तो गिनी ही नहीं जा सकती है। मूर्ति आकार में काफी बड़ी होने के बावजूद लेटी हुई है तो ये ज्यादा अद्भुत लगती है। खास बात ये है की बरसात के दिनों में ये मूर्ति एक दूसरी जगह स्थानांतरित भी की जाती है। ये पूरी प्रक्रिया हैरान करने वाली होती है। इस मंदिर और मूर्ति के बारे में और बातें आइए जानें-
लंबाई भी ज्यादा-
इलाहाबाद में बना ये मंदिर बहुत छोटा है लेकिन लेते होने के चलते काफी चर्चा का विषय रहता है। इस मूर्ति का आकार भी काफी बड़ा है। इसकी लंबाई 20 फिट है। 
बाढ़ के दिन-
बरसात के दिनों में इस मंदिर में बाढ़ का पानी आने की संभावना रहती है। इसलिए इस मूर्ति को अपनी जगह से हटा लिया जाता है वो भी कुछ दिनों के लिए। 
पुण्य का ठिकाना-
ये एक ऐसा मंदिर है, जिसके लिए माना जाता है कि संगम में नहाने के बाद अगर इसके दर्शन किए जाएं तो भरपूर पुण्य मिलते हैं। मतलब सिर्फ संगम में नहाने से काम नहीं चलेगा बल्कि आपने इस मंदिर के दर्शन कर लिए तो समझिए कि काम पूरा हुआ। 
नदी पर से आई मूर्ति-
इस मूर्ति से जुड़ी एक कहानी काफी प्रचलित है। इसकी मानें तो एक व्यापारी नदी से होते हुए हनुमान जी की मूर्ति लेकर आ रहा था। हनुमान जी का भक्त ये मूर्ति लेकर आ रहा था। इस वक्त अचानक से उसकी नाव भारी होने लगी। ये नाव जब संगम के करीब पहुंची तो यमुना जी में डूब ही गई। लेकिन समय बीतने के साथ जब यमुना का जलस्तर कम हुआ तो ये मूर्ति फिर दिखाई पड़ी। उस वक्त अकबर शासक था और उसने हनुमान जी के प्रभाव को मानते हुए उनका मंदिर बनवा दिया।  
एक और कहानी-
हनुमान जी के इस मंदिर से जुड़ी एक और कहानी है, जिसे ज्यादा तार्किक माना जाता है। माना जाता है कि त्रेतायुग में जब भगवान हनुमान ने अपने गुरु सूर्यदेव शिक्षा पूरी करने के बाद दक्षिणा के बारे में बात की तो सूर्य भगवान ने कहा कि जब सही समय आएगा, तब बता देंगे। उस वक्त हनुमान जी मान गए लेकिन जल्द ही ये बात फिर उठा दी। तब सूर्यदेव ने कहा कि राजा दशरथ के पुत्र श्री राम, सीता उयर लक्ष्मण वनवास पर गए हैं। उन्हें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। लेकिन फिर उन्हें लगा कि हनुमान जी ने सारे राक्षसों का नाश किया तो मेरे अवतार का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा। इसलिए उन्होंने माया से कहा कि वो हनुमान को निद्रा में डाल दो। उधर हनुमान जी ने रात में गंगा नदी को न लांघने का निर्णय लिया और वहीं सो गए।