महाशिवरात्रि की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, भोले बाबा हो जाते हैं क्रोधित: Mahashivratri 2024
महाशिवरात्रि की पूजा के लिए कुछ नियम बनाए गए है, जिनका पालन करना जरूरी है। महाशिवरात्रि के दिन आप ऐसा कोई काम ना करें, जिससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं ।
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। सावन के अलावा महाशिवरात्रि का दिन शिव भक्तों के लिए काफी खास होता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी। इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। महाशिवरात्रि की पूजा के लिए कुछ नियम बनाए गए है, जिनका पालन करना जरूरी है। महाशिवरात्रि के दिन आप ऐसा कोई काम ना करें, जिससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं और आज आपको हम उन्हीं चीजों के बारे में बताने वाले है।
- अगर आप महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा कर रहे हैं, तो कभी भी उनका अभिषेक शंख के साथ ना करें। धर्म ग्रथों में ऐसा करने की मनाही है। शिवपुराण के अनुसार, शंख से शिव जी को जल चढ़ाना अशुभ माना गया है। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
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- शिवजी की जब भी आप पूजा कर रहे हो तब उन्हें कटे-फटे फूल और पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। भोलेनाथ को हमेशा ताजा फूल और पत्ते चढ़ाया करें। इसके साथ ही शिव जी को बेलपत्र काफी प्रिय है। ऐसे में बेलपत्र भी फटा नहीं होना चाहिए। आप चाहें तो एक बार उपयोग किए बेल पत्र का दूबारा इस्तेमाल कर सकते हैं।
- भोलेनाथ की पूजा के दौरान शिवलिंग पर अर्पित किए जाने वाले फूल-पत्तों को निर्माल्य कहते हैं। पूजा के बाद इस निर्माल्य को किसी नदी या तालाब में प्रवाहित कर देना चाहिए कभी गलती से भी पूजा के इन फूल-पत्तों यानी निर्माल्य को अपमानित न करें। नहीं तो शिव जी नाराज़ हो सकते है।
- आप जब भी भोलेनाथ की पूजा कर रहे हों तब आपका मुंह हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें। शिवलिंग की जलधारी को लाघां नहीं जाता है, ऐसा करना पाप माना जाता है।
- इसके साथ ही आप जब भोलेनाथ की पूजा कर रहे हैं, तब शिव जी पर कभी भी हल्दी, मेंहदी और कुमकुम न चढ़ाएं। शिव जी को यह सभी चीजें अर्पित करने की मनाही है। आप उन्हें बेलपत्र चढ़ा सकती हैं।
- महाशिवरात्री पर भगवान शिव को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था। केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद शिव पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए।
- महाशिवरात्रि में पूजा के दौरान शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए। पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना हुआ मिश्रण। अगर आप चार प्रहर की पूजा करते हैं, तो आपको पहले प्रहर में अभिषेक जल, दूसरे प्रहर में अभिषेक दही, तीसरे प्रहर में अभिषेक घी और चौथे प्रहर में अभिषेक शहद से करना चाहिए।
- भोलेनाथ को पूजा के दौरान तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए। शिवपुराण के मुताबिक तुलसी पहले वृंदा के रूप में जालंधर की पत्नी थी, जिसका शिवजी ने वध किया था। वृंदा इससे दुखी होकर बाद में तुलसी का पौधा बन गई थी। उसने भगवान शिव को अपने आलौकिक और देवीय गुणों वाले तत्वों से वंचित कर दिया था। इसलिए उन्हें ये अर्पित नहीं किया जाता है।
- महाशिवरात्रि वाले दिन शिव भक्त को देर तक नहीं सोना चाहिए। इसके साथ ही बिना स्नान के कुछ भी ना खाएं। आप पूरी विधि विधान के साथ शिवजी की पूजा करें।