Overview: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर इन वस्तुओं को घर लाना शुभ माना जाता है
जन्माष्टमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह घर में सकारात्मकता और खुशियों का स्वागत करने का अवसर है। माखन-मिश्री, तुलसी, पीत वस्त्र, मोरपंख, बांसुरी, शंख और माखन-हांडी जैसी शुभ वस्तुएं घर में लाने से न केवल पूजन की शोभा बढ़ती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का भी वास होता है।
Janmashtami 2025 Upay: कृष्ण जन्माष्टमी 2025 इस साल पूरे उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और उनका पूजन करने से जीवन में प्रेम, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। ज्योतिष शास्त्र और पुराणों में वर्णन है कि जन्माष्टमी से पहले कुछ विशेष वस्तुएं घर में लाने और उन्हें पूजन में शामिल करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य बढ़ता है। आइए जानते हैं वे 7 शुभ चीजें जिन्हें जन्माष्टमी से पहले लाना आपके जीवन में सुख-समृद्धि का मार्ग खोल सकता है।
माखन और मिश्री
कन्हैया का सबसे प्रिय भोग माखन और मिश्री है। जन्माष्टमी से पहले इन्हें घर लाकर पूजन में चढ़ाने से घर में मिठास और प्रेम बढ़ता है। यह भगवान के प्रति भक्ति और सादगी का प्रतीक भी माना जाता है।
तुलसी का पौधा

तुलसी भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के पूजन में अनिवार्य मानी जाती है। जन्माष्टमी से पहले तुलसी का पौधा घर में लाना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर घर में शांति और पवित्रता लाता है।
पीत वस्त्र
पीला रंग श्रीकृष्ण का प्रिय रंग है। जन्माष्टमी के अवसर पर पीत वस्त्र (कपड़ा) घर में लाकर पूजन में उपयोग करना सौभाग्य और धन वृद्धि का कारक माना जाता है।
मोरपंख
मोरपंख श्रीकृष्ण के मुकुट की शोभा है। इसे घर में लाना सौभाग्य और बुरी नज़र से बचाव का प्रतीक है। इसे मंदिर में या पूजन स्थल पर रखने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
बांसुरी

श्रीकृष्ण की बांसुरी प्रेम, आनंद और सामंजस्य का प्रतीक है। जन्माष्टमी से पहले बांसुरी लाकर पूजन में रखने से रिश्तों में मधुरता और मन में प्रसन्नता बनी रहती है।
शंख
शंख को पूजन में बजाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है और घर में देवी-देवताओं का वास बनाए रखता है। जन्माष्टमी से पहले शंख लाकर पूजन में अवश्य शामिल करें।
माखन-हांडी या मटकी
जन्माष्टमी की पहचान माखन-हांडी या मटकी से जुड़ी है। इसे घर में सजाकर रखना और पूजन के समय प्रयोग करना समृद्धि और आनंद का प्रतीक है।
