Akshaya Tritiya 2025 Shopping: हिंदू पंचांग के मुताबिक अक्षय तृतीया वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इसे बहुत ही शुभ तिथि माना जाता है, जिसमें स्नान, दान, खरीदारी, पूजन और नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। इस साल अक्षय तृतीया बुधवार 30 अप्रैल 2025 को है। अक्षय तृतीया का दिन खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ होता है, इसलिए इस दिन लोग धनतेरस की तरह ही जमकर खरीदारी करते हैं। मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी से कई गुना लाभ मिलता है, लक्ष्मी जी की कृपा बरसती और अक्षय फल की प्राप्ति होती है। बता दें कि अक्षय तृतीया पर खरीदारी के लिए सुबह 05 बजकर 41 मिनट से दोपहर 02 बजकर 12 मिनट तक का समय रहेगा।
सोने का सुनहरा रंग तो सभी को भाता है, लेकिन सोने के बढ़ते भाव हर किसी के बजट में फिट नहीं बैठते। इसलिए अक्षय तृतीया पर यदि आप सोना खरीदने में असमर्थ हैं तो चिंता न करें, शास्त्रों में ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिन्हें यदि आप अक्षय तृतीया पर आप अपने घर लाते हैं। इन चीजों की खरीदारी से सोने के समान ही शुभ फल मिलता है, क्योंकि ये चीजें मां लक्ष्मी से जुड़ी होती हैं। अगर आप इन चीजों को अक्षय तृतीया पर खरीदते हैं तो आपको सोने की खरीदारी के समान ही फल मिलेगा। आइए जानते हैं वो कौन सी चीज हैं जिन्हें अक्षय तृतीया पर खरीदना होता है शुभ।
सोने की तरह ही शुभ होती है ये चीजें

चांदी का सिक्का:- अगर अक्षय तृतीया पर आप सोना नहीं खरीद पा रहे हैं तो चांदी का सिक्का भी खरीद सकते हैं। शुभता के लिए चांदी का ऐसा सिक्का खरीदें, जिसमें मां लक्ष्मी की छवि अंकित हो। अक्षय तृतीया पर इस सिक्के को पूजा में चढ़ाएं फिर तिजोरी या पूजा स्थल पर रखें। इससे धन और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

कौड़ी:- अक्षय तृतीया पर कौड़ी खरीदना सोने की तरह ही शुभ माना जाता है। इसका कारण यह है कि मां लक्ष्मी को कौड़ी बहुत प्रिय होती है। कौड़ी की खरीदारी के बाद अक्षय तृतीया पर इसे मां लक्ष्मी को चढ़ाएं और फिर लाल रंग के कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें।
जौ:- जौ को धरती मां का दिया सबसे पहले अन्न माना जाता है। अक्षय तृतीया पर जौ की खरीदारी से आपको वही पुण्य मिलेगा जो सोने की खरीदारी से मिलता है। जौ की खरीदारी के बाद इसे लक्ष्मी जी को अर्पित करें। इससे भाग्योदय होता है।
अक्षय तृतीया का दिन क्यों शुभ

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया की तिथि को धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ माना गया है। इस दिन की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही कई मंदिरों के कपाट भी खुलते हैं। चार धामों में एक बद्रीनाथ का कपाट भी अक्षय तृतीया के दिन खोला जाता है। वृंदावन में बांके बिहारी के चरणों के दर्शन भी इसी दिन होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर ही भगवान विष्णु ने नर नारायण, नृसिंह, हयग्रीव और परशुराम जैसे अवतार लिए थे। धरती पर मां गंगा इसी तिथि पर अवतरित हुई थीं। सतयुग, द्वापर युग और त्रेतायुग के शुरुआत की गणना भी इसी तिथि से होती है।
