करीब-करीब जिन लोगों को मैं जानती हूं, उन्होंने बचपन में खूब अमरूद खाए हैं। इसमें से कुछ भाग्यशाली लोगों को सीधे पेड़ से थोड़े से कच्चे अमरूद तोडऩा और उन्हें थोड़ा सा खाकर छोड़ देना तक याद है। इसे वास्तव में आजाद, सहज और साधारण रहन-सहन का प्रतीक माना जाता है। आज अगर हम फील गुड फैक्टर को एक तरफ रख भी दें तो नवंबर में मार्केट में दिखाई देने वाले और मार्च के अंत तक बाजार से गायब हो जाने वाले अमरूदों को पोषक तत्वों के नजरिये से सोने की खान कहा जा सकता है। 

 
अमरूद में संतरे की तुलना में ज्यादा मात्रा में विटामिन सी होता है (4 गुना तक ज्यादा)। 100 एसएमएस अमरूद में लगभग 230 एमजी विटामिन सी मौजूद होता है, जबकि 100 ग्राम संतरे में 50 एमजी विटामिन सी ही मिलता है।
 
अमरूद से हमें फाइबर भी मिलता है, जो हमारे शरीर के विषाक्त पदार्थों को बांधकर उन्हें शरीर से बाहर करने में मदद करता है। यह शरीर को विटामिन और पोषक तत्व प्रदान करने और विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर करने वाला खाद्य पदार्थ है। मधुमेह से पीडि़त मरीजों के लिए भी यह काफी अच्छा है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी कम है। यह ब्लड ग्लूकोज पर कार्बोड्राइडेट के प्रभाव को दर्शाता है। वास्तव में इससे डायबिटीज से बचने में मदद भी मिलती है।
 
आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी लेने के लिए केवल अमरूद और संतरों तक ही सीमित रहने की जरूरत नहीं है। आप विटामिन सी के लिए यहां बताये गए स्वादिष्ट पदार्थों को भी आजमा सकते हैं (वास्तव में यह आपको ज्यादा स्वादिष्ट लगेंगे)।
 
आंवला सबसे कम आंका जाने वाला छोटा सा गोल आकार का फल होता है। वास्तव में एक आंवला रोज खाने से आपकी विटामिन सी की कमी पूरी हो जाएगी। अगर आप इसे साबुत नहीं खा सकते हैं तो इसका जूस निकाल कर पी सकते हैं। आप इसे अपने जूस और सूप में भी मिला सकते हैं या इसे फ्राई कर भी खा सकते हैं। अगर मीठा आपके लिए जहर है तो आप आंवले का मुरब्बा या आंवला कैंडी भी खा सकते हैं।
 
बंगाल में शंखालु नाम से मीठी, कुरकुरी और खाने में स्वादिष्ट सब्जी भी विटामिन सी से भरपूर होती है। (जिसे यम बीन या जिकामा भी कहा जाता है।) आप इसे वैसे भी चबा सकते हैं या अपने सलाद में भी इसे डाल सकते हैं। कुछ
लोगों का कहना है कि यह आंवले से ज्यादा अच्छी होती है। इसमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है। इसमें कई फलों की तरह ज्यादा शर्करा नहीं होती।
 
रसभरी का भी सीजन चल रहा है, पर यह वास्तव में खट्टी-मीठी होती है (कुछ लोग इसे खट्टा ही मानते हैं)। इसका स्वाद अलग-अलग लोगों को अलग-अलग लगता है। इसके अलावा रसभरी में पॉलीफिनोल और पोटैशियम का भी भंडार होता है, जिससे ब्लडप्रेशर काबू में रखने में मदद मिलती है।
 
लोबिया (काली आंखों वाली मटर या काली आंखों वाली फलियों) में फाइबर और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन सी भी पाया जाया है, इसलिए कृपया इसकी अन्य लोकप्रिय प्रजातियों, राजमा और छोटी मटर के छोले से आगे निकलिए और आज के खाने में लोबिया और ककड़ी का सलाद खाइए। इसमें कोई शक नहीं कि लीची काफी स्वादिष्ट होती है। सारे फलों में सबसे मीठी लीची से विटामिन सी मिलता है। इसके अलावा इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स खोजना काफी आसान रहता है। इस मजेदार फल की जिंदगी काफी छोटी होती है। यह सीजन के दौरान भी काफी कम समय के लिए ही मौजूद रहती है, इसलिए जब यह मिल रही हो, तब इसे खाने में संकोच मत कीजिए।
 
कच्चे केले और पके केले के लिए हम शर्त लगा सकते हैं कि आप इन दोनों विकल्पों के बारे में नहीं जानते होंगे। दोनों तरह के केलों में काफी ज्यादा मात्रा में विटामिन सी होता है। पके केलों में विटामिन ए भी होता है। यह पोटैशियम और विटामिन बी 6 का काफी अच्छा स्रोत भी है।
 
इमली में आयरन ज्यादा और विटामिन सी थोड़ा होता है, इसलिए आप दाल, सब्जी और करी में इसका इस्तेमाल कीजिए। इसके अलावा अमरनाथ (चौलाई का साग) में भी आश्चर्यजनक रूप से काफी ज्यादा मात्रा में विटामिन सी मिलता है। अगर आपको अच्छे लगते हैं तो आप कीवी और स्ट्रॉबेरी भी खा सकते हैं। कीवी, स्ट्रॉबेरी के साथ अनानास में भी आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी मिलेगा।
 
लीची काफी स्वादिष्ट होती है। सारे फलों में सबसे मीठी लीची से विटामिन सी मिलता है। इसके अलावा इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स खोजना काफी आसान रहता है।