सावधान! इंटरनेट पर नंबर सर्च करना बना सकता है साइबर ठगी का शिकार: Cyber ​​Fraud
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Cyber ​​Fraud: आपने कभी न कभी इंटरनेट के जरिए गूगल या अन्य सर्च इंजन पर अस्पताल, इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर या अन्य किसी सर्विस प्रोवाइडर का नंबर जरूर ढूंढा होगा। इसके बदले गूगल ने आपको एक नहीं कई नंबर दिखाए होंगे। जिसपर आपने कॉल कर अपनी जरुरत के हिसाब से सर्विस भी ली होगी। लेकिन, सर्च इंजन के जरिए मिलने वाले इन नम्बरों में कई नंबर जालसाज के भी शामिल होते है, जो आपके साथ ठगी को अंजाम देते हैं। इसलिए गूगल पर किसी भी नंबर को सर्च और उसपर कॉल करते हुए आपको सावधान रहने की जरूरत है नहीं तो आपको लाखों की चपत लग सकती है।

दरअसल, जब इंटरनेट पर किसी सर्विस प्रोवाइडर या कस्टमर केयर का नंबर सर्च करते है तो कई नंबर हमारी स्क्रीन पर होते हैं। साइबर अपराधी गूगल पर नामी कंपनियों के नंबर से अपने नंबर बदल देते हैं। इसके बाद सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) के जरिये फर्जी नम्बरों को ऊपर ले जाते हैं। जब भी कोई व्यक्ति इस तरह के नंबर को सर्च करते है तो फेक नंबर सबसे ऊपर आ जाते हैं। जो इन नंबरों पर विश्वास कर लेते हैं वो जालसाजों के जाल में फंस जाते हैं।

कैसे होती है ठगी?

Cyber ​​Fraud
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जब हम सर्विस प्रोवाइडर या कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च करते हैं तो कई नंबर हमारी स्क्रीन पर नजर आते हैं, जिसमें फ्रॉड नंबर भी आते हैं। अगर इन्हीं नंबर में से आपने किसी ऐसे नंबर को चुन लिया है जो फेक है पर आप नहीं जानते तो आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। ठगी को एक उदाहरण के जरिये समझाते हैं:- मान लीजिये आपको किसी स्पोर्ट्स ऐप का सब्सक्रिप्शन लेना है पर आपको उसके प्रोसेस के बारे में नहीं पता। तो आप इंटरनेट की मदद लेते हैं।

आपको ऐप के कस्टमर केयर का नंबर दिखाई देता है, जो एक फेक नंबर होता है। जिसपर आप कॉल करते है तो साइबर ठग की तरफ से सब्सक्रिप्शन प्लान के बारे में बताया जाता है। आप सब्सक्रिप्शन प्लान को अपनी सुविधा के अनुसार चुनते हैं और सर्कुलेट करवाते हैं। प्लान की पेमेंट के लिए ठग आपको एक लिंक भेजता है और जैसे ही आप लिंक ओपन कर पेमेंट करते है तो आपके बैंक आकउंट से सौ या दो सौ नहीं बल्कि हज़ारों रुपए कट जाते हैं। ठगी को अंजाम देते ही अपराधी नंबर को बंद कर लेते हैं।

ठगी से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं?

  • हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट और सर्विस प्रोवाइडर से ही कस्टमर केयर या कोई भी कंटेटस्ट डेटल लेनी चाहिए।
  • सर्च इंजन पर दिखाई देने वाले किसी भी नंबर पर भरोसा कर पेमेंट नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी तरह के साइबर क्राइम के बाद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर सूचित करें।

वर्तमान में गृहलक्ष्मी पत्रिका में सब एडिटर और एंकर पत्रकारिता में 7 वर्ष का अनुभव. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी दैनिक अखबार में इंटर्न के तौर पर की. पंजाब केसरी की न्यूज़ वेबसाइट में बतौर न्यूज़ राइटर 5 सालों तक काम किया. किताबों की शौक़ीन...