फिटकरी में चमत्कारी गुण पाए जाते हैं
फिटकरी से पौधों की ग्रोथ बहुत अच्छी होती है और इसमें कुछ ऐसे चमत्कारी गुण पाए जाते हैं जिन्हें जानकार आप दंग रह जायेंगे।
Alum for Plants: हम सबको जितना अपना ख़्याल रखना होता है, उतना ही ख़्याल अपने आसपास लगे पौधों का भी रखना होता है ताकि हमारे आसपास का वातावरण अच्छा और ख़ूबसूरत हो सके। ऐसे में अपने आसपास लगे पेड़ पौधों की सही देखभाल ज़रूरी हो जाती है। आज हम इसी क्रम में आपको फिटकरी के बारे में बताने वाले हैं जिससे पौधों की ग्रोथ बहुत अच्छी होती है और इसमें कुछ ऐसे चमत्कारी गुण पाए जाते हैं जिन्हें जानकार आप दंग रह जायेंगे। यह एक ऐसा पदार्थ है जिसमें पोटेशियम सल्फेट और एल्युमिनियम सल्फेट का मिश्रण पाया जाता है। फिटकिरी में पायी जाने वाली खटास पौधों में सिट्रिक एसिड की कमी को दूर करती है। जिससे पेड़- पौधे स्वस्थ रहते हैं और अच्छे से ग्रो करते हैं।
फसलों में फिटकरी के फायदे

फसलों में फिटकरी का उपयोग करना कई तरह से फ़ायदेमंद होता है। यह खेत के जल स्तर को नियंत्रित करता है जिससे पानी की समस्या दूर होती है। यह पौधों के लिए एक तरह से खाद की तरह काम करता है जिससे पौधों को खुराक मिलती है। यह साथ ही साथ फ़सलों में लगने वाले कीटों को भी दूर करता है। मिट्टी की ph वल्लू को भी सही रखता है। फिटकरी के उपयोग से पौधे में दीमक और कीट नहीं लगते हैं।
धान में फिटकरी का उपयोग

फिटकरी का सबसे ज़्यादा उपयोग धान में किया जाता है जिसके कई फ़ायदे हैं। कुछ लोग धान की रोपाई से पहले खेत में फिटकरी डालना पसंद करते हैं। इसका उपयोग करने से एक तरफ़ जहां मिट्टी का पीएच मान बना रहता है वहीं दूसरी तरफ धान के फसल की ग्रोथ भी बहुत अच्छी होती है। साथ ही साथ इसके उपयोग से कीड़े-मकोड़े नष्ट हो जाते हैं। कीट, दीमक भी फसल में नहीं लगते हैं।
फसल उत्पादकता बढ़ती है

कुछ लोग फिटकरी का उपयोग फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिहाज़ से करते हैं। अच्छा लाभ पाने के लिए फिटकरी को पहले से बारीक़ पीस लेना चाहिए और इसे अंतिम जुताई के समय खेत की मिट्टी में मिलाना चाहिए। आप इसका उपयोग पानी में घोल तैयार करके भी कर सकते हैं। इस घोल को सिंचाई के पानी में बूंद-बूंद करके डालने से भी उत्पादकता बढ़ती है।
जल स्तर का नियंत्रण

फिटकरी का उपयोग जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है। ऐसी जगहें जहां पर जल स्त्रोतों की कमी होती है। वहाँ पर फिटकरी का उपयोग करके जल को संतुलित किया जाता है। यह जल को संतुलित करने के साथ साथ मृदा की प्रतिरक्षा क्षमता को भी बढ़ाता है। जिससे पौधों को कई स्तर पर लाभ मिलता है।
गमले में फिटकरी का उपयोग

फिटकरी का उपयोग गमले अथवा में लगे पौधों को दीमक आदि से बचाने के लिए भी किया जाता है। इसके लिए आप 5 लीटर पानी में 50 ग्राम फिटकरी डालकर घोल तैयार कर लेना चाहिए। घोल के तैयार होने के बाद आप 5 लीटर पानी में आधा लीटर फिटकरी का घोल मिलाकर ग्रोबैग अथवा गमलों में लगे पौधों में डाले। इससे दीमक और चींटी पौधे में नहीं लगेगी।