इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय ये 7 ग़लतियाँ करने से बचें
अगर आप थोड़ी जानकारी के साथ समझदारी से टैक्स भरने का काम करते हैं तो यह प्रक्रिया काफ़ी आसान हो जाती है। चलिए आज आपको ऐसी कुछ जानकारी देते हैं, जिन्हें ध्यान में रखने पर आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना काफी आसान हो जाएगा।
Income Tax Return Tips: अगर आपकी आमदनी टैक्स के दायरे में आती है तो आपको हर साल एक तय राशि टैक्स के रूप में जमा करनी होती है। वित्त वर्ष 2023-24 (असेसमेंट इयर 2024-25) के लिए टैक्स भरने की आख़िरी तारीख़ 31 जुलाई है। समय से टैक्स नहीं जमा करने वालों को 5000 रुपये की पेनल्टी देनी होगी। इसलिए टैक्स दायरे में आने वाले सभी लोग इस तारीख़ के पहले टैक्स भरने में लगे हैं। इस साल भी ऐसे बहुत से टैक्सपेयर्स हैं, जो पहली बार आईटीआर फाइल करने जा रहे हैं। कई लोगों को इस बारे में ठीक तरह से जानकारी नहीं रहती है। जानकारी के अभाव में कई लोग आईटीआर फाइल करने में गलती कर देते हैं, और इस वजह से उन्हें इनकम टैक्स नोटिस भी मिल सकता है। आपको आइटीआर भरना मुश्किल काम भले ही लगता हो, लेकिन अगर आप थोड़ी जानकारी के साथ समझदारी से टैक्स भरने का काम करते हैं तो यह प्रक्रिया काफ़ी आसान हो जाती है। चलिए आज आपको ऐसी कुछ जानकारी देते हैं, जिन्हें ध्यान में रखने पर आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना काफी आसान हो जाएगा। जानते हैं इस दौरान किन गलतियों से बचना ज़रूरी है-
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जानकारी वेरिफाई करें

टैक्स रिटर्न भरने के पहले आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करके फॉर्म 26एएस और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट डाउनलोड कर लें। यह अच्छे से मिला लें कि इस फॉर्म में दिए गए विवरण आपके फॉर्म 16 और अन्य वित्तीय रिकॉर्ड से मेल खा रहे हैं या नहीं। इनमें किसी तरह की विसंगति होने पर आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है।
सही आइटीआर फॉर्म चुनें
अगर आपने सही आइटीआर फॉर्म का चयन नहीं किया विभाग को सही जानकारी नहीं मिल आयकर विभाग की तरफ से पाएगी। अलग-अलग तरह के लोगों के लिए इनकम टैक्स 7 तरह के फॉर्म जारी किए जाते हैं। सबसे जरूरी है कि आप सही फॉर्म का चुनाव करें।
सही आय की जानकारी दें
कई लोग टैक्स बचाने के लिए अन्य स्रोतों से होने वाली आय छुपाने की कोशिश करते हैं और डोनेशन या निवेश की ग़लत जानकारी दे देते हैं। इस तरह की ग़लत जानकारी से आपको पेनल्टी देनी पढ़ सकती है। शेयरों या म्यूचुअल फंड की बिक्री से होने वाली किसी भी अघोषित आय का पूरा ध्यान रखें। पिछले वित्त वर्ष में अगर कोई कैपिटल गेन हुआ है तो उसको आइटीआर-2 में फाइल करें।
क्लेम के डॉक्युमेंट्स संभालकर रखें
डिडक्शन क्लेम के लिए जो भी दस्तावेज लगा रहे हैं उन्हें संभालकर रखें। क्लेम के वेरिफिकेशन के समय आपको इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। फर्जी किराए की रसीद और दूसरे कागज लगाने से बचें। इससे आपको बड़ा नुकसान भुगतना पड़ सकता है और कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।
सही व्यक्तिगत जानकारी
इनकम टैक्स रिटर्न ध्यान रखें कि सही जानकारियाँ ही भरें। नाम, पता, जन्म तिथि, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर आदि जानकारियाँ अच्छे से चेक कर लें।
अकाउंट डिटेल
टैक्स रिटर्न उस खाते में आता है जो आपने रिटर्न फाइल करते समय भरा है। इसलिए अपना अकाउंट नंबर, ब्रांच और आईएफ़एससी नंबर एक बार अच्छे से चेक कर लें। इसके अलावा अपना बैंक अकाउंट प्रीवैलिडेट भी जरूर करायें। आपका खाता वैलिडेट नहीं होने के कारण आपका रिफंड अकट सकता है।
ई-वेरिफिकेशन
आईटीआर फाइल करने के बाद कई बार तुरंत वेरिफिकेशन नहीं हो पाता है। आप 30 दिन के अंदर आईटीआर वेरिफाई करने का विकल्प ले सकते हैं। लेकिन, कई बार लोग आईटीआर को वेरिफाई करना भूल जाते हैं। अगर आईटीआर ई-वेरिफाई नहीं होता है तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा।
तो, आप भी अंतिम तारीख़ का इंतज़ार किए बिना तुरंत आइटीआर फाइल करें और उस दौरान ये ग़लतियाँ करने से बचें।
