Self Analysis: खुश रहना किसे अच्छा नहीं लगता। सभी खुद को और अपने आसपास रहने वाले लोगों को खुश रखना चाहते हैं। लेकिन कई बार कुछ आदतें आपकी खुशियों में रोड़ा बन जाती हैं। हालांकि लोगों को लगता है कि उनकी किस्मत में खुशी है ही नहीं या लोगों की वजह से वह परेशान हैं, लेकिन वास्वविकता तो ये है कि वह अपनी आदतों की वजह से परेशान और नाखुश रहते हैं। कुछ बुरी आदतें जो देखने और सुनने में समान्य लग सकती हैं लेकिन यकीन मानिए वह आपकी जिंदगी बरबाद कर सकती हैं। तो ऐसी आदतों को छोड़ने में ही समझदारी है। ऐसी कौन सी आदतें हैं जो आपकी जिंदगी को बेजान और नाखुश बना सकती हैं, चलिए जानते हैं इसके बारे में।
लगातार बैठे रहना

घर पर लंबे समय तक एक ही काउच पर लेटे रहना या ऑफिस में घंटों कुर्सी पर बैठे रहने से व्यक्ति आलसी और डिमोटिवेटिड फील करने लगता है। ये फीलिंग उसे दुखी कर सकती है और कई बार वह खुद को दूसरों से कमतर मानने लगता है। लगातार एक ही जगह पर बैठे रहने से न केवल फिजिकल हेल्थ प्रभावित होती है बल्कि इसका असर आपकी मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है।
पैसों के बारे में सोचना
कई लोग कितना भी कमा लें लेकिन खुद को कम ही आंकते हैं। हमेशा पैसों और खर्चों के बारे में सोचने से भी व्यक्ति दुखी और परेशान हो सकता है। आर्थिक चिंताएं व्यक्ति को अंदर से खोखला कर सकती हैं। इसलिए पैसों के बारे में सोचने से बेहतर है कि आप सिचुएशन को कैसे बेहतर बनाया जाए जिससे आपकी आर्थिक समस्याएं समाप्त हो सकें, इसके बारे में सोचें।
हर चीज में गलती निकालना
कुछ लोग अपने काम और रिलेशनशिप में परफेक्शन चाहते हैं। जिसके चलते वह सभी चीजों को सही ढंग से करने का प्रयास करते हैं। लेकिन कई बार चीजें उनके हिसाब से परफेक्ट नहीं हो पातीं। जिस वजह से वह दुखी और परेशान रहने लगते हैं। ऐसी स्थिति में जरूरी है आप कुछ चीजों को दूसरों पर छोड़ दें। जरूरी नहीं कि सब चीजें आप सही कर सकें। इसके अलावा चीजों के खराब होने पर इसका ब्लेम खुद को न दें।
ओवरथिंकिंग

ओवरथिंकिंग एक ऐसी समस्या है जो न चाहते हुए भी व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ती। जरूरत से ज्यादा सोचना यानी खुद की खुशी को खत्म करना है। ओवरथिंकिंग करने से तनाव और चिंता बढ़ सकती है। जिससे व्यक्ति डिप्रेशन का भी शिकार हो सकता है। कई लोग पुरानी बातों को सोचकर भी परेशान हो जाते हैं। इसलिए पुरानी बातों को भूलकर अपने सुनहरे भविष्य के बारे में सोचें। इससे आपके जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाएंगी।
सोशल मीडिया से कंपेयर
कंपेरिजन को खुशियों का चोर माना जाता है। लेकिन आजकल ज्यादातर लोग सोशल मीडिया पर अपनी खुशियां तलाशते हैं। सोशल मीडिया में दिखाई देता है 80 प्रतिशत वह फेक ही होता है लेकिन लोग उससे इंस्पायर होकर अपनी लाइफ में कमियां ढूंढ़ने लगते हैं। सोशल मीडिया एक तरह का ट्रेप है जो आपकी खुशियों को जला सकता है। इसलिए सोशल मीडिया के चक्कर से दूर रहने में ही भलाई है।
