Ancient Temples Of Delhi: देश की राजधानी दिल्ली संस्कृति, कला और वास्तुकला के संगम के लिए जानी जाती है। हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला यह शहर अपनी ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों के लिए जाना जाता है जो विरासत और आधुनिकता का आदर्श उदाहरण हैं। यहां आपको ऐतिहासिक किले, मकबरे, उद्यान के साथ-साथ मॉडर्न म्यूजियमस, मॉल्स, होटेल्स सब देखने मिलेगा।
इसके अलावा, शायद ही आपको पता हो की दिल्ली का जिक्र तो महाभारत काल में भी हुआ है, जी हां! दिल्ली को उस समय इसके वास्तविक नाम ‘इंद्रप्रस्थ’ से जाना जाता था। आपको यह जानकर और भी आश्चर्य होगा की आज भी दिल्ली शहर में कई ऐसे पौराणिक मंदिर मौजूद हैं जहाँ जाकर आपको मनचाही कामना की पूर्ति का वरदान मिलता है। तो आइये बताते हैं, आपको कुछ ऐसे विशेष मंदिरों के बारे में,
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दिल्ली में घूमने लायक प्राचीन मंदिर
कालकाजी मंदिर
यह मंदिर दिल्ली के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और इसे मनोकामना सिद्धपीठ के नाम से भी जाना जाता है। कई लोगों का मानना है कि यह मंदिर पांडवों द्वारा बनाए गए पांच मंदिरों में से एक है। कालकाजी मंदिर आपके लिए सतयुग के इतिहास को फिर से जीने का अवसर प्रदान करता है। पौराणिक कहानी के अनुसार, देवी दुर्गा राक्षस रक्तबीज का अंत करने के लिए कालिका अवतार में प्रकट हुई थीं। आज दिल्ली का कालकाजी मंदिर पिरामिडनुमा मीनार से सुसज्जित है।
पता : निकट कालकाजी मेट्रो स्टेशन, मां आनंदमयी मार्ग, एनएसआईसी एस्टेट, ब्लॉक 9, कालकाजी, नई दिल्ली, 110019
योगमाया मंदिर
दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक, योगमाया मंदिर देवी योगमाया को समर्पित है जो भगवान कृष्ण की बहन हैं। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने किया था। यह मंदिर वास्तव में समय की कसौटी पर खरा उतरा है क्योंकि इस मंदिर पर कई बार मुग़ल सेनाओं और तानाशाहों द्वारा आक्रमण किया गया था। आधुनिक मंदिर का पुनर्निर्माण राजा विक्रमादित्य हेमू ने करवाया था। आपको यहां ‘फूल वालों की सैर’ नामक त्योहार का मज़ा जरूर लेना चाहिए जो मुग़लकाल से चली आ रही एक मिसाल है हिन्दु-मुस्लिम एकता की।
पता : खसरा नं. 1806, महरौली, नई दिल्ली, 110030
किलकारी भैरव मंदिर
दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ मंदिरों में से एक, श्री किलकारी भैरव मंदिर प्रगति मैदान के नजदीक स्थित है। कई लोगों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था। यह मंदिर आज दुधिया भैरव मंदिर और किलकारी भैरव मंदिर से सुशोभित है। दूधिया भैरव मंदिर में मूर्ति को दूध अथवा किलकारी भैरव मंदिर में भगवान को शराब चढ़ाई जाती है। यहां भगवान भैरव की पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में शराब और दूध देने का विधान है और अपनी इस अनूठी संस्कृति के कारण यह मंदिर सुर्खियों में रहता है।
पता : प्रगति मैदान, नई दिल्ली, दिल्ली 110001
प्राचीन श्री हनुमान मंदिर
कनॉट प्लेस में स्थित हनुमान मंदिर उन मंदिरों की सूची में सबसे ऊपर है जो महाभारत काल के दौरान बनाए गए थे। कहा जाता है कि वर्तमान मंदिर का निर्माण महाराजा जय सिंह ने 1724 में करवाया था। यहां हर दिन सैकड़ों पर्यटक हनुमान जी की पूजा करने के लिए आते हैं। मंदिर की छत भगवान राम की छवियों से अलंकृत है। यहां सबसे ज्यादा पर्यटक मंगलवार और शनिवार को आते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर के नाम लगातार श्री राम, जय, राम, जय राम का जाप करने का गिनीज रिकॉर्ड दर्ज है।
पता : बाबा खड़क सिंह मार्ग, हनुमान मंदिर एरिया, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली, दिल्ली 11000
गौरी शंकर मंदिर
सबसे अधिक दर्शानार्थी वाले मंदिरों में से एक होने के नाते गौरी शंकर मंदिर, दिल्ली के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक सैनिक ने करवाया था जिसने घायल होने के बावजूद वापस आने में कामयाबी हासिल की थी। यहां का शिवलिंग 800 वर्ष पुराना माना जाता है। यहां की दीवारों पर आपको पार्वती, गणेश, कार्तिक की छवियाँ भी मिलेंगी। अधिकांश भक्त सोमवार को मंदिर आते हैं। यहां की अविश्वसनीय सजावट देखने के लिए आपको शिवरात्रि का अनुभव जरूर लेना चाहिए।
पता : 2573, चांदनी चौक रोड, कटरा लेहस्वान, चांदनी चौक, दिल्ली, 110006
