गायत्री मंत्र की महिमा अपार मानी गयी है कहते है ये मंत्र तुरंत फल देता है भगवान का वरदान है गायत्री मंत्र जो की इंसान को आर्थिक, सामाजिक, शारीरिक, मानसिक,व्यवसायिक रूप से मजबूती प्रदान करता है पर ये लाभ तभी देता है जबकि इस मंत्र का जाप सही विधि, समय, नियम व पूरी शुद्ता और विश्वास के साथ किया जाये| तो ये लेख एक छोटा सा प्रयास है गायत्री मंत्र की शक्ति और ताकत के बारे में बताने का ताकि आप उससे लाभ ले सके पर उससे पहले जरुरी है कुछ नियम जिनका पालन करने के बाद ही गायत्री मंत्र आपके लिए वरदान सिद्ध होगा|

गायत्री मंत्र से जुड़े कुछ नियम इस प्रकार से है|

  • सबसे पहले जरुरी है सही समय का चयन करना| गायत्री मंत्र के जाप को करने के लिए तीन समय बताये गये है|
    • पहला समय- सूर्य उगने से थोड़ा पहले मंत्र जाप शुरू करे और फिर सूर्य उगने के थोड़ी देर के बाद बंद कर दे| सुबह के समय पूर्व दिशा की तरफ मुख करके मंत्र जाप करना चाहिए|
    • दूसरा समय- दोपहर के समय मंत्र जाप कर सकते है|
    • तीसरा समय- सूर्य अस्त होने से थोड़ा पहले मंत्र जाप शुरू करे और सूर्य अस्त होने के बाद थोड़ी देर तक जाप करते रहे, शाम के समय पच्छिम दिशा की तरफ मुख करके मंत्र जाप करना चाहिए|

अगर आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए किसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए मंत्र जाप करना चाहते हैं तो प्रायः उपरोक्त तीनों समय में से कोई एक समय का चुनाव करके करेगे तो आपको जल्दी उसका उत्तम फल मिलेगा इसके अलावा आप शुद्धता के साथ सोते जागते, उठे बैठते, चलते हुए, भी गायत्री मंत्र का मौन यानि मानसिक जाप अपने मन ही मन में कर सकते है इसका भी आपको बहुत लाभ होगा पर अशुद्ध जगह और अशुद्ध अवस्था में कभी भी गायत्री मंत्र का जाप ना करे नहीं तो ये आपको हानि ही देगा लाभ की बजाय| गायत्री मंत्र के लिए कहा जाता है की ये एक ऐसा संजीवनी मंत्र है जिसका जाप भगवान भी करते है और इसके जाप से प्रायः असम्भव काम भी सम्भव हो जाता है इस लिए इसका प्रयोग कभी गलत कामों की सफलता के लिए ना करे नहीं तो इसके घातक व मारक प्रभाव के वार भी आपकी तरफ आ सकते है|

  • गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए आप रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करे तो बहुत अच्छा है इसके अलावा आप तुलसी, चन्दन की माला का भी प्रयोग भी कर सकते है|
  • गायत्री मंत्र का जाप करते समय सूती और ढीले कपडे पहने वैसे कोई भी कपडें आप पहन सकते है बस साफ़ और धुले होने जरुरी है पर अगर विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए कर रहे है तो फिर आप सफ़ेद या पीले और केसरिया रंग के कपडें पहने तो ज्यादा फलदायी होगा मंत्र जाप|
  • मंत्र जाप हमेशा धीमी आवाज में ही करे वातावरण शांत रखे और पीले आसन पर ही बैठ कर करे तो अच्छा होगा बिस्तर पर बैठ कर नहीं करना चाहिए अगर आप बीमार है तो आप साफ़ बिस्तर पर बैठकर मंत्र जाप करना चाहे तो कर सकते है उसमे कोई दोष नहीं लगता है|
  • वैसे आप किसी भी दिन से गायत्री मंत्र का जाप शुरू कर सकते है पर किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए आप शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सुबह से करे और संकल्प करके ही करे की आप किस कामना के पूर्ति के लिए और कितने गायत्रीं मंत्रो का जाप करने वाले हैं इससे आपको तुरंत ही लाभ होगा|
  • गायत्रीं मंत्र का जाप करते समय एक बर्तन में थोडा सा जल रख ले और जब जाप पूरा हो जाये तब वो जल पूरे घर में छिडके खुद पिये और घर के सब सदस्यों को भी पिलाये इससे नकरात्मक ऊर्जा दूर होती है|
  • अगर अपने या किसी की जीवन रक्षा हेतु गायत्री मंत्र का जाप कर रहे है तो इसके लिए जल के साथ कुछ प्रसाद भी रखे और जाप करने के बाद वो जल रोगी के ऊपर छिड़क दे उसके कमरे में डाल दे चारों कोनों में और उसको पिला दे साथ ही प्रसाद भी रोगी को खिला दे इस लिए प्रसाद ऐसा रखे जो की रोगी खा सके|
  • गायत्री मंत्र के आगे और पीछे सम्पुट लगाने से मंत्र की ताकत और भी बढ़ जाती है सम्पुट किसी भी बीज मंत्र का लगा सकते है|

गायत्री मंत्र का जाप करते समय आपके सामने माता गायत्री की  मूर्ति या तस्वीर का होना बहुत जरुरी है साथ ही देशी घी का दिया जलाकर अगर आप जाप करते है तो बहुत अच्छा माना जाता है कोशिश यही करे की मंत्र जाप के समय आप इस नियम का पालन कर पाए अन्यथा बिना इसके भी कर सकते मन में ही इन दोनों चीजों की कल्पना कर ले और जाप शुरू करे|

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